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पिंक बॉल को खेलना और गेंदबाजी करना ही नहीं, विकेटकीपिंग करना भी चुनौतीपूर्ण

India Bangladesh Test Series : भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने कहा है कि दिन-रात टेस्ट मैच (Indias First Day Night Test) में गुलाबी गेंद से विकेटकीपिंग करना विकेटकीपरों के लिए चुनौतीपूर्ण है.

Updated on: 21 Nov 2019, 08:49 AM

कोलकाता:

India Bangladesh Test Series : भारतीय विकेटकीपर रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने कहा है कि दिन-रात टेस्ट मैच (Indias First Day Night Test) में गुलाबी गेंद से विकेटकीपिंग करना विकेटकीपरों के लिए चुनौतीपूर्ण है. भारतीय टीम शुक्रवार से ईडन गार्डंस स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ अपना पहला दिन-रात टेस्ट मैच खेलेगी, जिसमें गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाएगा. रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) ने कहा, गुलाबी गेंद (Pink Ball Cricket) को पकड़ना चुनौतीपूर्ण है. अगर यह स्लिप के लिए चुनौतीपूर्ण है तो मेरे लिए भी, क्योंकि मैं भी स्लिप के बगल में खड़ा रहता हूं. इसके अलावा तेज गेंदबाज जब गेंद फेंकते हैं तो यह गेंद लहराती है. यह एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन मुझे चुनौती स्वीकार है. हम पेशेवर हैं.

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भारतीय खिलाड़ियों में रिद्धिमान साहा और मोहम्मद शमी को ही घरेलू क्रिकेट में दिन-रात मैच खेलने का अनुभव है. दोनों खिलाड़ी 2016 में ईडन गार्डंस में सीएबी के सुपर लीग फाइनल में दिन-रात क्रिकेट खेल चुके हैं. उन्होंने कहा, यह चुनौतीपूर्ण होगा, खासकर गेंद को पकड़ते समय. हमें इससे तालमेल बिठाना होगा. गेंद नई है और यह तेज गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हो सकती है. यह बल्लेबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है.

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यह पूछे जाने पर कि क्या भारतीय पेस तिकड़ी मोहम्‍मद शमी, उमेश यादव और ईशांत शर्मा को इस गेंद से मदद मिलेगी, उन्होंने कहा, गेंद गुलाबी हो या लाल. शमी के लिए यह वैसा ही रहेगा. शमी ने हाल के मैचों में अच्छा किया है. वह किसी भी परिस्थिती में अच्छा करते हैं. रांची में भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था. वह गति के साथ रिवर्स स्विंग हासिल करते हैं.

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भारतीय टीम ने किया अभ्‍यास
उधर भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने ऐतिहासिक दिन-रात टेस्ट मैच से दो दिन पहले मोहम्मद शमी की गेंदों पर फ्लाड लाइट में अभ्यास किया. दिन-रात टेस्ट में ढलती शाम के समय जब फ्लट लाइट चालू हो जाती हैं, उस समय बल्लेबाजों को आने वाली परेशानी को लेकर काफी चर्चा हुई थी. इस 'ट्विलाइट जोन' से सामंजस्य बैठाने को लेकर काफी चर्चा हुई है. भारत के कुछ खिलाड़ियों, जिन्होंने दिन-रात प्रारूप में दलीप ट्रॉफी खेली है, ने इस ट्विलाइट में गुलाबी गेंद को देखने में आने वाली समस्या के बारे में बातें कहीं थीं जिसमें चेतेश्वर पुजारा भी थे. इनका कहना था कि इस दौरान गेंद नारंगी रंग की दिखाई पड़ती है.

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ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा था, गेंद पर एक सतह ज्यादा होती है. मैंने गुलाबी गेंद से अभी तक एक भी गेंद नहीं फेंकी है. बस देखा है. कई बार मैं समझ नहीं पाता हूं कि यह नारंगी है या गुलाबी. भारत ने इंदौर में खेले गए पहले टेस्ट मैच में बांग्लादेश को तीन दिन में ही हरा दिया था. टीम इसके बाद इंदौर में ही रुकी रही और गुलाबी गेंद से अभ्यास किया. ईडन गार्डन्स में विराट कोहली शाम के समय शमी की गेंदों पर अभ्यास करते हुए देखे गए. जाहिर तौर पर कोहली की कोशिश इस समय बल्लेबाजों के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने की थी.