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ICC World Cup 2019: ..तो इसलिए टीम इंडिया है इस विश्‍व कप की प्रबल दावेदार

खिलाड़ियों का बेहतरीन फार्म है वहीं 1983 और 2011 की विश्‍व विजेता टीम से बेहतर उनका रिकॉर्ड है.

Updated on: 06 Jul 2019, 10:49 AM

highlights

  • 1983 के विश्‍वकप में टीम इंडिया ने कुल 8 मैचों में 1706 रन बनाया था
  • इस विश्‍व कप में विराट की सेना कुल 8 मैचों में 2030 रन बना चुकी है 
  • 2011 के विश्‍व कप में गेंदबाजों ने कुल 8 मैचों में 60 विकेट झटके

नई दिल्‍ली:

आईसीसी वर्ल्‍ड कप 2019 (ICC World Cup 2019) के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी टीम इंडिया यूं ही नहीं है विश्‍व कप की दावेदार. इसके पीछे जहां खिलाड़ियों का बेहतरीन फार्म है वहीं 1983 और 2011 की विश्‍व विजेता टीम से बेहतर उनका रिकॉर्ड है. अब तक टीम इंडिया ने 8 मैच खेले हैं, जिनमें से एक बारिश के कारण रद् भी हो चुका है. इसके बावजूद इतने ही मैचों में पिछले विजेता भारतीय टीमों से विराट की सेना ने कहीं ज्‍यादा बेहतर प्रदर्शन किया है.

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1983 और 2011 से ज्‍यादा रन

1983 के विश्‍वकप में टीम इंडिया ने कुल 8 मैचों में 1706 रन बनाया था. उसका सर्वोच्‍च स्‍कोर जिम्‍बाब्‍वे के खिलाफ 266 रन का था. वहीं 2011 का विश्‍व कप जीतने वाली टीम इंडिया का सर्वोच्‍च स्‍कोर 370 रन था और उसने सेमीफाइनल से पहले खेले गए 7 मैचों में कुल 1934 रन बनाए थे. अगर इस लिहाज से देखें तो इस विश्‍व कप में विराट की सेना कुल 8 मैचों में 2030 रन बना चुकी है और अभी लीग मैचों का आाखिरी मुकाबला उसे श्रीलंका से खेलना है.

2011 से विकेट झटके भारतीय गेंदबाज

इस विश्‍व कप में जहां जसप्रीत बुमराह, मोहम्‍मद शमी और भुवनेश्‍वर कुमार विपक्षी टीमों पर कहर बनकर टूट रहे हैं तो युजवेंद्र चहल व कुलदीप यादव की फिरकी में फंसकर अपना विकेट टीम इंडिया को तोहफे में दे रहे हैं. रही सही कसर पांचवें गेंदबाज के रूप में ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या पूरी कर दे रहे हैं. इन्‍हीं के दम पर विराट की सेना 2011 की विजेता टीम से इस डिपॉर्टमेंट में भी आगे है. 2011 के विश्‍व कप में अपने पहले मुकाबले से लेकर आठवें मैच तक भारतीय गेंदबाजों ने 4 टीमों को ऑल आउट किया और कुल 60 विकेट झटके. वहीं इस विश्‍वकप में टीम इंडिया के गेंदबाज 4 टीमों को ऑलआउट कर कुल 62 विकेट झटक चुके हैं.

अगर 1983 के विश्‍व कप की बात करें तो कपिल देव के नेतृत्‍व में टीम इंडिया ने विश्‍व विजेता बनकर इतिहास रच दिया था. उस समय 60-60 ओवरों के मैच होते थे और कपिल की सेना ने 5 टीमों को ऑलआउट कर कुल 76 विकेट झटक लिए. यकीनन गेंदबाजों का यह प्रदर्शन ही उसे विश्‍व विजेता बनाया. विराट की सेना यहां थोड़ा पीछे है, लेकिन समय, काल और परिस्‍थिति पूरी तरह बदल चुकी है. विराट कोहली के नेतृत्‍व में टीम इंडिया ज्‍यादा आक्रामक और जीत की भूखी दिखाई दे रही है, और यही वहज है कि 130 करोड़ भारतीय इस टीम से विश्‍व चैंपियन बनने की उम्‍मीद कर सकते हैं.