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क्रिकेट जगत के कई बड़े चेहरे अब होंगे बेनकाब, डी कंपनी का सट्टेबाज लाया जाएगा भारत

क्रिकेट सट्टेबाजी (Betting in cricket) सरगना संजीव चावला (Bookie Sanjeev Chawla) को भारत प्रत्यर्पण (Extradition of Sanjeev Chawla) करने के लिए इंग्लैंड का गृह विभाग आज यानी सोमवार को अंतिम मुहर लगा सकता है.

Updated on: 20 Jan 2020, 10:03 AM

New Delhi:

क्रिकेट सट्टेबाजी (Betting in cricket) सरगना संजीव चावला (Bookie Sanjeev Chawla) को भारत प्रत्यर्पण (Extradition of Sanjeev Chawla) करने के लिए इंग्लैंड का गृह विभाग आज यानी सोमवार को अंतिम मुहर लगा सकता है. इंग्लैंड के हाईकोर्ट ने एक सीलबंद लिफाफा इंग्लैंड के गृह विभाग को भेजा है, जिससे वह चावला के मामले पर अंतिम नजर डाल सके. प्रत्यर्पण के खिलाफ संजीव चावला की याचिका हाईकोर्ट के दो न्यायाधीश गुरुवार को रद कर चुके हैं. दिल्ली पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने आईएएनएस को यह जानकारी दी. डी-कंपनी के लिए 1990 के दशक में प्रमुख सट्टेबाज बना लंदन निवासी उद्योगपति संजीव चावला इंग्लैंड से 1992 में भारत से हुई प्रत्यर्पण संधि के बाद इसके तहत भारत लाया जाने वाला दूसरा व्यक्ति होगा. सूत्रों ने कहा कि संजीव चावला एयर इंडिया के विमान से मंगलवार तड़के नई दिल्ली पहुंच सकता है. चावला को हिरासत में लेने के लिए दिल्ली पुलिस के उपायुक्त (क्राइम) राम गोपाल नाइक अपनी टीम के साथ लंदन में हैं और गृह विभाग के आदेश का इंतजार कर रहे हैं.

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दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी ने कहा, हाईकोर्ट पहले ही आदेश दे चुका है. अब हम सिर्फ गृह विभाग की प्रत्यर्पण संधि संबंधित औपचारिकताओं का इंतजार कर रहे हैं. प्रतीत होता है कि प्रत्यर्पण के आदेश सोमवार दोपहर तक हमारे पास होंगे. सूत्रों ने कहा कि संजीव चावला ने मुंबई के उद्योगपतियों और डी-कंपनी के संचालकों के संरक्षण में 90 के दशक के अंतिम पड़ाव के सबसे बड़े सट्टेबाजी गिरोहों में से एक गिरोह का संचालन किया था. जहां चावला ने दक्षिण अफ्रीका, भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों के शीर्ष क्रिकेटरों के माध्यम से मैच फिक्स किए, वहीं डी-कंपनी ने उस धन को अंतरराष्‍ट्रीय हवाला के माध्यम से सुरक्षित ठिकाने पर लगाना सुनिश्चित किया.

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साल 2000 में खेल जगत को हिला कर रख देने वाले मैच फिक्सिंग कांड के समय दिल्ली पुलिस के आयुक्त रहे अजय राज शर्मा ने कहा, चावला को 19 साल बाद भारत लाया जा रहा है तो दिल्ली में उससे पूछताछ में क्रिकेट जगत के कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे. तब शर्मा की निगरानी में ही जांच हुई थी, जिसके बाद दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान हैंसी क्रोनिए और उनके बाद भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को 'जेंटलमेंस गेम' से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया. सीमा सुरक्षा बल (BSF) के महानिदेशक के तौर पर अजय राज शर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद उन पदों पर रहने वालों ने जांच देखी. साल 2013 में तत्कालीन पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने टीम को जांच पूरी करने और आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया. नीरज कुमार ने कहा, नौकरी के अंतिम दिन मैंने मैच फिक्सिंग घोटाले की (आरोप पत्र) फाइल पर हस्ताक्षर किए. बाद में जब मैं सेवानिवृत्त हो गया तब कथित रूप से इंग्लैंड में छिपे संजीव चावला के प्रत्यर्पण के लिए मैंने तत्कालीन जॉइंट पुलिस आयुक्त आलोक कुमार के साथ काम शुरू किया. मैं मामले से जुड़े क्राइम ब्रांच के अधिकारियों का आभारी हूं. कुमार ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भी स्पॉट फिक्सिंग कांड का खुलासा किया, जिसमें भी कई शीर्ष क्रिकेटर फंस गए. स्पॉट फिक्सिंग कांड डी-कंपनी के सरगना दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोग छोटा शकील के संरक्षण में हुआ.