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IND vs WI: टीम इंडिया के इस तेज गेंदबाज ने मानी गलती, पहले वनडे में मिली हार की मुख्य वजह बताई

दीपक चाहर ने भी इस बात को स्वीकार किया कि भारतीय टीम ने पहले मैच में गेंदबाजी और फील्डिंग अच्छी नहीं की थी जिसकी वजह से भारत को हार का सामना करना पड़ा.

Updated on: 17 Dec 2019, 08:33 PM

नई दिल्ली:

भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज का दूसरा मैच बुधवार को विशाखापटनम के ACA-VDCA क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. पहले मैच में वेस्टइंडीज के हाथों मिली करारी हार के बाद टीम इंडिया काफी दबाव में है. टीम इंडिया इस वक्त सीरीज में 0-1 से पीछे है. लिहाजा, बुधवार को होने वाले दूसरे मैच में भारत के लिए करो या मरो की स्थिति होगी. चेन्नई में खेले गए पहले वनडे मैच में देखा गया कि टीम इंडिया बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग के मामले में विंडीज से काफी कमजोर दिखी, लिहाजा मैच का नतीजा भी भारत के पक्ष में नहीं गया.

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विशाखापटनम वनडे से पहले टीम इंडिया के तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने भी इस बात को स्वीकार किया कि भारतीय टीम ने पहले मैच में गेंदबाजी और फील्डिंग अच्छी नहीं की थी. चेन्नई की धीमी विकेट पर भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए आठ विकेट के नुकसान पर 287 रनों का स्कोर खड़ा किया था. जिसके जवाब में वेस्टइंडीज के बल्लेबाज शिमरॉन हेटमायर और शे होप ने भारतीय गेंदबाजी अटैक को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. चेन्नई वनडे में हेटमायर और होप दोनों ने ही टीम इंडिया के खिलाफ शतक जड़े और टीम को जीत दिलाई.

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दूसरे मैच की पूर्व संध्या पर चाहर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, हमने पहले वनडे में अच्छी गेंदबाजी नहीं की. उम्मीद है कि अगर हम दूसरे वनडे में दोबारा वैसी स्थिति में आएं तो हम एक ईकाई के तौर पर बेहतर कर सकें. पिछले चार मैचों से टीम की फील्डिंग भी अच्छी नहीं चल रही है. हमने काफी कैच छोड़े हैं. अगर हम इस तरह के बड़े शॉट लगाने वाले बल्लेबाजों के कैच छोड़ेंगे तो हमारे लिए मुश्किल हो जाएगी. एक फील्डिंग ईकाई के तौर पर भी हमें सुधार करना होगा." चाहर ने साथ ही कहा कि उन्हें वनडे टी-20 के मुकाबले ज्यादा मुश्किल लगते हैं.

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उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वनडे सबसे कड़ा प्रारूप है. टी-20 में आप जानते हो कि क्या करना है. अगर आप 24 रन दे देते हो तो लेकिन विकेट नहीं ले पाते हो तो फिर भी यह अच्छी गेंदबाजी है. टेस्ट में, आपको लगातार आक्रमण करना होता है. अगर आप रन दोगे और विकेट लोगे तो यह टीम के लिए अच्छा होगा. वनडे में आपको दोनों चीजों को मिलाना होता है. विकेट लीजिए और रन बचाइए. आपको स्थिति को अच्छे से पढ़ना होता है. आपको समझना होता है कि टीम क्या चाहती है. आपको बल्लेबाजों को परखना होता है और फिर फैसला करना होता है कि क्या करना है. दोनों प्रारूपों से वनडे ज्यादा मुश्किल है. मैंने इंडिया-ए के साथ काफी वनडे क्रिकेट खेली है जिसने मुझे फायदा पहुंचाया है."