Ashes में खराब अंपायरिंग के बावजूद न्यूट्रल अंपायर्स के पक्ष में MCC, जानें क्या कहा
अपने 13वें टेस्ट में अंपायरिंग कर रहे जोएल विल्सन (Joel Wilson) ने अनचाहे रिकॉर्ड की बराबरी की जब उनके 8 फैसलों को खिलाड़ी सफलतापूर्वक बदलवाने में सफल रहे.
नई दिल्ली:
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी (MCC)) ने पहले एशेज टेस्ट में कई खराब फैसलों के बावजूद टेस्ट मैचों में न्यूट्रल अंपायरों का समर्थन किया है. पिछले हफ्ते एजबस्टन में हुए पहले एशेज टेस्ट में वेस्ट इंडीज के अंपायर जोएल विल्सन (Joel Wilson) और पाकिस्तान के अलीम दार के 10 फैसलों को खिलाड़ी डीआरएस की मदद से बदलवाने में सफल रहे थे. इसके अलावा कम से कम पांच और गलत फैसले थे जिनकी समीक्षा नहीं कराई गई.
अपने 13वें टेस्ट में अंपायरिंग कर रहे जोएल विल्सन (Joel Wilson) ने अनचाहे रिकॉर्ड की बराबरी की जब उनके 8 फैसलों को खिलाड़ी सफलतापूर्वक बदलवाने में सफल रहे, लेकिन इसके बावजूद एमसीसी (MCC) ने जोर देकर कहा है कि न्यूट्रल अंपायरिंग ही टेस्ट क्रिकेट में आगे बढ़ने का सर्वश्रेष्ठ विकल्प है.
यहां मीडिया ने एमसीसी (MCC) के क्रिकेट प्रमुख जॉन स्टीफनसन (John Stephenson) के हवाले से कहा, ‘पिछले मैच के बाद बेशक ऑनफील्ड अंपायरिंग पर सभी का ध्यान अधिका गया है. रिकी पोंटिंग ने गैर तटस्थ अंपायरों को वापस लाने की संभावना का जिक्र किया है और आईसीसी (ICC) क्रिकेट समिति ने भी इस पर चर्चा की है. लेकिन सभी का मानना है कि अब भी न्यूट्रल अंपायरिंग काम कर रही है.’
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फिलहाल एलीट पैनल के 12 में से 7 अंपायर ऑस्ट्रेलिया या इंग्लैंड से हैं और जॉन स्टीफनसन (John Stephenson) ने कहा कि मौजूदा समय की जरूरत है कि दुनिया भर में अंपायरिंग के स्तर पर अधिक निवेश किया जाए. लॉर्ड्स में एमसीसी (MCC) की क्रिकेट समिति की दो दिवसीय बैठक के दौरान आईसीसी (ICC) एलीट पैनल में अंपायरों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया गया.
इस बैठक में एमसीसी (MCC) अध्यक्ष माइक गेटिंग, जॉन स्टीफनसन (John Stephenson) और समिति के सदस्यों शेन वॉर्न और कुमार संगकारा ने हिस्सा लिया.
जॉन स्टीफनसन (John Stephenson) ने कहा, ‘दुर्भाग्य से आईसीसी (ICC) एलीट अंपायरिंग पैनल में काफी असंतुलन है जहां निश्चित श्रृंखला में कुछ निश्चित अंपायर की अंपायरिंग करते हैं, लेकिन हमें लगता है कि समय आ गया है कि आधार को बढ़ाया जाए और एलीट स्तर में लाने के लिए अधिक अंपायरों को ट्रेनिंग दी जाए.’
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जॉन स्टीफनसन (John Stephenson) ने कहा, ‘कुल मिलाकर हमारा मानना है कि न्यूट्रलिटी काम करती है. लेकिन डीआरएस और तकनीक के कारण शायद भविष्य में हमें इस पर गौर करने की जरूरत होगी.’
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