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सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर ने चार दिनी टेस्ट के आइडिया के बारे में कही बड़ी बात

जब से आईसीसी (ICC) की ओर से पांच दिन के टेस्‍ट को चार दिन (Four Day Test Match) का करने पर विचार शुरू हुआ है, तब से क्रिकेट की दुनिया में नया घमासान मचा हुआ है. हर कोई इसे अपनी अपनी तरह से समझ रहा है और उसी हिसाब से विचार रख रहा है.

Updated on: 05 Jan 2020, 03:36 PM

mumbai:

जब से आईसीसी (ICC) की ओर से पांच दिन के टेस्‍ट को चार दिन (Four Day Test Match) का करने पर विचार शुरू हुआ है, तब से क्रिकेट की दुनिया में नया घमासान मचा हुआ है. हर कोई इसे अपनी अपनी तरह से समझ रहा है और उसी हिसाब से विचार रख रहा है. हालांकि भारी संख्‍या में कप्‍तान और पूर्व कप्‍तान ही नहीं, खिलाड़ी भी इसका विरोध ही कर रहे हैं. वहीं कुछ लोग इस पर अभी कुछ भी कहने से बच रहे हैं. ऐसे में अब सचिन तेंदुलकर और गौतम गंभीर जैसे भारत के पूर्व टेस्ट खिलाड़ियों ने आईसीसी के चार दिनी टेस्ट के आइडिया पर अपनी बात रखी है. एक दिन पहले भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी इस आइडिया को नकार दिया था. इन दोनों का विचार है कि टेस्ट में पांचवें दिन स्पिनरों का बोलबाला रहता है और वे हालात का फायदा उठाकर अपनी टीम के लिए योगदान देते हैं लेकिन आईसीसी का यह आइडिया उसने उनका यह हक छीन लेगा. सचिन तेंदुलकर ने मुम्बई मिरर से कहा, स्पिनर पुरानी हो चुकी गेंद और टूटी हुई विकेट का फायदा उठाकर पांचवें दिन कमाल करते हैं. यह सब टेस्ट क्रिकेट का हिस्सा है. ऐसे में क्या यह उचित होगा कि स्पिनरों का यह हक उनसे छीना जाए.

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सचिन तेंदुलकर ने कहा, आज टी-20 हो रहे हैं. वनडे हो रहे हैं और अब तो टी-10 भी होने लगे हैं. ऐसे में क्रिकेट के सबसे प्यूरेस्ट फॉर्म के साथ छेड़छाड़ जायज नहीं है. इसकी कोई जरूरत नहीं है. सचिन ने यह भी कहा कि टेस्ट से एक दिन कम करने से इस खेल को लोकप्रिय नहीं बनाया जा सकता. इसकी जगह आईसीसी को पिचों की क्वालिटी पर ध्यान देना चाहिए.

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इससे पहले गौतम गम्भीर ने भारतीय कप्तान विराट कोहली का समर्थन करते हुए कहा कि वह भी आईसीसी के इस प्रस्ताव के पक्ष में नहीं हैं. गौतम गम्भीर ने कहा, यह हास्यास्पद विचार है. टेस्ट से एक दिन कम करने से परिणाम नहीं आएंगे और फिर नई तरह की बातें शुरू हो जाएंगी. विराट कोहली ने शनिवार को कहा था कि वह आईसीसी के चार दिन के टेस्ट मैच के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि उनना मानना है कि यह खेल के सबसे शुद्ध प्रारूप के साथ न्याय नहीं होगा. विराट कोहली के मुताबिक टेस्ट क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए डे-नाइट टेस्ट बहुत है क्योंकि इसके माध्यम से टेस्ट क्रिकेट का व्यापक बाजारीकरण किया जा सकता है.

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कोहली ने भारत और श्रीलंका के बीच खेले जाने वाले पहले टी-20 मैच की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से कहा, मेरे हिसाब से इसमें बदलाव नहीं होने चाहिए. जैसा मैंने कहा टेस्ट क्रिकेट को आगे ले जाने के लिए डे-नाइट टेस्ट लाया गया है, इससे उत्साह पैदा होता है, लेकिन इससे ज्यादा इससे छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. मुझे नहीं लगता कि ऐसा किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, आप टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा से ज्यादा डे-नाइट टेस्ट का बदलाव कर सकते हो. इसकी चलन शुरू हो चुकी है. किसी और बात पर ध्यान केंद्रित करने की जगह सिर्फ डे-नाइट टेस्ट पर ही फोकस किया जाए तो इस फॉरमेंट में काफी आकर्षण आ सकता है.

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आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप-2023 से चार दिन के टेस्ट मैच कराने को लेकर विचार कर रही है. आस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान टिम पेन सहित कई खिलाड़ी इसकी आलोचना कर चुके हैं. अब कोहली भी इसमें शामिल हो गए हैं. कोहली ने कहा कि अगर पांच दिन के टेस्ट को चार दिन का कर दिया जाता है तो वो दिन भी आ जाएगा जब तीन दिन के टेस्ट की बात की जाने लगेगी. कोहली से पहले आस्ट्रेलियाई टेस्ट टीम के कप्तान टिम पेन, ग्लैन मैक्ग्रा, नाथन लॉयन, दक्षिण अफ्रीका के वार्नोन फिलेंडर भी इसकी खिलाफत कर चुके हैं.