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पुलेला गोपीचंद बोले, ओलंपिक 2020 में हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे, यह जताई उम्‍मीद

भारत की राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) ने कहा है कि उम्दा तैयारी के साथ वह टोक्यो ओलंपिक-2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय टीम के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं.

Updated on: 04 Jan 2020, 07:53 AM

New Delhi:

भारत की राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) ने कहा है कि उम्दा तैयारी के साथ वह टोक्यो ओलंपिक-2020 (Tokyo Olympics 2020) में भारतीय टीम के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे हैं. पुलेला गोपीचंद (badminton team coach Pullela Gopichand) ने कहा, बीते कुछ ओलंपिक में हमने अच्छा प्रदर्शन किया है. इस बार हमारी तैयारी अच्छी है और हम अपनी टीम में एक विश्व चैम्पियन के साथ टोक्यो जा रहे हैं. आशा है कि हम बीते संस्करणों की तरह इस बार भी ओलंपिक में अच्छा प्रदर्शन करेंगे. गोपीचंद ने खेलो इंडिया प्रोग्राम की तारीफ की और कहा कि यह खेलों के क्षेत्र में सकारात्मक तस्वीर पेश करता है. गोपीचंद ने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स भारत के युवा एथलीटों को शानदार एक्सपोजर मुहैया कराएगा.

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पुलेला गोपीचंद ने कहा, खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसा इवेंट, जिसमें सभी खेलों को समाहित किया गया है, एथलीट्स के लिए अच्छा एक्सपोजर है. मुझे इस आयोजन को लेकर खुशी है. खेलो इंडिया प्रोग्राम, जिसमें स्कालरशिप और पुरस्कार शामिल हैं, मेरी नजर में खेलों की अच्छी तस्वीर पेश करते हैं. 46 साल के गोपीचंद ने यह भी कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स व्यापक खेल संस्कृति के लिहाज से एक यूनीक कम्पटीशन है. खेलो इंडिया यूथ गेम्स का तीसरा संस्करण 10 से 22 जनवरी के बीच गुवाहाटी में खेला जाएगा.

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गोपीचंद ने कहा, मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने दिल्ली और पुणे में आयोजित इन खेलों के शुरुआती संस्करण देखे हैं. खेलो इंडिया के लिहाज से भारत सरकार काफी सराहनीय काम कर रही है. युवा एथलीटों को इंटरनेशनल कंडीशन में परफॉर्म करने का मौका देना अच्छी पहल है. इससे उन्हें निश्चित तौर पर फायदा होगा. खेलो इडिया प्रोग्राम एक यूनीक इनशिएटिव है और से सराहा जाना चाहिए. गोपीचंद ने बताया कि उनकी टीम किस आधार पर भविष्य की प्रतिभाओं की तलाश करती है. गोपी ने कहा, बैडमिंटन काफी फिजिकल है लेकिन साथ ही साथ यह स्किल बेस्ड भी है. हमारे लिए मानसिक और शारीरिक मजबूती अहम है. हम जब युवा खिलाड़ियों की ओर देखते हैं तो हम आमतौर पर इस बात पर अधिक जोर देते हैं कि खिलाड़ी मानसिक तौर पर अधिक मजबूत हो क्योंकि शीर्ष स्तर पर चमकने के लिए इसकी सबसे अधिक जरूरत होती है.