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India vs SA: पुछल्ले बल्लेबाजों को आउट करने में टीम इंडिया को क्यों आता है पसीना

एक समय महज 162 रनों पर दक्षिण अफ्रीका के आठ बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने में सफल रहे भारतीय गेंदबाज पुछल्ले बल्लेबाजों के विकेट झटकने में संघर्ष करते नजर आए.

Updated on: 12 Oct 2019, 08:19 PM

highlights

  • भारतीय गेंदबाज पुणे टेस्ट में पुछल्ले बल्लेबाजों के विकेट झटकने में संघर्ष करते नजर आए.
  • बीते साल द. अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरे पर भी यही कमी आई थी सामने.
  • एक समय महज 162 रनों पर दक्षिण अफ्रीका के आठ बल्लेबाज लौट गए थे पवेलियन.

नई दिल्ली:

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया की एक कमी फिर से सामने आई, जिससे वह लंबे समय से जूझ रही है. एक समय महज 162 रनों पर दक्षिण अफ्रीका के आठ बल्लेबाजों को पवेलियन भेजने में सफल रहे भारतीय गेंदबाज पुछल्ले बल्लेबाजों के विकेट झटकने में संघर्ष करते नजर आए. बीते साल दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरे पर भी यही कमी टीम इंडिया के लिए एक बड़ी सिरदर्द बनकर उभरी थी. इस कड़ी में पुणे टेस्ट में भी भारत को अंतिम दो विकेट लेने में काफी परेशानी हुई.

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दो पुछल्ले बल्लेबाज 113 रन जोड़ने में सफल रहे
इस लिहाज से देखें तो अश्विन ने फिरकी में फंसाकर केशव महाराज को शिकार बनाया और साझेदारी को तोड़ने में सफलता हासिल की. गौरतलब है कि पुणे टेस्ट में भारत ने भले ही दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी 275 रनों पर समेट दी हो, लेकिन आखिरी दो पुछल्ले बल्लेबाज 113 रन स्कोर बोर्ड पर टांगने में सफल रहे. टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी 5 विकेट पर 601 रन बनाकर घोषित की थी. अब उसने 326 रन की बढ़त हासिल कर ली है. बढ़त का यह अंतर और भी बड़ा हो सकता था यदि भारतीय गेंदबाजों ने केशव महाराज और वर्नोन फिलैंडर को समय रहते आउट कर लिया होता.

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द. अफ्रीका के 162 पर ही गिर गए थे 8 विकेट
आंकड़ों की भाषा में बात करें तो केशव महाराज (72) और वर्नोन फिलैंडर (44 नाबाद) ने 9वें विकेट के लिए 109 रन की शतकीय साझेदारी की. इसी के चलते उसका स्कोर 8 विकेट पर 162 से 9 विकेट पर 271 रन तक पहुंच गया. बाद में रविचंद्रन अश्विन ने महाराज को रोहित के हाथों कैच कराकर इस शतकीय साझेदारी को तोड़ा. यानी पुछल्ले बल्लेबाजों ने टीम इंडिया के धाकड़ गेंदबाजों को पानी पिला दिया.

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केप टाउन टेस्ट में मिली थी हार
गौरतलब है कि पिछले साल जनवरी में दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर भी भारत को इसी परेशानी ने सताया था. केप टाउन में सीरीज के पहले टेस्ट में भारतीय गेंदबाजों ने दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी में शुरुआती 6 विकेट 202 रन देकर झटक लिए थे. यह अलग बात है कि अंतिम 4 बल्लेबाजों ने 84 रन जोड़े. फिलैंडर और रबाडा की दमदार गेंदबाजी की बदौलत मेजबानों ने भारत की पहली पारी 209 रन पर समेट दी. दक्षिण अफ्रीका की दूसरी पारी 130 रन पर सिमटी और 208 रन का लक्ष्य मिला, लेकिन अफ्रीकी गेंदबाजों ने भारत को 135 रन पर ढेर कर मैच 72 रन से अपने नाम कर लिया.

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इंग्लैंड ने भी दी मात
इसी तर्ज पर पिछले साल अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ भी भारत की यही कमजोरी सामने आई. सीरीज के पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड की दूसरी पारी में उसके 7 विकेट 87 रन तक गिर गए, लेकिन फिर अंतिम 3 बल्लेबाजों आदिल राशिद, स्टुअर्ट ब्रॉड और सैम करन ने स्कोर 180 रन तक पहुंचा दिया. भारत को 194 रन का लक्ष्य मिला लेकिन दूसरी पारी में वह 162 रन पर ऑलआउट हो गया और उसे 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा.

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ऑस्ट्रेलिया से गिरते-पड़ते जीते
दिसंबर 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐडिलेड टेस्ट में भी भारत की पहली पारी 250 पर सिमटी और मेजबान टीम के पहली पारी में 6 विकेट 127 रन तक गिर गए. फिर अंतिम 4 बल्लेबाजों ने स्कोर 235 तक पहुंचा दिया. दूसरी पारी में भारत 307 रन पर ऑलआउट हुआ और मेजबानों को 323 रन का लक्ष्य मिला. भारत ने 7 विकेट 187 रन तक ले लिए लेकिन फिर अंतिम 3 बल्लेबाजों की मदद से स्कोर 291 तक पहुंच गया. हालांकि विराट की किस्मत अच्छी रही जो टीम इंडिया वह मैच जीतने में सफल रही.