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IND vs NZ: ताश के पत्तों की तरह बिखरी टीम इंडिया, जानें विराट सेना की हार के सबसे बड़े कारण

न्यूजीलैंड से मिले 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर पूरी तरह से ढह गया. टीम इंडिया के टॉप 4 बल्लेबाज महज 24 रन के स्कोर पर आउट हो कर वापस पवेलियन लौट गए.

Updated on: 11 Jul 2019, 07:16 AM

नई दिल्ली:

आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 के पहले सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड ने भारत को 18 रनों से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है. बारिश की वजह से दो दिन तक चले इस मैच में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 239 रन बनाए. 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया 49.3 ओवर में 221 रन बनाकर ऑलआउट हो गई. खैर मैनचेस्टर में टीम इंडिया के खेल को देखकर इतना तो साफ हो गया कि न्यूजीलैंड ने अच्छा क्रिकेट खेला ही वहीं न्यूजीलैंड घटिया बल्लेबाजी की वजह से हार गए. आइए यहां जानते हैं टीम इंडिया के हार के सबसे बड़े कारण.

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ताश के पत्तों की तरह ढहा टॉप ऑर्डर
न्यूजीलैंड से मिले 240 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर पूरी तरह से ढह गया. टीम इंडिया के टॉप 4 बल्लेबाज महज 24 रन के स्कोर पर आउट हो कर वापस पवेलियन लौट गए. रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल 1-1 रन बनाकर आउट हुए तो वहीं दिनेश कार्तिक 6 रन बनाकर वापस पवेलियन लौटे. भारत ने अपनी पारी के 10वें ओवर की आखिरी गेंद पर ही अपने टॉप 4 बल्लेबाजों को खो दिया था. यहां से टीम इंडिया का न सिर्फ रन रेट गिरता गया बल्कि पूरी टीम जबरदस्त दबाव में भी आ गई.

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रिषभ पंत की अपरिपक्व बैटिंग
रिषभ पंत ने लगातार अपने अपरिपक्व बैटिंग की वजह से 130 करोड़ भारतीय प्रशंसकों को निराश किया. जब भारत को एक अच्छी साझेदारी की जरूरत थी उस वक्त रिषभ पंत मिचेल सैंटनर की गेंद पर खराब शॉट खेलकर आउट हो गए. पंत ने आज इस अहम मुकाबले में सिर्फ 32 रन बनाए और टीम इंडिया को मुसीबत में छोड़कर वापस पवेलियन लौट गए. यदि पंत हार्दिक पांड्या के साथ मिलकर साझेदारी को आगे बढ़ाते तो टीम इंडिया को अंत में इतना दबाव नहीं झेलना पड़ता और विराट सेना न्यूजीलैंड को हराकर फाइनल में भी प्रवेश कर सकती थी.

महेंद्र सिंह धोनी की धीमी बल्लेबाजी
महेंद्र सिंह धोनी को जिस वजह से इस विश्व कप में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था, उन्होंने ठीक वैसी ही बल्लेबाजी की. टीम इंडिया को जब तेजी से रन बनाने की जरूरत थी, उस समय धोनी काफी धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे. धोनी की धीमी बैटिंग की वजह से ही सारा दबाव रविंद्र जडेजा के ऊपर आ चुका था, नतीजन वे अंत तक नहीं खेल पाए और 77 रनों की पारी खेल आउट हो गए. महेंद्र सिंह धोनी ने सेमीफाइनल जैसे अहम मैच में 72 गेंदों में 50 रन बनाए और रन आउट हो गए. यदि धोनी 45 ओवर के बाद से ही रन गति बढ़ाते तो टीम इंडिया मैच जीत भी सकती थी.