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Yuvi's Retirement: युवराज के रिटायरमेंट के बाद पिता योगराज ने कही ये बड़ी बात

युवराज के पिता ने बताया कि युवराज की कहानी वहां से शुरू होती है जब वो सिर्फ डेढ़ साल का था और मैंने उसे पहला बल्ला लाकर दिया था और मेरी मां गुरनाम कौर ने उसे पहली गेंद डाली. मेरे पास अभी भी वो फोटो है.

Updated on: 12 Jun 2019, 11:50 AM

highlights

  • पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) ने युवराज को लेकर एक बड़ी बात कही है.
  • योगराज ने कहा-युवराज तब छह साल का था जब मैं उसे सेक्टर-16 के स्टेडियम लेकर गया था.
  • मैं युवराज को बिना हेलमेट के बैटिंग करने को कहता था- योगराज

नई दिल्ली:

Yuvi's Retirement: सिक्सर किंग युवराज सिंह (Yuvraj singh) के पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) ने युवराज को लेकर एक बड़ी बात कही है. उनका कहना है कि यदि युवराज को खो-खो खेलते वक्त चोट न लगती तो आज वो कई बड़े के रिकॉर्ड तोड़ देता. इंडिया के विश्व कप हीरो युवराज ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया.उनके पिता ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि यदि जब ग्रैग चैपल टीम के कोच थे तब खो-खो खेलते वक्त अगर युवराज को घुटने में चोट नहीं लगी होती तो वह One day और T-20 के सारे रिकॉर्ड तोड़ देता. मैं इसके लिए चैपल को कभी माफ नहीं करूंगा. 

योगराज ने आगे कहा कि 40 साल पहले मुझे इंडियन टीम से हटा दिया गया था और तब से मेरे दिल में वो दर्द था. मैं उसी दर्द के साथ जी रहा था.

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योगराज ने कहा कि जब वो बड़ा हुआ तो वो स्केटिंग करने लगा और टेनिस खेलने लगा. मैं उसके स्केट और टेनिस रैकेट तोड़ देता था. वो हमारे सेक्टर-11 वाले घर को जेल कहता था और मुझे यानी अपने पिता को ड्रैगन सिंह, लेकिन एक पिता के तौर पर मुझे अधिकार है कि मैं अपने बेटे से कहूं कि वो मुझे मेरा खोया हुआ सम्मान वापस दिलाए और एक बार फिर मुझे गर्व करने का मौका दे.
युवराज के पिता ने बताया कि युवराज की कहानी वहां से शुरू होती है जब वो सिर्फ डेढ़ साल का था और मैंने उसे पहला बल्ला लाकर दिया था और मेरी मां गुरनाम कौर ने उसे पहली गेंद डाली. मेरे पास अभी भी वो फोटो है.

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उन्होंने कहा कि युवराज तब छह साल का था जब मैं उसे सेक्टर-16 के स्टेडियम लेकर गया था, जहां मैं प्रैक्टिस करता था. वहां पेस एकेडमी हुआ करती थी और मैं युवराज को बिना हेलमेट के बैटिंग करने को कहता था.
युवराज के पिता ने कहा कि वो स्टेडियम में रोज डेढ़ घंटे दौड़ा करता था. मुझे याद है कि मेरी मां जब अपनी जिंदगी से जूझ रही थी तब उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं इतनी कड़ी ट्रेनिंग देकर युवराज की जिंदगी बर्बाद कर रहा हूं, तब जिंदगी में पहली बार मुझे अपने बेटे के साथ इस तरह का बर्ताव करने पर पछतावा हुआ.

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चंडीगढ़ में साल 1981 में जन्में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी-20 मैच खेले. टेस्ट में युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने तीन शतकों और 11 अर्धशतकों की मदद से कुल 1900 रन बनाए जबकि वनडे में उन्होंने 14 शतकों और 52 अर्धशतकों की मदद से 8701 रन जुटाए.

इसी तरह टी-20 मैचों में युवराज ने कुल 1177 रन बनाए. इसमें आठ अर्धशतक शामिल हैं. युवराज ने टेस्ट मैचों में 9, वनडे में 111 और टी-20 मैचो में 28 विकेट भी लिए हैं. युवराज ने 2008 के बाद कुल 231 टी-20 मैच खेले हैं और 4857 रन बनाए हैं. उन्होंने टी-20 मैचों में 80 विकेट भी लिए हैं. युवराज खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें भारत के लिए 400 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला.