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NZvIND : टीम इंडिया की बड़ी कमजोरी आई सामने, पुछल्‍ले बल्‍लेबाज बनते हैं मुसीबत, देखें आंकड़े

भारत और न्‍यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच खेले जा रहे पहले टेस्‍ट मैच में आखिरकार टीम इंडिया (Team India) के गेंदबाजों ने न्‍यूजीलैंड की पूरी पारी समाप्‍त कर दी.

Updated on: 23 Feb 2020, 07:44 AM

New Delhi:

भारत और न्‍यूजीलैंड (India vs New Zealand) के बीच खेले जा रहे पहले टेस्‍ट मैच में आखिरकार टीम इंडिया (Team India) के गेंदबाजों ने न्‍यूजीलैंड की पूरी पारी समाप्‍त कर दी. भारत के 165 रन के जवाब में न्‍यूजीलैंड ने पहली पारी में 348 रन बना लिए और इस तरह से भारत पर 183 रनों की बढ़त भी हासिल कर ली. इन सबके बीच भारत की एक बड़ी कमजोरी सामने आई है. भारतीय गेंदबाज नीचे क्रम के बल्‍लेबाजों को उतनी तेजी के साथ आउट नहीं कर पाए, जैसे कि किया जाना चाहिए था. यह हाल तब था, जब तीसरे दिन की पहली ही गेंद पर जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने वॉटलिंग को आउट कर दिया था. जब दूसरे दिन का खेल खत्‍म हुआ था, उस वक्‍त तक न्‍यूजीलैंड ने 216 रन बनाए थे और लीड 51 रन की थी. इसके बाद छठा विकेट भी इस स्‍कोर पर गिर गया. 

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इसके बाद हालांकि टिम साउदी को भी जल्‍दी चलता कर दिया गया, लेकिन सातवें विकेट के बाद आठवां विकेट 225 के बाद 296 रन पर जाकर गिरा. इस दौरान करीब 71 रन की साझेदारी दोनों बल्‍लेबाजों में हुई. अपना पहला ही मैच खेल रहे काइल जैमिसन ने अच्‍छी बल्‍लेबाजी की. न्‍यूजीलैंड का आठवां विकेट जब काइल जैमिसन के रूप में 296 पर गिरा, उसके बाद जल्‍दी ही 310 रन पर नौवां विकेट भी गिर गया. इसके बाद उम्‍मीद की जा रही थी कि टीम इंडिया जल्‍द ही न्‍यूजीलैंड की पारी समेट देगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दसवां विकेट तब गिरा जब टीम का स्‍कोर 348 रन हो गया. इस तरह से न्‍यूजीलैंड की कुल लीड 183 रनों की हो गई. जो काफी ज्‍यादा है. अब जब भारतीय टीम पहले बल्‍लेबाजी के लिए उतरेगी तो सबसे पहले इस 183 रन से पार पाना होगा, उसके बाद लीड भी लेनी होगी. लेकिन टीम इंडिया की बड़ी कमजोरी फिर सामने आई है. आज हम आपको यह भी बताएंगे कि इससे पहले कब कब टीम इंडिया को पुछल्‍ले बल्‍लेबाजों को आउट करने में परेशानी आई, लेकिन उससे पहले मैच के बारे में जान लीजिए.

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अपनी गेंदों से भारतीय बल्लेबाजों को परेशान करने वाले न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज काइल जैमिसन ने बल्ले से भी बेहतरीन प्रदर्शन किया और मैच के तीसरे दिन 44 रनों की पारी खेल न्यूजीलैंड को भारत पर 183 रनों की बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई. न्‍यूजीलैंड टीम ने भारत को पहली पारी में 165 रनों पर ढेर कर दिया था. तीसरे दिन रविवार को भोजनकाल तक कीवी टीम अपनी पहली पारी में 348 रनों पर ऑल आउट हो भारत पर मजबूत बढ़त लेने में सफल रही जिसमें उसके निचले क्रम का अहम योगदान रहा.
न्यूजीलैंड ने दिन की शुरुआत पांच विकेट के नुकसान पर 216 रनों के साथ की. जसप्रीत बुमराह ने बीजे वाटलिंग (14) को इसी स्कोर पर पवेलियन लौटा कीवी टीम को दिन का पहला झटका दिया. इसके बाद ईशांत शर्मा ने टिम साउदी (6) को मोहम्मद शमी के हाथों कैच करा न्यूजीलैंड का स्कोर सात विकेट के नुकसान पर 225 रन कर दिया. यहां लगा कि कीवी टीम अब जल्द ही ऑल आउट हो जाएगी, लेकिन जैमिसन, कोलिन डी ग्रांडहोम और ट्रेंट बाउल्ट ने ऐसा नहीं होने दिया. पहले डी ग्रांडहोम और जैमिसन ने आठवें विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी की. अपना पहला टेस्‍ट मैच खेल रहे जैमिसन गेंदबाजी में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद बल्ले से भी शानदार खेल रहे थे और अर्धशतक की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन रविचंद्रन अश्विन की फिरकी में वह फंस कर छह रन से पचास का आंकड़ा हासिल करने से चूक गए. जैमिसन ने अपनी पारी में 45 गेंदों का सामना कर चार छक्के और एक चौका मारा.

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अश्विन ने डी ग्रांडहोम को भी अर्धशतक पूरा नहीं करने दिया. वह 43 के निजी स्कोर पर विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों लपके गए. उन्होंने 74 गेंदों का पारी में पांच चौके मारे. फिर बाउल्ट ने 24 गेंदों पर पांच चौके और एक छक्के की मदद से 34 रन बना कीवी टीम को 348 के कुल स्कोर तक पहुंचाया और यहीं ईशांत शर्मा का पांचवां शिकार बने. बाउल्ट के आउट होते ही कीवी पारी का अंत हो गया. भारत के लिए ईशांत शर्मा ने पांच विकेट लिए. अश्विन के हिस्से तीन तो बुमराह और शमी के हिस्से एक-एक सफलता आई.
इससे पहले अक्‍टूबर में भी जब भारत दक्षिण अफ्रीका के साथ अपने घर पर दक्षिण अफ्रीका के साथ खेल रहा था, तब दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया की यह कमी सामने आई थी. एक समय महज 162 रनों पर दक्षिण अफ्रीका के आठ बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने में सफल रहे भारतीय गेंदबाज पुछल्ले बल्लेबाजों के विकेट झटकने में संघर्ष करते नजर आए.
गौरतलब है कि उससे भी पहले जनवरी में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भी भारत को इसी परेशानी ने सताया था. केप टाउन में सीरीज के पहले टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में शुरुआती 6 विकेट 202 रन देकर झटक लिए थे. यह अलग बात है कि अंतिम 4 बल्लेबाजों ने 84 रन जोड़े. फिलैंडर और रबाडा की दमदार गेंदबाजी की बदौलत मेजबानों ने भारत की पहली पारी 209 रन पर समेट दी. दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी 130 रन पर सिमटी और 208 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन अफ्रीकी गेंदबाजों ने भारत को 135 रन पर ढेर कर मैच 72 रन से अपने नाम कर लिया.

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इसी तर्ज पर पिछले साल अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ भी भारत की यही कमजोरी सामने आई. सीरीज के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की दूसरी पारी में उसके 7 विकेट 87 रन तक गिर गए, लेकिन फिर अंतिम 3 बल्लेबाजों आदिल राशिद, स्टुअर्ट ब्रॉड और सैम करन ने स्कोर 180 रन तक पहुंचा दिया. भारत को 194 रन का लक्ष्य मिला लेकिन दूसरी पारी में वह 162 रन पर ऑलआउट हो गया और उसे 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा. दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐडिलेड टेस्ट में भी भारत की पहली पारी 250 पर सिमटी और मेजबान टीम के पहली पारी में 6 विकेट 127 रन तक गिर गए. फिर अंतिम 4 बल्लेबाजों ने स्कोर 235 तक पहुंचा दिया. दूसरी पारी में भारत 307 रन पर ऑलआउट हुआ और मेजबानों को 323 रन का लक्ष्य मिला. भारत ने 7 विकेट 187 रन तक ले लिए लेकिन फिर अंतिम 3 बल्लेबाजों की मदद से स्कोर 291 तक पहुंच गया. हालांकि विराट की किस्मत अच्छी रही जो टीम इंडिया वह मैच जीतने में सफल रही.