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विराट कोहली (Virat Kohli) का अचूक हथियार, विरोधी टीमों का सबसे बड़ा काल

साल 2019 में भारतीय गेंदबाजों का धमाकेदार प्रदर्शन, जहां टीम इंडिया (Team India) के गेंदबाजों ने व्हाइट जर्सी में कमाल ही कर दिया.

Updated on: 11 May 2020, 04:32 PM

नई दिल्‍ली:

एक वक्त था जब टेस्ट हो या वनडे मैदान में भारतीय बल्लेबाजों (Indian batsman) की तूती बोला करती थी. बल्लेबाजी का हर रिकॉर्ड भारतीय खिलाड़ियों के नाम पर जुड़ा रहता था, लेकिन वक्त के साथ-साथ भारतीय बल्लेबाजी (Indian batting) की धार तो और तेज हो गई, लेकिन भारतीय गेंदबाजी (Indian bowler) में भी पैनापन आ गया. इसका जीता जागता सबूत है साल 2019 में भारतीय गेंदबाजों का धमाकेदार प्रदर्शन, जहां टीम इंडिया (Team India) के गेंदबाजों ने व्हाइट जर्सी में कमाल ही कर दिया. टीम इंडिया (Team India) लगातार सात टेस्ट मैच जीत चुकी है और कहना गलत नहीं होगा कि इसमें भारतीय गेंदबाजों खासकर पेस बैटरी (Indian Pace Battery) का योगदान सबसे अहम है.

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साल 2019 में पेस बैटरी का दम
इस साल अब तक खेले टेस्ट की बात की जाए तो भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन सबसे बेस्ट है. उमेश यादव ने जहां इस साल खेले 4 टेस्ट में 13.65 की शानदार औसत के साथ 23 विकेट झटके हैं, वहीं ईशांत शर्मा ने 6 टेस्ट में 15.56 की बेहतरीन औसत के साथ 25 विकेट अपने नाम किए हैं. इसके अलावा मोहम्मद शमी के खाते में 8 टेस्ट मैच में 33 विकेट है जो शमी ने 16.66 की औसत से चटकाए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि भारतीय इतिहास में कि तीन भारतीय गेंदबाजों ने 20 विकेट चटकाने के साथ-साथ 20 से कम औसत से रन दिए हैं जो एक भारतीय रिकॉर्ड है. साल के शुरू में ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमी में रौंदने के बाद से भारतीय गेंदबाज विरोधी टीमों के बल्लेबाजों के लिए काल बने हुए हैं, आइए देखते हैं आखिर कैसे भारतीय गेंदबाज़ की आग उगलती गेंदों के सामने विरोधी बल्लेबाज़ कांप रहे हैं.

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ऑस्ट्रेलिया दौरे में पेसर्स की दहाड़
टीम इंडिया ने विराट कोहली की कप्तानी में इस साल ऑस्ट्रेलिया को टेस्ट सीरीज़ में उसी की सरज़मी में धूल चटा कर इतिहास रचा था. भारतीय तेज गेंदबाजों ने इस दौरे में ऑस्ट्रेलिया के गिरे 70 में से 50 विकेट अपनी झोली में डाले थे, जिसकी बदौलत भारत ने 4 टेस्ट मैचों की सीरीज को 2-1 से अपने नाम किया.

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विंडीज दौरे में दिखाया था दम
ऑस्ट्रेलिया के बाद टीम इंडिया का सामना वेस्टइंडीज से हुआ, जहां एक बार फिर विराट के वीरों ने दमखम दिखाते हुए ना सिर्फ विंडीज टीम को रौंदा बल्कि सीरीज में कैरिबियाई टीम का सूपड़ा ही साफ कर दिया. इस सीरीज के 2 टेस्ट मैच में भारतीय गेंदबाजों ने विंडीज के गिरे 40 में से 33 विकेट अपनी झोली में डाले.

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प्रोटियाज पर पेसर्स पड़े भारी
विंडीज के बाद टीम इंडिया को अपने ही घर में साउथ अफ्रीका से खेलना था. साउथ अफ्रीकी टीम विंडीज के मुकाबले मजबूत थी लेकिन टीम इंडिया के गेंदबाजों खासकर पेसर्स ने अपनी तेजी और स्विंग से अफ्रीकी खेमे में खलबली ही मचा दी और पूरी टेस्ट सीरीज में 29 बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया जिसकी बदौलत भारत 3-0 से टेस्ट सीरीज में कामयाबी हासिल की.

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बांग्लादेश पर दिखा रफ्तार का दम
साउथ अफ्रीका को हराने के बाद टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जोश से भरे हुए थे और बांग्लादेश के खिलाफ 2 टेस्ट मैच की सीरीज में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने पुरानी लय को बरकरार रखते हुए बांग्लादेश को 2-0 से हराकर एक बार फिर से धमाकेदार गेंदबाज़ी की. ये दोनों मैच भारत ने पारी के अंतर से जीते. इस सीरीज में भी भारतीय तेज गेंदबाजों का ही जलवा रहा और भारतीय गेंदबाजों ने पूरी सीरीज में अपनी रफ्तार के दम पर बांग्लादेश के बल्लेबाजों को घुटने के बल ला दिया.
बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय तेज गेंदबाजों ने 40 में से 33 विकेट अपने नाम किए. भारत में खेले गए पहले पिंक बॉल टेस्ट में तो भारतीय पेसर्स ने 20 के 20 विकेट अपनी झोली में डाले और दिखा दिया कि वो सिर्फ व्हाइट बॉल ही नहीं बल्कि पिंक बॉल के उस्ताद हैं.