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आईएसएल-4: सुनील छेत्री की हैट्रिक से बेंगलुरू फाइनल में

कप्तान सुनील छेत्री की हैट्रिक के दम पर बेंगलुरू एफसी ने आईएसएल के चौथे सीजन के फाइनल में जगह बना ली है।

Updated on: 11 Mar 2018, 11:14 PM

नई दिल्ली:

कप्तान सुनील छेत्री की हैट्रिक के दम पर बेंगलुरू एफसी ने रविवार को अपने घर श्री कांतिरावा स्टेडियम में खेले गए पहले सेमीफाइनल मैच के दूसरे चरण में एफसी पुणे सिटी को 3-1 से मात देकर हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के चौथे सीजन के फाइनल में जगह बना ली है।

दोनों टीमों के बीच पुणे में खेला गया पहला चरण गोलरहित बराबरी पर समाप्त हुआ था। लीग में पहली बार खेल रही बेंगलुरू को फाइनल में जाने के लिए इस मैच में हर हाल में जीत की जरूरत थी तो वहीं पहली बार सेमीफाइनल में खेल रही पुणे अगर मैच गोल करते हुए ड्रॉ करा लेती तो अवे गोल के नियम से वह फाइनल में पहुंच जाती। बाजी हालांकि बेंगलुरू ने मारी और अपने घर में प्रशंसकों को मायूस नहीं होने दिया।

छेत्री के अब इस सीजन में 13 गोल हो चुके हैं और वह इस सीजन में सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ियों की सूची में संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर आ गए हैं।

अपने घर में खेल रही बेंगलुरू पर दबाव था, लेकिन उसके खेल में यह दबाव दिख नहीं रहा था और टीम ने शुरू से ही सकारकात्मक खेल खेला। दूसरे मिनट में ही उदांता सिंह ने बाएं तरफ से बॉक्स में प्रवेश किया और गोलपोस्ट के सामने खड़े छेत्री को पास दिया। अगर छेत्री का शॉट बाहर नहीं जाता तो दूसरे मिनट में ही मेजबान टीम ने बढ़त ले ली होती।

पुणे भी रुकने वाली नहीं थी उसने अगले ही मिनट पलटवार किया। एमिलियानो एल्फारो ने डिएगो कार्लोस को गेंद दी जिन्होंने शानदार शॉट नेट की दिशा में मारा लेकिन मेजबान टीम के शानदार गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने शानदार बचाव करते हुए गोल होने से रोक दिया। दोनों टीमें लगातार हमले कर रहीं थी और अपने ऊपर दूसरी टीम का हावी नहीं होने देना चाहती थीं।

पहला गोल दागने की कोशिश में लगीं दोनों टीमों के बीच बेंगलुरू बाजी मारी ले गई। उसके लिए गोल कप्तान सुनील ने किया। उदांता ने एक बार फिर दाईं तरफ से गेंद गोलपोस्ट के सामने डाली। वहां छेत्री खड़े थे, जिन्होंने हेडर मारा, हालांकि उनके हेडर में ज्यादा दम नहीं था, लेकिन पुणे के गोलकीपर विशाल कैथ और डिफेंडर गुरतेज के बीच हुई गलतफहमी के बीच यह कमजोर हेडर आसानी से नेट में जा घुसा और बेंगलुरू ने 15वें मिनट में ही बढ़त ले ली।

19वें मिनट में पुणे के स्टार मार्सेलिन्हो ने गोलपोस्ट पर अपनी किस्मत आजमानी चाही लेकिन संधू उनकी राह में बाधा बन गए। मार्सेलिन्हो ने एक और शानदार मौका 29वें मिनट में बनाया, लेकिन एल्फारो के पास पर मार्सेलिन्हो चूक गए।

31वें मिनट में पुणे के साहिल पवार को इस मैच का पहला येलो कार्ड मिला। 38वें मिनट में उदांता और सुनील ने एक और मौका बनाया लेकिन सुनील इस मौके को अंजाम तक नहीं पहुंचा सके। सुनील ने 42वें मिनट में मिले कॉर्नर पर हेडर मार एक और प्रयास किया, लेकिन छेत्री की किस्मत इस बार भी उन्हें दगा दे गई और गेंद बाहर चली गई।

पहले हाफ के अंत तक मेजबान टीम ने अपनी बढ़त को कायम रखा। इस हाफ में दोनों टीमों ने बराबरी की शुरुआत की थी लेकिन आखिरी के पांच मिनट में पुणे, बेंगलुरू से एक कदम पीछे रही।

हालांकि दूसरे हाफ में आते ही पुणे ने अपने आप को संभाला। कोच रैंको पोपोविक ने साहिल के स्थान पर सार्थक गोलुई को उतारा। वहीं एल्फारो ने आक्रामकता दिखाते हुए 48वें मिनट में मौका बनाया लेकिन उनका हेडर गेंद को नेट में डालने के बजाए बाहर ले गया, लेकिन बेंगलुरू भी रुकने वाली नहीं थी। मीकू ने 51वें मिनट में उदांता को पास दिया जिन्होंने मध्य से गेंद को नेट में डालना चाहा, हालांकि उनका शॉट भी बाहर चला गया।

55वें मिनट में सार्थक ने एल्फारो को गोल करने का एक और मौका दिया लेकिन इस बार उनका पास एल्फारो के ऊपर से चला गया। अगले ही मिनट छेत्री ने निशाना लगाया जिसे गोलकीपर विशाल ने रोक लिया जो मुस्तैदी से वहां खड़े थे।

सार्थक ने 65वें मिनट में वो गलती कर दी जिसने पुणे की वापसी की राह को लगभग खत्म कर दिया। इसी मिनट बेंगलुरू के कप्तान छेत्री ने मौका बनाना चाहा और उन्हें रोकने की कोशिश में सार्थक ने उन्हें गिरा दिया और रेफरी ने बेंगलुरू को पेनाल्टी देने में देरी नहीं की। छेत्री ने भी लीग में अपना 12वां गोल करने का मौका नहीं गंवाया और बेहद चतुराई से धीमे शॉट के माध्यम से गेंद को गोलपोस्ट में डाल अपनी टीम को 2-0 से आगे कर दिया।

मजबूत बढ़त लेने के बाद बेंगलुरू और हावी हो गई थी और लगातार हमले कर रही थी। छेत्री ने 72वें मिनट में एक और शॉट गोलपोस्ट पर साधा, लेकिन इस बार वो विशाल को छका नहीं पाए।

मैच में वापसी के लिए पुणे के कोच पोपोविक ने कई बदलवा किए लेकिन उनका कोई भी दांव काम नहीं आया। हालांकि 82वें मिनट में पुणे को फ्रीकिक मिली जिसे जोनाथन लुका ने नेट में डाल पुणे की उम्मीदों को जिंदा किया यहां से पुणे की टीम में उर्जा दिखी, लेकिन छेत्री ने 87वें मिनट में अपनी हैट्रिक पूरी करते हुए पुणे की इस उर्जा को एक बार फिर ठंडा कर दिया और अपनी टीम को फाइनल में पहुंचाया।