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सौरव गांगुली के फैसले से सबा करीम की बढ़ी मुश्‍किलें, जानें कैसे

तकनीकी समिति के प्रमुख के तौर पर सौरव गांगुली ने एक बार फिर से घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद के साथ खेलने का प्रस्ताव रखा था, ताकि खिलाड़ियों को दिन-रात टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार किया जा सके.

Updated on: 30 Oct 2019, 08:17 AM

New Delhi:

तकनीकी समिति के प्रमुख के तौर पर सौरव गांगुली ने एक बार फिर से घरेलू क्रिकेट में गुलाबी गेंद के साथ खेलने का प्रस्ताव रखा था, ताकि खिलाड़ियों को दिन-रात टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार किया जा सके. अब बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली ने बांग्लादेश को ईडन गार्डंस स्टेडियम में दिन-रात टेस्ट मैच खेलने को कहा है. सौरव गांगुली के इस कदम से महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालक) सबा करीम की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

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पूर्व कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने कहा कि पिछले कई वर्षों से बोर्ड और उसकी समिति के सुझावों और उसके फैसले को नजरअंदाज किया जा रहा है. इसके कारण इस साल भी दलीप ट्रॉफी में गुलाबी गेंद का प्रयोग नहीं हो सका. यहां तक टीम प्रबंधन ने भी कई बार गुलाबी गेंद का इस्तेमाल करने का अनुरोध किया था. उन्होंने कहा, "अब आप देख सकते हैं कि टीम गुलाबी गेंद से दिन-रात टेस्ट मैच खेलने के लिए तैयार है. लेकिन स्‍टाफ के रवैये के कारण घरेलू क्रिकेट में इसका प्रयोग नहीं किया जा सका है.

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बीसीसीआई अब एक ऐसी स्थिति में है, जहां वे कुकाबुरा या ड्यूक गेंदों के लिए बात करने को मजबूर हो सकते हैं, ताकि गुणवत्ता वाली गुलाबी गेंदें प्रदान की जा सके, क्योंकि घरेलू क्रिकेट में पहले इस्तेमाल की जाने वाली एसजी गेंदें अपना आकार और चमक खो देती थीं. इसके अलावा एक समय तक यह उपयोग के लायक भी नहीं रहती थीं.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि हमें टेस्ट के लिए गुलाबी गेंद को लेकर एसजी से अभी बात करना बाकी है. अगर हम उनसे बात करते हैं तो इसका मतलब है कि 7-10 दिन पहले वे हमें गुलाबी गेंदों को दे सकते हैं, जोकि अंतरराष्‍ट्रीय मानको के अनुरूप होगा.

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उन्होंने कहा, अगर बीसीबी दूसरा टेस्ट मैच रोशनी में (दिन-रात टेस्ट मैच) खेलने के लिए सहमत होता है तो हमारे पास एक परिदृश्य हो सकता है जहां हमें कुकाबुरा या ड्यूक के लिए बात करने की जरूरत पड़ सकती है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह असंभव है कि अंपयार सब्सटिटयूट गेंदें प्रदान करें. भले ही बांग्लादेश को दिन-रात टेस्ट मैच खेलने का प्रस्ताव भेजा चुका हो, लेकिन यह एक ऐसा क्षेत्र है जो कि बीसीसीआई के लिए चिंता का विषय है.