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मिशन शक्ति पर शिखर धवन ने दी पीएम समेत ISRO को बधाई, मिला बेहतरीन जवाब

देश को इतनी बड़ी कामयाबी मिलने के बाद टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने ट्वीट कर इसरो (ISRO) की टीम को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को ढेरों बधाई दी.

Updated on: 29 Mar 2019, 10:00 AM

नई दिल्ली:

भारत ने आज (बुधवार) को देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए ऐंटी-सैटलाइट हथियार (Anti Satellite Weapon) का टेस्ट किया. पीएम मोदी (PM Modi) ने राष्ट्र के नाम संबोधन में खुद इस बात की जानकारी दी. भारत ने सुबह 11 बजकर 16 मिनट पर ए-सैट का परीक्षण किया. ए-सैट ने 300 किमी की ऊंचाई पर एक पुराने सैटलाइट को निशाना बनाया जो अब सेवा से हटा दिया गया था. यह पूरा अभियान मात्र 3 मिनट में पूरा हो गया. देश को इतनी बड़ी कामयाबी मिलने के बाद टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने ट्वीट कर इसरो (ISRO) की टीम को और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को ढेरों बधाई दी.

शिखर धवन (Shikhar Dhawan) ने ट्वीट कर कहा,' मिशन शक्ति हमारे देश के लिए बड़ी उपलब्धि है क्योंकि हम एंटी-सैटेलाइट मिसाइल सिस्टम की क्षमता हासिल करने वाले दुनिया के चौथा देश बन गए हैं. इस कामयाबी के लिए इसरो (ISRO) और पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद. एक गर्व का पल है.'

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शिखर धवन (Shikhar Dhawan) के इस ट्वीट पर पीएम नरेंद्र मोदी ने जवाब देते हुए कहा,' बिल्कुल सही, यह पल पूरे देश के लिए गर्व करने वाला है. जिस तरह से आप (शिखर धवन (Shikhar Dhawan)) खराब गेंदों को मैदान से बाहर भेजते हैं, उसी तरह से हमारे वैज्ञानिकों ने हमें वो ताकत और क्षमता प्रदान की है जिससे हम उन शक्तियों को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं जो हमारे देश की शांति और अखंडता को खराब करना चाहती हैं.'

आपको बता दें कि आज पीएम नरेंद्र मोदी (Pm Narendra Modi) ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, 'कुछ ही समय पहले भारत ने एक अभूतपूर्व सिद्धि प्राप्त की है. भारत ने दुनिया में अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर नाम दर्ज करा दिया है. भारत से पहले यह उपलब्धि सिर्फ अमेरिका (USA), रूस (Russia) और चीन (China) के पास थी.'

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भारत की ओर से किया गया यह टेस्ट बेहद दुर्लभ और खतरनाक भी था. आपको बता दें कि सबसे पहले अमेरिका (USA) ने 1959 में ऐंटी-सैटलाइट टेस्ट किया था. इसके कुछ समय बाद ही सोवियत यूनियन ने ऐसा ही एक टेस्ट किया.सोवियत यूनियन ने 1960 और 1970 में यह टेस्ट किया. रूस (Russia) ने ऐसे हथियार का टेस्ट किया, जिसे ऑर्बिट में लॉन्च किया जा सकता है, जो दुश्मन की सैटलाइट तक पहुंच सकता है और उसे तबाह कर सकता है.

इसके बाद 2007 में चीन (China) भी इस दौड़ में शामिल हो गया. चीन (China) ने टेस्ट करते हुए अपने मौसम की जानकारी देने वाले उपग्रह को तबाह किया. इस टेस्ट में इतिहास का मलबे का सबसे बड़ा गुब्बार बना.