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World Cup से बाहर होने के बाद इस दिग्गज पर गिरेगी गाज, BCCI कर सकता है बाहर

गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने पिछले डेढ़ साल में शानदार काम किया है, लेकिन संजय बांगर (Sanjay bangar) के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि कई बार टीम की बल्लेबाजी जूझती दिखी है.

Updated on: 13 Jul 2019, 06:54 AM

नई दिल्ली:

विश्व कप से बाहर होने के बाद भारतीय टीम को लकेर लगातार हार के कारण ढूंढे जा रहे हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (CoA) विश्व कप में भारत के प्रदर्शन को लेकर कोच रवि शास्त्री और कैप्टन विराट कोहली के साथ समीक्षा बैठक करेगी. समझा जा रहा है कि इस दौरान सेमीफाइनल में मिली हार के कारणों पर भी बात होगी और कोच व कैप्टन से कई अहम सवाल पूछे जा सकते हैं. विनोद राय की अध्यक्षता वाली समिति प्रमुख चयनकर्ता एमएसके प्रसाद से भी बात करेगी. इस बैठक में अगले साल होने वाले टी20 विश्व कप के लिए खाका भी तैयार किया जाएगा. आपको बता दें कि CoA में डायना एडुल्जी और लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) रिव थोडगे भी हैं. 

इसस पहले भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री समेत अन्य कोचिंग स्टाफ के करार को विश्व कप (World Cup) के बाद 45 दिनों के लिए बढ़ाए जाने की खबर आई है, हालांकि सहायक कोच संजय बांगर (Sanjay bangar) की जगह सुनिश्चित नहीं है क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई (BCCI)) के एक मुख्य धड़े का मानना है कि उन्हें अपना काम बेहतर तरीके से करना चाहिए था. 

संजय बांगर (Sanjay bangar) सहायक कोच होने के साथ-साथ टीम के बल्लेबाजी कोच भी है.

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गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने पिछले डेढ़ साल में शानदार काम किया है, लेकिन संजय बांगर (Sanjay bangar) के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि कई बार टीम की बल्लेबाजी जूझती दिखी है. नंबर-4 पायदान पर एक मजबूत बल्लेबाज को न चुन पाना भी बीसीसीआई (BCCI) को नागावार गुजरा है.

बीसीसीआई (BCCI) के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, 'यह लगातार परेशानी का विषय रहा. हम खिलाड़ियों को पूरा समर्थन दे रहे हैं क्योंकि वह केवल एक मैच (न्यूजीलैंड के खिलाफ) में खराब खेले, लेकिन स्टाफ की प्रक्रिया और निर्णय की जांच की जाएगी और उनके भविष्य के बारे में निर्णय लिया जएगा.'

विजय शंकर के चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर होने से पहले संजय बांगर (Sanjay bangar) ने यह भी कहा था कि भारतीय ऑलराउंडर पूरी तरह से फिट है.

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अधिकारी ने कहा, 'चोटिल होने के कारण शंकर के टूर्नामेंट से बाहर होने से पहले संजय बांगर (Sanjay bangar) का यह कहना कि ऑलराउंडर पूरी तरह से फिट है, एक साधारण सी बात थी. चीजें कहीं न कहीं अव्यवस्थित थी. वरिष्ठ कर्मचारियों सहित प्रबंधन क्रिकेट से जुड़े निर्णय को लेकर भम्रित था और साथ ही क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की अनदेखी भी कर रहा था जो कि एक शर्म की बात है.'

एक सूत्र ने यहां तक बताया कि टीम के बल्लेबाजों को अगर कोई तकलीफ होती थी तो वह पूर्व बल्लेबाजों से सलाह लेते थे. 

सूत्र ने आईएएनएस से कहा, 'नाम न बताते हुए मैं यह कहूंगा कि टीम के कुछ मौजूदा खिलाड़ियों ने यह बताया है कि कैसे उन्होंने खुद में सुधार करने के लिए पूर्व बल्लेबाजों की मदद ली.'

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दिलचस्प बात यह है कि टूर्नामेंट के दौरान टीम मैनेजर सुनील सुब्रमण्यम के आचरण ने भी बोर्ड के कुछ अधिकारियों को अचंभे में डाल दिया. 

अधिकारी ने कहा, 'टीम मैनेजर के साथ बातचीत करने वाले हर व्यक्ति को उनके आचरण और दृष्टिकोण से निराशा हुई. ऐसा लग रहा था कि अपने दोस्तों के लिए टिकट और पास प्राप्त करना और अपनी टोपी की स्थिति को सही करना ही उनकी पहली प्राथमिकता है.'

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इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया (Australia) दौरे पर भी सुब्रमण्यम के आचरण पर सवाल उठे थे.

(IANS इनपुटस के साथ)