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Cricket Wrold Cup 2019: पहली बार क्रिकेट विश्वकप का फाइनल मैच हुआ टाई, वर्ल्डकप के ये मैच भी रहे टाई

पहले बल्लेबाजी करते हुए मेहमान टीम ने मेजबान टीम को निर्धारित 50 ओवरों में जीत के लिए 242 रनों का लक्ष्य दिया था.

Updated on: 15 Jul 2019, 06:11 AM

नई दिल्ली:

क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स (lords) के स्टेडियम में खेले जा रहे इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेले जा रहे 12वें क्रिकेट विश्वकप 2019 (Cricket World Cup 2019) का फाइनल (World Cup Final) मुकाबला टाई हो गया. यह क्रिकेट विश्वकप के इतिहास में पहला मौका है जब किसी क्रिकेट विश्वकप का फाइनल मैच टाई हो गया है दोनों टीमों के बीच अब विजेता सुपर ओवर के बाद इंग्लैंड ने जीत लिया. इस मुकाबले में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए मेहमान टीम ने मेजबान टीम को निर्धारित 50 ओवरों में जीत के लिए 242 रनों का लक्ष्य दिया था. 

जवाब में 242 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही उसके सलामी बल्लेबाज जेसन रॉय महज 17 रन बनाकर आउट हो गए इस समय टीम का स्कोर महज 28 रन था. इसके बाद इंग्लैंड ने धीरे-धीरे मैच को आगे बढ़ाया  लेकिन मेजबान टीम के विकेट नियमित अंतराल पर गिरते रहे. जो रूट महज 7 रन और इयॉन मोर्गन महज 9 रन ही बना सके. इसके बाद बेन स्टोक और जोस बटलर ने छठे विकेट के लिए 110 रनों की साझेदारी कर इंग्लैंड की टीम को फिर से मुकाबले में ला दिया और आखिरी ओवर में इंग्लैंड की टीम नाटकीय तरीके से मैच टाई करवाने में सफल रही. क्रिकेट विश्वकप के इतिहास में यह पहला ऐसा फाइनल मुकाबला था जो टाई हो गया. आइये अब हम आपको बताते हैं कि विश्व कप के 44 साल के इतिहास में अब तक केवल 4 मुकाबले टाई रहे हैं आइये डालते हैं उन मुकाबलों पर एक नजर.

विश्वकप 1999 दक्षिण अफ्रीका बनाम ऑस्ट्रेलिया
विश्वकप में सबसे पहला टाई मुकाबला साल 1999 विश्वकप में हुआ था जब सेमीफाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के भिड़ंत हुई थी बर्मिंघम में खेले गए इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले खेलते हुए 49.2 ओवर में 213 रन ही बना पाई. यह दक्षिण अफ्रीका को फाइनल में पहुंचने के लिए बेहतरीन अवसर था. लेकिन मैच के आखिरी पलों में क्रीज पर लॉन्स क्लूजनर और एलन डोनाल्ड थे और जीत के लिए अफ्रीकी टीम को अंतिम ओवर में 9 रन चाहिए थे, जबकि 1 विकेट शेष था. क्लूजनर ने पहली 2 गेंदों पर लगातार 2 चौके लगाते हुए स्कोर बराबर कर दिया. अगली गेंद पर क्लूजनर ने कोई रन नहीं लिया. जबकि मैच की चौथी गेंद पर उन्होंने शॉट लगाकर रन लेने का प्रयास किया लेकिन दूसरे छोर पर खड़े एलन डोनाल्ड रन आउट हो गए. दक्षिण अफ्रीका की टीम 49.4 ओवर में 213 रन बनाकर ऑल आउट हो गयी. 


2003 दक्षिण अफ्रीका बनाम श्रीलंका
विश्वकप इतिहास का दूसरा मैच साल 2003 के वर्ल्डकप में हुआ जब दक्षिण अफ्रीका का श्रीलंका से मुकाबला चल रहा था. 230 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका ने 45 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 229 रन बना लिए थे. 45 ओवर के बाद बारिश आ जाने के कारण मैच को रोक दिया गया. इसके बाद मैच में डकवर्थ ल्युइस नियम का प्रयोग किया गया और लक्ष्य को संशोधित करते हुए 45 ओवर में 230 रनों का कर दिया गया जिसकी वहज से मैच टाई हो गया.

विश्वकप 2007 ऑयरलैंड बनाम जिम्बाब्वे

क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में साल 2007 में जिम्बाब्वे और ऑयरलैंड के बीच मुकाबला टाई हुआ. इस मुकाबले में आयरलैंड की टीम ने पहले खेलते हुए 50 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 221 रनों का स्कोर बनाया था. 222 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे ने 49.5 ओवर में 9 विकेट के नुकसान पर 221 रन बना लिए थे. मैच की आखिरी गेंद पर उन्हें जीत के लिए 1 रन की जरूरत थी लेकिन वो रन लेने की कोशिश में रेन्सफोर्ड रन आउट हो गए. जिम्बाब्वे की टीम इस मैच में 50 ओवर में 221 रन बनाकर ऑल आउट हो गयी और इस तरह से ये मैच टाई हो गया.

विश्वकप 2011 भारत बनाम इंग्लैंड 
विश्व कप इतिहास का चौथा टाई मुकाबला साल 2011 के विश्वकप में हुआ जब मेजबान भारत और इंग्लैंड के बीच मुकाबले में टीम इंडिया पहले खेलते हुए 49.5 ओवर में 338 रन बनाकर ऑल आउट हो गयी थी. 339 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए अंग्रेज खिलाड़ी 49 ओवर तक 8 विकेट के नुकसान पर 325 रन बना चुके थे. इंग्लैंड को मैच जीतने के लिए अंतिम 6 गेंदों में 14 रनों की जरूरत थी. पहली 5 गेंदों पर इंग्लैंड ने 12 रन बना लिए थे अंतिम गेंद पर अंग्रेज टीम को जीत के लिए 2 रनों की जरूरत थी. ग्रीम स्वान ने एक्स्ट्रा कवर में शॉट लगाते हुए तेजी से 1 रन पूरा किया लेकिन दूसरा रन लेने के चक्कर में रन आउट हो गए और दोनों टीमों का स्कोर बराबर हो गया.