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605 रन बनाकर वीवीएस लक्ष्मण का रिकार्ड तोड़ने वाले बल्‍लेबाज ने कही यह बात

एक समय था जब सरफराज खान (Sarfaraz Khan) का नाम चर्चा में रहता था. बचपन में हैरिश शील्ड (Harish Shield) में 439 रन बनाने के बाद सरफराज के हिस्से कई सफलताएं आईं.

Updated on: 19 Feb 2020, 11:46 AM

New Delhi:

एक समय था जब सरफराज खान (Sarfaraz Khan) का नाम चर्चा में रहता था. बचपन में हैरिश शील्ड (Harish Shield) में 439 रन बनाने के बाद सरफराज के हिस्से कई सफलताएं आईं, जिनमें से एक भारत की अंडर-19 टीम (Under-19 Team) के लिए विश्व कप खेलना भी रहा, लेकिन कुछ समय बाद यह बल्लेबाज गायब सा हो गया. सरफराज ने अब वापसी की है वह भी बल्ले से ताबड़तोड़ रन करने के बाद. मुंबई के लिए खेलते हुए दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने तीन मैचों में बिना आउट हुए 605 रन बनाए और इसी के साथ वीवीएस लक्ष्मण को पीछे छोड़ा. सरफराज प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बिना आउट हुए लगातार सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं. सरफराज ने इस सीजन रणजी ट्रॉफी की नौ पारियों में कुल 928 रन बनाए.

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इसमें उत्तर प्रदेश के खिलाफ लगाया गया तिहरा शतक और फिर हिमाचल प्रदेश के बाद लगाया गया दोहरा शतक भी शामिल है. उत्तर प्रदेश के खिलाफ वह 301 रन बनाकर नाबाद लौटे थे और इसी मैच के बाद हिमाचल प्रदेश के खिलाफ भी वह 226 रन बनाकर नाबाद लौटे थे. इन दोनों मैचों के बाद सरफराज ने सौराष्ट्र के खिलाफ 78 रनों की पारी खेली, जिसमें वह अंतत: आउट हुए. इन पारियों ने सरफराज को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया. इस ड्रीम रन का जब सरफराज से कारण पूछा गया तो उन्होंने आईएएनएस से कहा, मैंने कूलिंग ऑफ पीरियड में ट्रेनिंग पर ज्यादा समय बिताया, ग्राउंड पर ज्यादा समय बिताया. इस दौरान मुझे अपने आप को समझने का मौका मिला. मैंने प्रक्रिया का पालन किया जो सफल रहा और मैं रन कर सका.

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सरफराज मुंबई से खेल रहे थे, लेकिन पिता और कोच नौशाद के कहने पर वह 2015 में उत्तर प्रदेश चले गए, ताकि उन्हें बेहतर मौके मिल सकें, लेकिन जब बात नहीं बनी तो सरफराज ने मुंबई लौटने का फैसला किया और इसके बाद वह कूलिंग ऑफ पीरियड में गए जहां उन्होंने अपने आप को नया रूप दिया. सरफराज ने कहा, छोटेपन में अच्छा कर रहा था. बाद में अच्छा कर नहीं पा रहा, मुझे मौके नहीं मिल रहे थे. इसलिए अपने मौका का, समय का इंतजार कर रहा था. प्रैक्टिस कर रहा था. मुंबई वापस आने का कारण पूछने पर सरफराज ने कहा, बचपन से मुंबई के लिए खेला हूं लेकिन बीच में उत्तर प्रदेश गया. वापस मुंबई लौटकर आया. मुझे लग रहा था कि मुंबई से मेरा करियर बन सकता है. मुंबई लौटने का फैसला मेरा था. यूपी टीम मुझे खेला नहीं रही थी तो मेरे पास कोई विकल्प बचा नहीं था.

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मुंबई से लौटते ही सरफराज ने अपने पुराने रूप को मानो जीवित कर लिया है और अब वह चाहते हैं कि जब भी मैदान पर उतरें इसी तरह से रन करें, चाहे इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) हो, जिसमें वो किंग्स इलेवन पंजाब से खेलेंगे, या कोई और टूर्नामेंट. उन्होंने कहा, सिर्फ आईपीएल नहीं बल्कि हर जगह. मुझे जहां भी मौका मिलेगा मैं कोशिश करूंगा कि इसी तरह का प्रदर्शन कर सकूं. कोशिश करूंगा हर बार रन कर सकूं. अपने प्रदर्शन से सरफराज ने राष्ट्रीय टीम के दावेदार से रूप में हमेशा से दस्तक दी थी और निश्चित तौर पर इस साल के प्रदर्शन से भी चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी तरफ खींचा ही होगा, वह हालांकि ज्यादा सोच नहीं रहे हैं और सिर्फ मौका मिलने पर रन करने की फिराक में हैं. उन्होंने कहा, मैं ज्यादा आगे का नहीं सोच रहा हूं. मैं सिर्फ आज के बारे में सोचता हूं और यह देखता हूं कि मुझे अभ्यास कितना करना है.

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सरफराज ने बेशक शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन वह अपनी टीम को क्वार्टर फाइनल तक नहीं पहुंचा पाए. मुंबई का प्रदर्शन अगर देखा जाए तो वह बीते कुछ वर्षो से रणजी ट्रॉफी में वो ज्यादा सफलता हासिल नहीं कर सकी है और इस बार भी यही हुआ. मुंबई टीम के प्रदर्शन को लेकर सरफराज ने कहा, टीम तो हमारी अच्छी है. कभी कभार प्रदर्शन ऊपर नीचे होता जाता है क्योंकि यह खेल है. हमारे लिए सकारात्मक बात यह रही कि हमने बाद में अच्छा किया. सीनियर खिलाड़ियों के न होने के बाद भी जूनियर खिलाड़ियों ने टीम को संभाला तो यह अच्छे संकेत हैं.