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घरेलू खिलाड़ियों की इस हरकत से नाराज हैं सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली से जताई बदलाव की उम्मीद

तेंदुलकर ने कहा कि गांगुली को इस विषय पर विचार करना चाहिए और जरूरी बदलाव करने चाहिए.

Updated on: 26 Nov 2019, 04:58 PM

नई दिल्ली:

क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने भारत में खेले जाने वाले घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट दलीप ट्रॉफी को लेकर चिंता जाहिर की है. मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि दलीप ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ी टीम के लिए नहीं बल्कि खुद के लिए खेलते हैं. सचिन की बातों की सीधी भाषा में कहा जाए तो इस घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को अपनी टीम की हार और जीत के कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्हें केवल व्यक्तिगत प्रदर्शन से मतलब होता है.

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हालांकि सचिन तेंदुलकर ने इस स्थिति से निपटने के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष और अपने साथी खिलाड़ी सौरव गांगुली पर भरोसा जताया है. तेंदुलकर ने कहा कि गांगुली को इस विषय पर विचार करना चाहिए और जरूरी बदलाव करने चाहिए. तेंदुलकर ने प्रेस ट्रस्ट से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘ मैं चाहता हूं कि गांगुली दलीप ट्रॉफी को देखें. यह ऐसा टूर्नामेंट है कि खिलाड़ी अपने प्रदर्शन और अगले टूर्नामेंट पर ज्यादा फोकस करते हैं और उसी के अनुसार खेलते हैं.’’

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उन्होंने कहा, ‘‘यदि आईपीएल की नीलामी है या टी20 टूर्नामेंट या वनडे है तो खिलाड़ी उसी तरह से खेलते हैं. वे टीम के लिये नहीं खेलते और इस पर ध्यान देने की जरूरत है.’’ दलीप ट्रॉफी पांच टीमों का क्षेत्रीय टूर्नामेंट था लेकिन अब इसमें इंडिया ब्लू, इंडिया ग्रीन और इंडिया रेड टीमें राउंड राबिन प्रारूप में खेलती हैं. तेंदुलकर ने कहा, ‘‘मैं इसमें बदलाव देखना चाहता हूं क्योंकि क्रिकेट हमेशा से टीम का खेल रहा है. यह टीम भावना और एक टीम के रूप में साथ खेलने को लेकर है. इसमें व्यक्तिगत प्रदर्शन पर फोकस नहीं रहना चाहिए.’’

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उन्होंने कहा कि इसे रणजी ट्रॉफी फाइनल के तुरंत बाद खेला जाना चाहिए और उन चार टीमों के बीच होना चाहिए जो सेमीफाइनल तक पहुंची हैं और पूरा सत्र साथ में खेलती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘शीर्ष चार रणजी टीमों के साथ दो और टीमें इसमें हों क्योंकि ऐसी कई टीमें होंगी जिनमें प्रतिभाशाली खिलाड़ी होंगे लेकिन क्वालीफाई नहीं कर पाती. अंडर 19, अंडर 23 अलग-अलग टीमों से इन खिलाड़ियों को लिया जा सकता है.’’