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IndVsBan 2nd Test: ऑस्‍ट्रेलिया की कुकाबुरा से 5000 रुपये सस्‍ती है मेरठ की पिंक बॉल, पहली बार इस्‍तेमाल करेगी टीम इंडिया

Ind Vs Ban 2nd Test:लाल एसजी या कोकुबुरा बॉल के मुकाबले एसजी की ये पिंक बॉल ज्यादा सीम करेगी

Updated on: 20 Nov 2019, 11:48 PM

मेरठ:

Ind Vs Ban: कोलकाता के ईडन गार्डन में होने वाला भारत का पहला डे नाइट क्रिकेट टेस्ट मैच ( Day-Night Test) में कई का इम्तहान होना है. सबसे बड़ा इम्‍तहान होना है गुलाबी गेंद (Pink Ball) का. एक तो पहला डे नाइट क्रिकेट टेस्ट मैच और उस पर पहली बार यूज हो रही पिंक बॉल. माना जा रहा है टेस्ट में इस्तेमाल होने वाला आम लाल एसजी या कुकाबुरा बॉल के मुकाबले एसजी की ये पिंक बॉल ज्यादा सीम करेगी क्योंकि इसमें लाल के मुकाबले पिंक कलर की कोडिंग ज्यादा है और ब्लैक यानी की काली सीम भी इसकी वजह होगी. ये गेंद एसजी यानि सन्सपीरियल ग्रीन्स कम्पनी ने बनाई है. जहां तक पिंक बॉल की कीमत की बात करें तो ये ऑस्‍ट्रेलिया की कुकाबुरा से 5000 रुपये सस्‍ती है और बनती अपने इंडिया के उत्‍तर प्रदेश के मेरठ में. आइए जानें कैसे तैयार होती है ये पिंक बॉल..

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एसजी की फैक्ट्री में इस समय बड़े पैमाने पर पिंक, रेड और व्हाइट बॉल का निर्माण चल रहा है. सबसे पहले मृत जानवरों का चमड़ा विदेश से आयातित किया जाता है. फिर इस चमड़़े पर सात दिनों तक पिंक कलर की डाई की जाती है. आमतौर पर रेड बॉल के लिए ये प्रक्रिया एक दिन में ही पूरी हो जाती है लेकिन पिंक कलर के लिए इतना समय लग जाता है. इसके बाद लैदर को तेज धूप में सुखाया जाता है और फिर इसे सीधा किया जाता है. फैक्ट्री में सीधा करने के बाद इसके हाफ कैप काटे जाते हैं.

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फिर दो हाफ कैप एक साथ सिल के एक कैप तैयार की जाती है. फिर दोनों कैप के साथ कार्क का वजन होता है. बीसीसीआई के मानक के अनुसार पूरी बॉल कम्पलीट होने पर 156 ग्राम से 162 तक ही होनी चाहिए. एसे में कॉक और दोनों का वजन 156 से कम ही होना चाहिए. इसके बाद दोनो कैप और कॉक को चिपकाने के लिए पेस्ट लगाया जाता है और फिर ये सीम के लिए चली जाती है.कम्प्रैस के बाद फाइनल डबल ब्लैक सीम होती है और फिर फाइनल वजन होने के बाद कम्पनी की स्टैम्प लगने के बाद डिब्बो में पैक कर दी जाती है.

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अभी तक एसजी लाल और सफेद इंटरनेशनल क्रिकेट बॉल बना रहा था लेकिन एक महिन पहले यानि सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनते ही एसजी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद को पिंक बॉल रेडी करने को कहा था. एसजी के मार्केटिंग डायरेक्टर पारस आनंद ने बताया कि कुल 3000 रुपये की ये पिंक बॉल अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टेस्ट होने वाली है. इस गेंद के साथ बल्लेबाजों का तो इम्‍तहान होगा ही साथ ही ये भी तय हो जाएगा कि रेड और पिंक में कौन बेहतर है.