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कोई नहीं बोलता कि भाई टीम में आ जा, जानें इस भारतीय क्रिकेट ने क्‍यों कही दिल छू लेने वाली यह बात

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने के बारे में फिलहाल कोई सोच भी नहीं सकता. सभी बल्‍लेबाज और विकेटकीपर ने उनसे बहुत कुछ सीखा है और आज भी सीख ही रहे हैं.

Updated on: 09 Sep 2019, 10:47 AM

नई दिल्‍ली:

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी की जगह लेने के बारे में फिलहाल कोई सोच भी नहीं सकता. सभी बल्‍लेबाज और विकेटकीपर ने उनसे बहुत कुछ सीखा है और आज भी सीख ही रहे हैं. वे बहुत उम्‍दा किस्‍म के खिलाड़ी हैं, यह बात भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्‍लेबाज ऋषभ पंत ने कही. पंत ने कहा कि झारखंड के इस क्रिकेटर से बहुत कुछ सीखने के लिए मिल रहा है. भारतीय टीम में जगह बनाना कोई आसान काम नहीं. ऋषभ पंत ने कहा कि कोई यह नहीं कहता कि भाई टीम में आ जा, आपको उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.

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ऋषभ पंत ने कम समय में ही अंतरराष्‍ट्रीय क्रिकेट में काफी नाम कमाया है. पंत अभी महज 21 साल के हैं, लेकिन भारतीय कप्‍तान विराट कोहली का उनपर पूरा भरोसा है. इसीलिए उन्‍हें लगातार मौके मिल रहे हैं. वे धीरे धीरे क्रिकेट के लगभग सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के महत्‍वपूर्ण सदस्‍य होते जा रहे हैं. पंत का कहना है कि एमएस धोनी जैसे खिलाड़ी को रिप्‍लेस करने कोई आसान काम नहीं है. ऋषभ पंत ने धोनी से अपने संबंधों के बारे में भी बात की. यह सारी बातें ऋषभ पंत ने मुंबई के एक अखबार को इंटरव्‍यू के दौरान कहीं.

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ऋषभ पंत ने कहा कि वे धोनी से अपनी तुलना के बारे में नहीं सोचते हैं. यह बहुत मुश्‍किल काम है. पंत ने कहा कि वह धोनी से लगातार सीख रहे हैं. उन्‍होंने कहा कि वह एमएस धोनी को अपना गुरु भी मानते हैं. अब तक बहुत सी चीजें वे धोनी से सीख चुके हैं और यह क्रम लगातार जारी है.

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अखबार को दिए इंटरव्‍यू में ऋषभ पंत ने कहा कि वे यह सीख रहे हैं कि बल्‍लेबाजी करने जाने से पहले आपकी मानसिकता क्‍या होनी चाहिए और सबसे खास बात यह है कि दबाव की स्‍थित में खुद को कैसे शांत रखा जाए. वे बोले कि मैं अपनी क्षमता के अनुसार खेलना चाहते हैं. कहा कि सिर्फ धोनी से ही क्‍यों, वे तो अपने आसपास के सभी लोगों से कुछ न कुछ सीखते रहते हैं.

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पंत ने कहा कि 21 साल की उम्र में अगर मुझे लगता है कि मुझे धोनी के जूते भरने हैं तो यह उनके लिए बड़ा मुश्‍किल काम है. वह इसे सिर्फ सरल करने की कोशिश कर रहे हैं. इंटरव्‍यू के दौरान ऋषभ पंत ने कहा कि एक खिलाड़ुी को शुरुआती ब्रेक मिलना अच्‍छा होता है, लेकिन यह भी बात है कि मुफ्त में कुछ भी नहीं मिलता. उन्‍होंने कहा कि टीम में आने के लिए कड़ी मेहनत की है और किसी ने भी उन्‍हें यह पद नहीं दिया है. यह उपहार या गिफ्ट में दिया गया पद नहीं है. कोई नहीं बोलता की भाई टीम में आ जा. आप अच्‍छा प्रदर्शन करेंगे तो टीम में चुने जाएंगे और अगर अच्‍छा खेल नहीं दिखाएंगे तो आपको टीम में शामिल नहीं किया जाएगा. टीम में चुना जाना इतना सरल नहीं होता.