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भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ के बने तीसरे मुख्यमंत्री, टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू ने मंत्री पद की शपथ ली

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख भूपेश बघेल ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.

Updated on: 17 Dec 2018, 10:41 PM

नई दिल्ली:

छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रमुख भूपेश बघेल ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. भूपेश छत्तीसगढ़ के तीसरे मुख्यमंत्री बने. भूपेश बघेल के साथ ही राज्यपाल ने टी.एस. सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई.  शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय नेताओं में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, छत्तीसगढ़ के पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया, पंजाब के मंत्री एवं मशहूर क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू, नेशनल कान्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, सांसद राज बब्बर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए.

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बघेल की ताजपोशी समारोह में प्रदेश कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायकों, संगठन के पदाधिकारियों के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल, भाजपा के नवनिर्वाचित विधायक बृहमोहन अग्रवाल एवं भूपेश बघेल की पत्नी मुकेश्वरी बघेल, उनकी बेटियां सहित परिवार के लोग मौजूद थे.

शपथ ग्रहण समारोह के बाद राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रदेश के लोगों का शुक्रिया अदा किया और 'नया छत्तीसगढ़' बनाने का संकल्प दोहराया.

उन्होंने लिखा, 'हम कंधे से कंधा मिलाकर नया छत्तीसगढ़ बनाएंगे. इस सरकार पर किसानों, युवाओं और महिलाओं का विशेष दावा होगा.' राहुल गांधी ने भारी जीत के लिए पार्टी कार्यकताओं और नेताओं के प्रति आभार प्रकट किया.

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दुर्ग जिले के पाटन विधानसभा क्षेत्र से पांचवीं बार विधायक चुने गए बघेल अक्टूबर, 2014 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे. वह रमन सिंह के नेतृत्ववाली भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए रणनीति बनाकर काम करते रहे, जिसका नतीजा यह हुआ कि प्रचार पर करोड़ों रुपये बहाने के बावजूद रमन सरकार धराशायी हो गई. विधानसभा की 90 सीटों में से कांग्रेस को 68 सीटें मिली हैं.

बघेल ने प्रदेश कांग्रेस की कमान तब संभाली, जब मई, 2013 में नक्सलियों ने झीरम घाटी से गुजरते कांग्रेस के काफिले पर हमला कर तब के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल सहित लगभग 25 बड़े नेताओं की हत्या कर दी थी. हिंसापूर्ण तरीके से पार्टी के शीर्ष नेताओं का सफाया कर दिए जाने के बाद बघेल ने जिस कुशलता के साथ पार्टी को फिर से खड़ा किया और आज सरकार बनाने की स्थिति में पहुंचाई, उसकी सभी तारीफ करते हैं.

बघेल अविभाजित मध्य प्रदेश की दिग्वजय सिंह सरकार में और फिर छत्तीसगढ़ बनने के बाद अजीत जोगी के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे थे.

58 वर्षीय बघेल को रविवार को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया था.