सुनील गावस्कर ने विश्व कप में 4 विकेटकीपर खिलाने पर उठाए सवाल, कहा जवाब दे टीम प्रबंधन
भारतीय टीम आगे के सफर में निकल चुकी है. शनिवार से उसका कैरेबियाई दौरा आधिकारिक तौर पर शुरू हो रहा है लेकिन इसके बावजूद विश्व कप (World Cup) से भारत की निराशाजनक विदाई की टीस करोड़ों भारतीयों के मन में अभी भी कायम है.
नई दिल्ली:
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) का कहना है कि टीम प्रबंधन को आज नहीं तो कल इस बात का जवाब देना होगा कि आखिरकार क्या कारण था कि भारत ने आईसीसी (ICC) विश्व कप (World Cup) में चार विकेटकीपर मैदान पर उतारे जबकि बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली खिलाड़ी हमारी बेंच स्ट्रैंथ का हिस्सा थे. यह अलग बात है कि आईसीसी (ICC) विश्व कप (World Cup) समाप्त हो चुका है. भारतीय टीम आगे के सफर में निकल चुकी है. शनिवार से उसका कैरेबियाई दौरा आधिकारिक तौर पर शुरू हो रहा है लेकिन इसके बावजूद विश्व कप (World Cup) से भारत की निराशाजनक विदाई की टीस करोड़ों भारतीयों के मन में अभी भी कायम है. ऐसे में खराब टीम संयोजन से जुड़े एक अहम सवाल के जवाब का सबको इंतजार है.
लोकेश राहुल को गिनते हुए भारत ने न्यूजीलैंड के साथ हुए सेमीफाइनल मैच में चार विकेटकीपर मैदान पर उतारे थे. महेंद्र सिंह धोनी, दिनेश कार्तिक और ऋषभ पंत अंतिम-11 का हिस्सा थे. कार्तिक, राहुल और धोनी मूल टीम का हिस्सा थे लेकिन पंत को शिखर धवन के चोटिल होने के बाद भारत से बुलाया गया था. पंत सेमीफाइनल में एक गैरजिम्मेदाराना पारी खेलकर आउट हुए.
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कार्तिक ने पूरे विश्व कप (World Cup) में निराश किया. कुछ अच्छी पारियों के बावजूद धोनी धीमी बल्लेबाजी के लिए बदनाम रहे और राहुल ने शिखर के स्थान पर बल्लेबाजी करते हुए भारत को अच्छी शुरूआत दी लेकिन सेमीफाइनल में वह भी नाकाम रहे थे.
निराशाजनक विदाई के बाद टीम स्वदेश लौटी तो यह ऐलान हुआ कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) टीम के प्रदर्शन पर समीक्षा बैठक करेगी लेकिन इस सम्भावना को यह कहकर नकार दिया गया कि चूंकी भारत का वेस्टइंडीज दौरा काफी करीब है, ऐसे में समीक्षा बैठक के लिए यह समय उपयुक्त नहीं है. हां, सीओए ने यह जरूर कहा कि टीम मैनेजर की रिपोर्ट के आधार पर टीम के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी.
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने भारतीय टीम को लेकर कई गम्भीर सवाल खड़े किए. सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा कि चार विकेटकीपर क्यों खिलाए गए, इसका जवाब टीम प्रबंधन को देना होगा और साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती तीन बल्लेबाजों के बाद भारतीय बल्लेबाजी सिर्फ औपचारिकता रह गई थी, उसमें किसी प्रकार की गहराई नहीं थी और इसकी झलक सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ देखने को मिली.
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जब सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) से पूछा कि रणनीतिक तौर पर हमें विश्व कप (World Cup) में मध्यम क्रम में बल्लेबाजों की कमी खली और एक दिन ऐसा भी आया जब मध्य क्रम के साथ-साथ पूरी बल्लेबाजी की कलई खुल गई?
इस पर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा, ' इस विश्व कप (World Cup) में हमारी बल्लेबाजी नम्बर-3 के बाद थी ही नहीं. अगर रोहित (शर्मा), विराट (कोहली) और लोकेश (राहुल) रन नहीं बनाते तो हम हमेशा मुश्किल में होते. सेमीफाइनल में हमारे साथ यही हुआ.'
साथ ही आईएएनएस ने जब सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) से पूछा कि अगर हम लोकेश राहुल की गिनती करें तो क्या हमें चार विकेटकीपरों को खिलाने की जरूरत थी जबकि हमारे पास भारत में एक से बढ़कर एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी पड़े हुए थे?
इस सवाल के जवाब में सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा, ' इस सवाल का जवाब सिर्फ टीम प्रबंधन दे सकता है.'
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इस साक्षात्कार से एक दिन पहले सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित अपने कॉलम में विश्व कप (World Cup) में भारत की नाकामी को लेकर चयनकर्ताओं और टीम प्रबंधन की जमकर आलोचना की थी. सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने अपने लेख में विश्व कप (World Cup) सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद भी विराट कोहली को स्वाभाविक तौर पर कप्तान बनाए रखे जाने के फैसला पर सवाल खड़े किए. सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने लिखा था कि कोहली को दोबारा कप्तानी सौंपे जाने से पहले आधिकारिक बैठक होनी चाहिए थी.
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने लिखा, 'अगर उन्होंने (चयनकर्ता) वेस्टइंडीज दौरे के लिए कप्तान का चयन बिना किसी मीटिंग के लिए कर लिया तो यह सवाल उठता है कि क्या कोहली अपनी बदौलत टीम के कप्तान हैं या फिर चयन समिति की खुशी के कारण हैं. हमारी जानकारी के मुताबिक उनकी (कोहली) नियुक्ति विश्व कप (World Cup) तक के लिए ही थी. इसके बाद चयनकर्ताओं को इस मसले पर मीटिंग बुलानी चाहिए थी. यह अलग बात है कि यह मीटिंग पांच मिनट ही चलती लेकिन ऐसा होना चाहिए था.'
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने अपने लेख में एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली अखिल भारतीय चयन समिति को कठपुतली करार दिया और बिना बैठक के कोहली को तीनो फॉरमेट का कप्तान नियुक्त किए जाने पर सवाल उठाए.
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सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने लिखा, 'चयन समिति में बैठे लोग कठपुतली हैं. पुनर्नियुक्ति के बाद कोहली को मीटिंग में टीम को लेकर अपने विचार रखने के लिए बुलाया गया. प्रक्रिया को बाईपास करने से यह संदेश गया कि केदार जाधव, दिनेश कार्तिक को खराब प्रदर्शन के कारण टीम से बाहर किया गया जबकि विश्व कप (World Cup) के दौरान और उससे पहले कप्तान ने इन्हीं खिलाड़ियों पर भरोसा जताया था और नतीजा हुआ था कि टीम फाइनल में भी नहीं पहुंच सकी.'
दूसरी ओर, बीसीसीआई (BCCI) के एक तबके का यह मानना था कि 2023 विश्व कप (World Cup) के ध्यान में रखते हुए तीनों फॉरमेट के लिए अलग-अलग कप्तान बनाया जाना एक अच्छा कदम हो सकता था और इससे आने वाले समय में टीम को फायदा होता.
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