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IND VS BAN : ये रहे वे 5 कारण, जिनकी वजह से भारतीय टीम को करना पड़ा हार का सामना, आप भी जानिए

भारत और बांग्‍लादेश के बीच खेला गया पहला मैच भारतीय टीम सात विकेट से हार गई. तीन T20 मैचों की सीरीज का यह पहला मैच था, इस तरह से भारतीय टीम सीरीज में 0-1 से पीछे हो गई.

Updated on: 04 Nov 2019, 09:19 AM

New Delhi:

India vs Bangladesh : भारत और बांग्‍लादेश के बीच खेला गया पहला मैच भारतीय टीम सात विकेट से हार गई. तीन T20 मैचों की सीरीज का यह पहला मैच था, इस तरह से भारतीय टीम सीरीज में 0-1 से पीछे हो गई. अब भारत को यह सीरीज जीतने के लिए बाकी बचे हुए दोनों मैच जीतने होंगे. वहीं बांग्‍लादेश की टीम एक भी मैच अगर जीत हासिल करने में कामयाब हो जाती है तो वह सीरीज जीत लेगी. T20 में भारत पर बांग्‍लादेश की यह पहली जीत है. अब तक दोनों टीमों के बीच नौ मैच खेले गए हैं, इससे पहले हुए आठ मैचों में भारत ने जीत दर्ज की थी. विराट कोहली की गैरहाजिरी में भारतीय टीम की कप्‍तानी इस मैच में रोहित शर्मा ने की. पहले मैच में वे टॉस हार गए और बांग्‍लादेश के कप्‍तान ने भारत को पहले बल्‍लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. पहले खेलते हुए भारत ने निर्धारित 20 ओवर में 148 रन बनाए. जिसके जवाब में तीन गेंद शेष रहते ही बांग्‍लादेश ने जरूरी रन बना लिए और यह मैच जीत लिया. बांग्‍लादेश की टीम पहली बार भारत पर जीत दर्ज करने में क्‍यों कामयाब रही, आइए जानते हैं इसके पांच प्रमुख कारण.

  1. रोहित शर्मा का पहले ओवर में आउट होना : इस मैच में भारतीय टीम की कप्‍तानी रोहित शर्मा कर रहे थे. रोहित शर्मा टॉस हार गए और बांग्‍लादेश के कप्‍तान ने पहले बल्‍लेबाजी के लिए बुला लिया. दरअसल दिल्‍ली में प्रदषण बढ़ा हूआ है, इसलिए धुंध भी काफी थी. वहीं दूसरी पारी में डियू फैक्‍टर भी काम कर सकता था, इसीलिए बांग्‍लादेश ने भारत से पहले बल्‍लेबाजी कराई. रोहित शर्मा ने ने आते ही पहली ही गेंद पर चौका मारकर अपने तेवर साफ कर दिए थे, इसी ओवर में रोहित ने एक और चौका मारा. लेकिन वे दुर्भाग्‍यपूर्ण तरीके से आउट हो गए. बस यही से भारत के हारने की नींव पड़ गई. तीसरे नंबर पर बल्‍लेबाजी करने आए केएल राहुल ने काफी धीमी बल्‍लेबाजी की, वहीं दूसरे छोर पर टिके शिखर धवन ने जब अपना गियर बदला तो जल्‍द ही अपना विकेट भी गवां बैठे.
  2.  शिखर धवन और केएल राहुल की धीमी बल्‍लेबाजी : पहले की ओवर में रोहित शर्मा के आउट होने के बाद क्रीज पर केएल राहुल आए. राहुल पिछले कई मैचों से अपने खराब फार्म से जूझ रहे हैं. इस कारण उन्‍हें टीम में अपनी जगह सुरक्षित करने के लिए जूझना पड़ रहा है. वहीं राहुल की देखादेखी शिखर धवन भी धीमे पड़ गए. इससे रन काफी धीमी गति से बने. हालत यह थी कि पांच ओवर में भारतीय टीम 29 रन ही बना सकी. यानी छह से भी कम औसत से. उस वक्‍त शिखर धवन 13 गेंद में दस और राहुल 12 गेंद में दस रन बनाकर खेल रहे थे, जो T20 के हिसाब से कहीं ठीक नहीं माने जा सकते. इसके बाद राहुल ने तेज खेलने का प्रयास किया, लेकिन वे अपना विकेट गवां बैठे. राहुल ने एक बार फिर निराश किया और 17 गेंद में 15 रन बनाकर आउट हो गए. इसके बाद आए श्रेयर ने आते ही जरूर कुछ बड़े और अच्‍छे शॉट खेले, इससे कुछ उम्‍मीद बंधी. लेकिन दस ओवर में भी भारतीय टीम 69 रन ही बना सकी. जो काफी कम थे. इसके बाद भी लगातार विकेट गिरते रहे और बड़े स्‍कोर करने से टीम चूक गई.
  3.  खराब फील्‍डिंग : भारतीय टीम रन तो ज्‍यादा नहीं ही बना सकी. उसके बाद फील्‍डिंग भी अच्‍छी नहीं रही. भारत के लिए सबसे महंगा तब पड़ा जब बांग्‍लादेश को तेज गति से रन बनाने थे और एक बड़ा शॉट क्रूणाल पांड्या के हाथों में गया. यह कैच आराम से लिया जा सकता था, गेंद पांड्या के हाथ में गया और उसके बाद छिटक गया. अगर यह कैच पकड़ लिया गया होता तो मैच भारत की पकड़ में आ सकता था. लेकिन भारत ने यह मौका गंवा दिया. उसके बाद बांग्‍लादेशी बल्‍लेबाजी रुके ही नहीं और टीम को जीत तक पहुंचा दिया. इससे पहले ऋषभ पंत ने भी कई रन आउट और कैच के मौके छोड़े, वह भी भारत के लिए महंगे साबित हुए. भारतीय टीम बांग्‍लादेश के जल्‍दी विकेट गिराने में नाकाम साबित हूई. भारत ने जब 149 रनों का लक्ष्य बांग्‍लादेश को दिया था, तभी कहा गया कि भारत यह मैच तभी जीत सकता है, जब जल्‍दी दो से तीन विकेट गिरा लिए जाएं और उसके बाद भी लगातार अंतराल पर विकेट ले लिए जाएं. भारत ने पहला विकेट तो जल्‍दी ले लिया, लेकिन उसके बाद खराब फील्‍डिंग के कारण जल्‍दी विकेट नहीं मिले और भारतीय टीम पहली बार बांग्‍लादेश से हार गई.
  4. डीआरएस का गलत इस्‍तेमाल : भारत ने इस मैच में कई डीआरएस भी लिए, लेकिन कोई काम नहीं कर सका. पहला डीआरएस तो पहले ही ओवर में कप्‍तान रोहित शर्मा ने ले लिया. वे आउट थे, लेकिन वे खुद मानने के लिए तैयार नहीं हुए और बाद में तीसरे अंपायर ने भी उन्‍हें आउट दे दिया. इसके बाद दसवे ओवर में फिर यही काम हुआ. यजुवेंद्र चहल गेंदबाजी कर रहे थे और बल्‍लेबाज थे सौम्‍य सरकार. इस ओवर की आखिरी गेंद सौम्‍य सरकार ने हल्‍के से खेली, गेंद ऋषभ पंत के पास गई. चहल और पंत दोनों ने अपील की. लेकिन अंपायर ने नॉट आउट करार दिया. यजुवेंद्र चहल को भी लग रहा था कि यह आउट नहीं है, लेकिन ऋषभ पंत का कहना था कि आउट है. गेंद बल्‍ले का किनारा लेकर उनके दस्‍तानों में आई हैं. इस पर कप्‍तान रोहित शर्मा ने डीआरएस ले लिया. टीवी रीप्‍ले में साफ दिखा कि बल्‍ले और गेंद का सम्‍पर्क नहीं हुआ है. इस तरह तीसरे अंपायर ने भी आउट नहीं दिया. ऋषभ पंत की वजह से भारतीय टीम को एक और झटका लगा और रीव्‍यू भी खराब हो गया.
  5. टॉस हारना भी भारी पड़ा : भारतीय टीम हार तभी गई थी, जब रोहित शर्मा टॉस हारे. बांग्‍लादेशी कप्‍तान ने टॉस जीता और मौका देखकर तुरंत गेंदबाजी चुन ली. दिल्‍ली में प्रदूषण की वजह से विजिविलिटी कम थी और गेंद साफ तौर पर नहीं दिख रही थी. वहीं दूसरी पारी में डियू का भी असर देखने के लिए मिल रहा था. यही कारण रहा कि विश्‍वस्‍तरीय बल्‍लेबाजी होने के बाद भी भारत 150 रन भी नहीं बना सकी. इसके बाद बांग्‍लादेश के सामने छोटा लक्ष्य था, वह धीरे धीरे रन रन गति बढ़ता रहा और आखिर ओवर में तीन गेंद पहले ही मैच जीत लिया. छोटे लक्ष्य पर जरूरी होता है कि नियमित अंतराल पर विपक्षी टीम के विकेट गिरते रहें. बांग्‍लादेश ने विकेट बचाकर रखे और आखिरी के ओवर में तेज गति से रन बटोरे और मैच जीत लिया.