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आसान नहीं होगी टीम इंडिया के कोच रवि शास्‍त्री की तीसरी पारी

विरोध और समर्थन के बीच भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच नियुक्त किए गए रवि शास्त्री के सामने कई चुनौतियां हैं. उनका असली इम्तिहान अब शुरू होगा.

Updated on: 18 Aug 2019, 01:09 PM

नई दिल्‍ली:

विरोध और समर्थन के बीच भारतीय क्रिकेट टीम (Coach of Team India) के मुख्य कोच नियुक्त किए गए रवि शास्त्री (Ravi Shastri)के सामने कई चुनौतियां हैं. उनका असली इम्तिहान अब शुरू होगा. अब हर सीरीज के बाद उनकी कोचिंग का आंकलन होगा. अगले दो साल में उनके सामने टी-20 से लेकर टेस्ट चैंपियनशिप तक की चुनौती रहेगी. बता दें शास्त्री 2021 में होने वाले टी-20 विश्व कप तक के लिए भारतीय टीम के कोच रहेंगे.

जुलाई 2017 में टीम इंडिया के कोच बने रवि शास्त्री (Ravi Shastri)का कार्यकाल वर्ल्ड कप 2019 तक तय किया गया था. इस दौरान भारतीय टीम ने अपना टेस्ट रिकॉर्ड बेहतर करते हुए ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराने वाली पहली एशियाई टीम बनने का सम्मान हासिल किया. लेकिन बड़े टूर्नामेंटों में शास्‍त्री की कोचिंग में टीम इंडिया को सफलता नहीं मिली. इस बार विश्व कप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम को न्यूज़ीलैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.

ये हैं शास्‍त्री का चुनौतियां

करीब सवा साल बाद टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया में टी-20 विश्व कप खेलना है. अभी वेस्टइंडीज में खेली गई टी-20 सीरीज में टीम इंडिया का प्रदर्शन अच्छा रहा. टी-20 की मौजूदा विश्‍व चैंपियन वेस्‍टइंडीज है और उसे उसके घर में हराकर टीम इंडिया ने ऑस्‍ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप की तैयारी भी शुरू कर दी है. वहीं शास्‍त्री की असली चुनौती आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप जीतना. इसका फाइनल करीब दो साल बाद लॉर्ड्स में खेला जाएगा. इस चैंपियनशिप की शुरूआत भारत और वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज से होगी.

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श्रेयस अय्यर बल्लेबाजी में और नवदीप सैनी गेंदबाजी में टीम इंडिया का भविष्य हो सकते हैं. इन खिलाड़ियों को ज्यादा से ज्यादा मौके देने होंगे. वहीं टीम इंडिया की सबसे बड़ी समस्‍या नंबर चार के बल्‍लेबाज की है. शास्‍त्री को इस समस्‍या का भी समय रहते इलाज करना पड़ेगा.

रवि शास्त्री (Ravi Shastri)का पिछला कार्यकाल

रवि शास्त्री (Ravi Shastri)ने अगस्त 2014 में इंग्लैंड सीरीज के दौरान भारतीय टीम के डायरेक्टर के रूप में कमान संभाली जिसके बाद वह 19 महीने तक टीम से जुड़े रहे. इस दौरान भारतीय टीम ने 14 टेस्ट, 40 वनडे और 21 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले जिसमें टी20 और वनडे मैचों में भारतीय टीम की जीत का औसत सबसे शानदार रहा है.

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रवि शास्त्री (Ravi Shastri)के कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम की जीत का औसत वनडे में 61.54 और T20I में 66.67 फीसदी रहा, जबकि टेस्ट मैचों में यह औसत 35.71 रहा. इसके बाद 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में मिली हार के बाद जब अनिल कुंबले ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो सौरभ गांगुली की अगुआई वाली तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने रवि शास्त्री (Ravi Shastri)को टीम इंडिया के मुख्य कोचिंग पद की जिम्मेदारी सौंपी.

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जुलाई 2017 में टीम के कोच बने रवि शास्त्री (Ravi Shastri)का कार्यकाल वर्ल्ड कप 2019 तक तय किया गया. इस दौरान भारतीय टीम ने अपना टेस्ट रिकॉर्ड बेहतर करते हुए ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराने वाली पहली एशियाई टीम बनने का सम्मान हासिल किया. दूसरे कार्यकाल के दौरान भारत का टेस्ट में जीत प्रतिशत 52.38 हो गया, जबकि वनडे में यह 74.19% और टी20I में यह 69.44% रहा.

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रवि शास्त्री (Ravi Shastri)के कार्यकाल के दौरान भारत वर्ल्ड कप 2015 और 2019 में सेमीफाइनल में पहुंचा. 2016 में खेले गए वर्ल्ड टी20 में भी टीम इंडिया ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया. उनके कार्यकाल में टीम इंडिया टेस्ट और वनडे दोनों की रैंकिंग में पहले स्थान पर रही.

2018-19 में टीम इंडिया ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सीरीज अपने नाम की. 2018 में यूएई में आयोजित एशिया कप भारत ने जीता. हालांकि रवि शास्त्री (Ravi Shastri)के कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम कोई भी आईसीसी टूर्नामेंट जीत पाने में नाकाम रही है जिसे वह अपने इस कार्यकाल के दौरान खत्म करना चाहेंगे.