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OMG : भारत से मुकाबला कर रहे हैं दक्षिण अफ्रीका के 12 खिलाड़ी, फिर भी जीत से दूर, देखें यह वीडियो

Umesh Yadav vs Dean Elgar भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे तीसरे और आखिरी टेस्‍ट में भी दक्षिण अफ्रीका की टीम हार के मुहाने पर खड़ी दिख रही है. इससे पहले भारत ने पहले दो टेस्‍ट जीत लिए हैं, अब भारत इस मैच को जीतकर 3-0 से भारत को हराने के इरादे से चौथे दिन मैदान में उतरेगी.

Updated on: 21 Oct 2019, 06:04 PM

New Delhi:

Umesh Yadav vs Dean Elgar : भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले जा रहे तीसरे और आखिरी टेस्‍ट में भी दक्षिण अफ्रीका की टीम हार के मुहाने पर खड़ी दिख रही है. इससे पहले भारत ने पहले दो टेस्‍ट जीत लिए हैं, अब भारत इस मैच को जीतकर 3-0 से भारत को हराने के इरादे से चौथे दिन मैदान में उतरेगी. यह हाल तब है, जब दक्षिण अफ्रीका के 11 नहीं बल्कि 12 खिलाड़ी दक्षिण अफ्रीका की हार को टालने की कोशिश कर रहे हैं. क्रिकेट 11 खिलाड़ियों का खेल होता है, दस विकेट गिरने पर खेल खत्‍म हो जाता है, वहीं एक बल्‍लेबाज को बिना आउट हुए ही पवेलियन की ओर जाना पड़ता है. हमेशा से यही नियम लागू होता आया है. लेकिन अब नियम में बदलाव हुआ तो बहुत कुछ बदल गया. 

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दरअसल दक्षिण अफ्रीका की टीम जब पहली पारी में फालोआन के बाद जब दूसरी बार बल्‍लेबाजी के लिए मैदान में आई तो उसके सलामी बल्लेबाज डीन एल्गर सिर पर बाउंसर लगने से घायल हो गए. उन्‍हें दिक्‍कत ज्‍यादा थी लिहाजा उन्‍हें रिटायर्ड हर्ट होना पड़ा. डीन एल्गर तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन सोमवार को चायकाल से पहले तेज गेंदबाज उमेश यादव की गेंद पर चोटिल हो गए. उमेश की गेंद एल्गर के हेलमेट पर जा लगी और फिर वह रिटायर्ड हर्ट हो गए.

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बाएं हाथ के बल्लेबाज एल्गर को गेंद दूसरी पारी के 10वें ओवर में लगी. उस समय वह 16 पर बल्लेबाजी कर रहे थे. सिर पर गेंद लगने के बाद एल्गर जमीन पर गिर गए और फिर तुरंत फीजियो को बुलाया गया. यह गेंद उमेश यादव ने करीब 145 प्रति किलोमीटर की रफ्तार से फेंकी थी. भारतीय खिलाड़ी भी इस दौरान एल्गर के पास पहुंचे. रिटायर्ड हर्ट होने के बाद कनसेशन टेस्ट के लिए एल्गर को अस्पताल ले जाया गया.

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इस दौरान अपना पदार्पण कर रहे जॉर्ज लिंडे ने हेनरिक क्लासेन के साथ पारी की शुरुआत की. एल्गर ब्रूयन को तत्‍काल टीम में शामिल किया गया और तीसरे ही दिन यानी सोमवार को ही उन्‍हें बल्‍लेबाजी का मौका भी मिल गया. तीसरे दिन का खेल खत्‍म होने तक वे 30 रन पर नाबाद खेल रहे हैं. इससे पहले वे पुणे टेस्ट में भी दक्षिण अफ्रीकी टीम का हिस्सा थे. हालांकि तीसरे टेस्‍ट में उन्‍हें अंतिम ग्‍यारह में शामिल नहीं किया गया था, इसके बाद भी उन्‍हें बल्‍लेबाजी का मौका मिल गया. भारत में अब तक यह पहली बार हुआ है कि किसी 12वें नंबर के खिलाड़ी को बल्‍लेबाजी का मौका मिल गया हो, इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था. लेकिन आईसीसी विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप के तहत खेले जा रहे टेस्‍ट में आईसीसी ने नए नियम बनाए हैं, इसलिए यह सब देखने के लिए मिला. इस लिहाज से देखें तो यह मैच इतिहास के पन्‍नों में दर्ज हो गया है.

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भारत और वेस्‍टइंडीज के बीच खेली गई सीरीज में भी ऐसा ही वाकया सामने आया था. तब उस टेस्‍ट मैच की चौथी पारी में वेस्‍टइंडीज के बल्‍लेबाज डेरेन ब्रावो को इशांत शर्मा की फेंकी गई एक गेंद सीधे उनके हेलमेट में लगी. तीसरे दिन का खेल खत्‍म होने में कुछ ही देर शेष था, लिहाजा ब्रावो बल्‍लेबाजी करते रहे और दिन का खेल खत्‍म हो गया. चौथे दिन का खेल शुरू हुआ तो वे फिर से बल्‍लेबाजी के लिए मैदान में आए. वे अभी कुछ ही गेंदें खेल पाए थे कि ब्रावो की तबीयत खराब होने लगी और चक्‍कर आ गए.
इसके बाद फीजियो मैदान में पहुंचे और उनकी हालत को देखते हुए रिटायर्ड हर्ट हो गए. कुछ देर बाद ऐलान किया गया कि डेरेन ब्रावो रिटायर्ड हर्ट हो गए हैं, उनकी जगह पर स्‍थापन्‍न खिलाड़ी के तौर पर जेर्मेन ब्‍लैकवुड बल्‍लेबाजी करेंगे.

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अब हम आपको बताते हैं कि यह सब किस नियम के अनुसार हुआ. आईसीसी ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस नियम को लागू किया है कि सिर या इसके आसपास गेंद लगती है और खिलाड़ी को बेचेनी या बेहोशी की शिकायत होती है तो वे बाकी मैच के लिए 12वें खिलाड़ी को खिला सकते हैं. नियम के मुताबिक जो खिलाड़ी आउट हुआ है, वह बल्‍लेबाजी करता है या फिर गेंदबाजी, जो काम टीम के लिए घायल खिलाड़ी करता है, उसी विधा का खिलाड़ी शामिल किया जा सकता है. इसी नियम के तहत 12 बल्‍लेबाजों को बल्‍लेबाजी का मौका दिया गया.