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सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलियाई बैट कंपनी के खिलाफ दर्ज कराया केस, जानें क्या है मामला

सचिन तेंदुलकर की लॉ फर्म ने आरोप लगाया है कि इस कंपनी ने अपने उत्पादों के प्रचार के लिए सचिन तेंदुलकर के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल किया है, जिसके एवज में फर्म ने स्पार्टन से 20 लाख डॉलर्स (करीब 14 करोड़ रुपए) की रॉयल्टी की मांग की है.

Updated on: 14 Jun 2019, 03:49 PM

नई दिल्ली:

क्रिकेट की दुनिया के भगवान माने जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्टस गुडस कंपनी स्पार्टन के खिलाफ केस दर्ज कराया है. खेल से जुड़े साजो-सामान बनाने वाली इस ऑस्ट्रेलियाई कंपनी स्पार्टन के खिलाफ सचिन तेंदुलकर ने एक करार के चलते यह केस दर्ज कराया है. सचिन तेंदुलकर की लॉ फर्म ने आरोप लगाया है कि इस कंपनी ने अपने उत्पादों के प्रचार के लिए सचिन तेंदुलकर के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल किया है, जिसके एवज में फर्म ने स्पार्टन से 20 लाख डॉलर्स (करीब 14 करोड़ रुपए) की रॉयल्टी की मांग की है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने दस्तावेजों के हवाले से दावा किया है कि 2016 में सचिन और स्पार्टन के बीच एक समझौता हुआ था. इसके तहत एक साल तक अपने उत्पादों पर सचिन तेंदुलकर की तस्वीर और लोगो इस्तेमाल करने पर कंपनी को उन्हें 10 लाख डॉलर (करीब 7 करोड़ रुपए) चुकाने थे. इस डील के तहत स्पार्टन ‘सचिन बाई स्पार्टन’ टैगलाइन भी इस्तेमाल कर सकता था.

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सचिन तेंदुलकर स्पार्टन के उत्पादों के प्रचार के लिए लंदन और मुंबई में हुए प्रमोशनल इवेंट में भी गए थे. हालांकि, सितंबर 2018 तक स्पार्टन ने उन्हें एक भी बार भुगतान नहीं किया. इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने कंपनी से पेमेंट की मांग की. इसके बाद भी जब कोई जवाब नहीं आया तो सचिन ने समझौता खत्म कर दिया और कंपनी को खुद से जुड़े प्रतीक इस्तेमाल न करने के लिए कहा, लेकिन स्पार्टन ने सचिन तेंदुलकर के नाम-तस्वीरों का इस्तेमाल जारी रखा.

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एजेंसी ने इस मामले में स्पार्ट के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) से सवाल पूछे हैं. हालांकि, अभी तक उन्होंने जवाब नहीं दिए हैं. सचिन का मामला देखने वाली लॉ फर्म गिल्बर्ट एंड टोबिन ने भी इस मामले में बोलने से इनकार किया है.