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'मस्जिदें गिराई जा रही हैं, मौलवियों को मारा जा रहा और दुनिया के मुसलमान चुप हैं'

उइगर मुसलमानों के साथ चीन की दंडात्मक और उत्पीड़न भरी कार्रवाई पर दुनिया के मुसलमानों की चुप्पी पर गहरी नाराजगी जताते हुए मेसुत ने कहा कि चीन में मस्जिदें गिराई जा रही हैं.

Updated on: 15 Dec 2019, 11:00 AM

highlights

  • जर्मनी के स्टार फुटबॉलर मेसुत ओजिल आए चीन के उइगर मुसलमानों के समर्थन में
  • ओजिल ने तुर्की भाषा में अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि कुरान जलाए जा रहे हैं.
  • दुनिया भर के मुसलमानों औऱ मुस्लिम देशों की चुप्पी पर जताई नाराजगी.

New Delhi:

जर्मनी के स्टार फुटबॉलर मेसुत ओजिल (Mesut Ozil) ने अब चीन के उइगर मुसलमानों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की है. उइगर मुसलमानों के साथ चीन की दंडात्मक और उत्पीड़न भरी कार्रवाई पर दुनिया के मुसलमानों की चुप्पी पर गहरी नाराजगी जताते हुए मेसुत ने कहा कि चीन में मस्जिदें गिराई जा रही हैं. मौलवियों को मारा जा रहा है. उइगर बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. इतना कुछ होने के बाद भी दुनियाभर के मुसलमान और मुस्लिम देश चुप हैं. गौरतलब है कि 31 वर्षीय मेसुत जर्मनी के 2014 विश्व विजेता बनाने में अहम योगदान देने के कारण फुटबॉल प्रेमियों के चहेते खिलाड़ी बनकर उभरे हैं.

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उइगर अलगाववादी के झंडे पर ट्वीट कर जताया विरोध
ओजिल ने तुर्की भाषा में अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि कुरान जलाए जा रहे हैं. मस्जिदों को तोड़ा जा रहा है या बंद किया जा रहा है. मदरसों को प्रतिबंधित कर दिया गया. एक-एक करके मौलवियों को मारा जा रहा है. मजबूरन लोगों को शिविर में भेजा जा रहा है. इतना कुछ होने के बावजूद भी दुनियाभर के मुस्लिम चुप हैं. उनकी आवाज कहीं सुनाई ही नहीं दे रही. ओजिल ने यह ट्वीट ब्लू बैकग्राउंड पर किया है. इस पर एक आधा चांद और सितारा भी है. दरअसल यह एक तरह का फ्लैग है, जो उइगर अलगाववादी इस्तेमाल करते हैं.

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पहले भी दे चुके हैं विवादास्पद बयान
गौरतलब है कि मध्य एशिया से पलायन करने वाले तुर्कों से तुर्की देश बना है. तुर्की उइगर मुस्लिमों का भी घर माना जाता है. चीन में उइगर मुस्लिमों की समस्या पर यह देश लगातार सवाल उठा रहा है. ऐसे में उइगर मुसलमानों की दुर्दशा पर सवाल खड़े कर मेसुत दुनिया भर के मुसलमानों के बीच फुटबॉल से इतर लोकप्रिय चेहरा हो गए हैं. तुर्की मूल के ओजिल पिछले साल उस समय भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोआन के साथ फोटो खिंचवाई थी. जर्मनी के फुटबॉल फैंस ने उनकी विश्वसनीयता पर सवाल भी उठाए थे. उन्हें इस कदर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा कि आजिज आकर मेसुत ने जर्मनी की राष्ट्रीय टीम छोड़ दी थी.