logo-image

PAK Vs BAN: टॉस जीतकर कुएं से बचा पाकिस्‍तान, खाई को पाटने के लिए खड़ा करना होगा रनों का पहाड़

आज के मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ पाकिस्तान टॉस हार जाता और बांग्लादेश पहले बल्लेबाजी चुनती है तो पहली गेंद फेंके जाने से पहले ही टीम वर्ल्ड कप 2019 से बाहर हो जाती

Updated on: 05 Jul 2019, 02:59 PM

नई दिल्‍ली:

अब तक 1992 के महासंयोग के सहारे विश्‍व कप के खिताब का ख्‍वाब देख रही पाकिस्‍तान की टीम आज बांग्‍लादेश के खिलाफ टॉस जीतकर कुएं में गिरने से तो बच गई पर आगे खाई से बचने के लिए उसे रनों का पहाड़ खड़ा करना होगा. क्‍योंकि अगर आज के मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ पाकिस्तान टॉस हार जाता और बांग्लादेश पहले बल्लेबाजी चुनती है तो पहली गेंद फेंके जाने से पहले ही टीम वर्ल्ड कप 2019 से बाहर हो जाती. क्योंकि ऐसे हालत में पाकिस्तान का रन रेट न्यूजीलैंड के रन रेट से कम हो जाता और पाकिस्तान की टीम का सेमीफाइनल में पहुंचने का सपना अधूरा रह जाता.

कुंए से बचे तो आगे खाई

पाकिस्‍तान के लिए इस मैच में आगे कुंआ और पीछे खाई वाली स्‍थिति है. पाकिस्‍तान की टीम बांग्लादेश के खिलाफ टॉस जीत कर बल्लेबाजी चुनी है. ऐसे में उसे 350 रन बनाना होगा और बांग्लादेश को 311 रनों के बड़े अंतर से हराना होगा. यानी अगर पाकिस्तान पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 350 रन बनाता है तो उसे बांग्लादेश की टीम को 39 रन पर ऑलआउट करना होगा

600, 500, 400 रन बनाएंगे

एक दिन पहले पाकिस्‍तान के कप्तान सरफराज अहमद ने कहा है कि सेमीफाइनल (World cup Semi final) में पहुंचने के लिए टीम को चमत्कार की जरूरत है. यह ऐसा है कि हमें 600, 500, 400 रन बनाने होंगे और फिर सामने वाली टीम को 50 रन पर ऑलआउट करना होगा. अगर इस बारे में वास्तविकता से सोच सकते हैं, तो कोशिश भी कर सकते हैं.

जीत हमारी प्राथमिकता

सरफराज ने कहा, “जाहिर है हम यहां सारे मैच जीतने आए हैं. हम आखिरी मैच जीतने की पूरी कोशिश करेंगे और सेमीफाइनल (World cup Semi final) में पहुंचने की पूरी कोशिश करेंगे. लेकिन हमें वास्तविकता में रहना होगा. अगर अल्लाह मदद करें तो चमत्कार भी हो सकते हैं. लेकिन हमारी प्राथमिकता मैच जीत की ही रहेगी. ”

यह भी पढ़ेंः World Cup: अफगानिस्तान का सफर खत्म, वतन लौटने से पहले टीम के माथे पर लगा ये 'कलंक'

पाक कप्तान ने कहा, “जिन पिचों पर मैच हो चुके हैं उनमें बड़ा स्कोर खड़ा करना मुश्किल होगा. पूरे टूर्नामेंट को देखा जाए तो 280-300 औसत स्कोर रहा है. इंग्लैंड की पिच स्पिन खेलने के लिए मुश्किल रही हैं और गेंद बल्ले पर भी ठीक से नहीं आ रहीं. ”