एमएस धोनी पर अंगुली उठाने वाले जरा इन बातों पर भी दें ध्यान, एमएस ने इंग्लैंड के खिलाफ किया सही
बड़े शॉट्स मारने की कोशिश में रोहित शर्मा, रिषभ पंत और हार्दिक पंड्या अपना-अपना विकेट गंवा चुके थे. ऐसे में धोनी ने जीत से हटकर नेट रन रेट पर अपना फोकस किया.
highlights
- जब धोनी बल्लेबाजी करने आए तो पिच काफी धीमी हो चुकी थी.
- बड़े शॉट्स मारने के फेर में रोहित, रिषभ और हार्दिक आउट हो चुके थे.
- ऐसे में धोनी ने मैच में रन रेट बरकरार रखने के लिए सही कदम उठाया.
नई दिल्ली.:
टीम इंडिया को वर्ल्ड कप 2019 में रविवार को इंग्लैंड के हाथों पहली हार झेलनी पड़ी. इस हार के साथ ही भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों समेत प्रशंसकों ने भी पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर निशाना साधना शुरू कर दिया. कमेंट्री कर रहे पूर्व कप्तान सौरव गांगुली तक एमएस की बल्लेबाजी पर टिप्पणी करने से खुद को रोक नहीं सके. उनके साथ ही इंग्लैंड के पूर्व कप्तान नासिर हुसैन और संजय मांजरेकर तक ने सवाल खड़े कर दिए. इसके पहले इंग्लैंड के बल्लेबाज जेसन राय के खिलाफ डीआरएस न लेने के फैसले पर भी धोनी को कठघरे में खड़ा किया गया.
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आखिर धोनी ने क्यों की धीमी बल्लेबाजी!
गौरतलब है कि भारतीय टीम को आखिरी 10 ओवर्स में 10.45 की औसत से रन बनाने की दरकार थी. उस वक्त तेजी से रन बना रहे रिषभ पंत आउट हो गए. इसके बाद क्रीज पर आए बेस्ट फिनिशर महेंद्र सिंह धोनी. टीम इंडिया के प्रशंसकों को धोनी से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की उम्मीद थी. हालांकि हुआ इसके विपरीत. धोनी सिंग्लस और डबल्स में रन बनाने लगे. ऐसे में किसी को भी उनका तेज न खेलने का फैसला समझ में नहीं आया. धोनी इस मैच में 31 गेंदों पर 42 रन बनाकर नाबाद रहे, लेकिन टीम इंडिया 31 रनों से इस मैच को हार गई थी. 338 के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम 50 ओवर में 5 विकेट पर 306 रन ही बना सकी.
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इसलिए धोनी आलोचना नहीं, हैं प्रशंसा के हकदार
हालांकि क्रिकेट को माइंड गेम की तरह लेने वाले क्रिकेट पंडित रविवार के मैच में धोनी के प्रदर्शन को वक्त की जरूरत को देखते हुए उठाया गया सही कदम करार दे रहे हैं. गौरतलब है कि रोहित शर्मा ने भले ही शतक बनाया हो, लेकिन उन्होंने और कप्तान विराट कोहली ने टीम इंडिया को धीमी शुरुआत दी. दोनों ने 155 गेंद खेलकर 138 रनों की साझेदारी की. यही नहीं पॉवर प्ले के तहत पहले दस ओवरों में भारतीय बल्लेबाजों ने महज 28 रन बनाए. यह तब है जब इंग्लैंड ने शुरुआती दस ओवरों में 47 और आखिरी दस ओवरों में 92 रन बनाए थे.
वर्ल्ड कप 2019 में एमएस धोनी का प्रदर्शन | |||
बनाम | रन | गेंद | औसत |
द. अफ्रीका | 34 | 46 | 73.91 |
ऑस्ट्रेलिया | 27 | 14 | 192.85 |
पाकिस्तान | 1 | 2 | 50 |
अफगानिस्तान | 28 | 52 | 53.84 |
वेस्ट इंडीज | 56* | 61 | 91.8 |
इंग्लैंड | 42* | 31 | 135.48 |
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सही वक्त पर उठाया सही कदम
गौर करने वाली बात यह है कि धोनी जब ऱिषभ पंत के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए तो पिच काफी धीमी हो चुकी थी. बल्ले पर गेंद आसानी से नहीं आ रही थी. बड़े शॉट्स मारने की कोशिश में रोहित शर्मा, रिषभ पंत और हार्दिक पंड्या अपना-अपना विकेट गंवा चुके थे. ऐसे में धोनी ने जीत से हटकर नेट रन रेट पर अपना फोकस किया. वह मैच करीब तक ले जाना चाहते थे, ताकि भारतीय टीम का नेट रन रेट सही रहे और इस रणनीति में वह सफल रहे. कह सकते हैं कि धोनी पर अंगुली उठाने वालों को रोहित-विराट की साझेदारी के अलावा शुरुआती ओवरों में कम रनों के लिए भी बाकियों को दोष देना चाहिए.
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