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ICC अध्यक्ष शशांक मनोहर को आम्रपाली से मिला विवादास्पद भुगतान, देनी पड़ी सफाई

मनोहर का नाम उन लोगों की सूची में आता है, जिनको शर्मा ने 8.71 करोड़ रुपये में से भुगतान किया है.

Updated on: 26 Jul 2019, 11:46 AM

नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि आम्रपाली ग्रुप के सीएमडी अनिल कुमार शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष शशांक मनोहर के खाते में जो 36 लाख रुपये ट्रांसफर किए थे, वो फंड के गलत इस्तेमाल की श्रेणी में आता है क्योंकि वह उन लोगों का पैसा था, जिन्होंने आम्रपाली ग्रुप को घर खरीदने के लिए दिया था. मनोहर का नाम उन लोगों की सूची में आता है, जिनको शर्मा ने 8.71 करोड़ रुपये में से भुगतान किया है. शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आम्रपाली ग्रुप मामले में हवाले से पैसे की जांच करने को कहा है. 

न्यायालय ने फंड के इस तरह के इस्तेमाल को 'धन का दुरुपयोग' बताया है, जिसमें कंपनी के निदेशक शामिल हैं.

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अदालत ने कहा, 'निदेशक और कार्यकारियों ने एक साथ मिलकर घर खरीदने वाले लोगों के पैसे को गलत तरीके से दूसरों के खाते में डाला है.'

पेशे से वकील मनोहर ने आईएएनएस से कहा, 'मैं चार साल पहले पटना उच्च न्यायालय में आम्रपाली ग्रुप की तरफ से केस लड़ने गया था. इसके अलावा मेरा उनसे कोई संबंध नहीं है.'

मनोहर के खाते में पैसा शर्मा की देखरेख में ट्रांसफर किया गया था. मनोहर का नाम हालांकि आदेश में दो बार आया है. पहली बार उन लोगों की सूची में, जिनके खाते में गलत तरीके से फंड ट्रांसफर किया गया. दूसरी बार तब जब शर्मा ने फोरेंसिक ऑडिटर्स की मदद से अपने द्वारा भुगतान किए गए लोगों की सूची बनाई थी.

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सूची में चंदन होम्स प्राइवेट लिमिटेड, शफायर डिजिडल प्रिंटर्स, मानस नर्सिग होम, सुरभि एडर्वटाइजिंग प्राइवेट लिमिटेड और क्वालिटि सिंथेटिक इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम भी शामिल हैं. 

निदेशकों ने घर खरीदने वालों के पैसे को शादी, विदेश यात्राओं, महंगी घड़ी, जेवर और महंगी कारों, शेयर एवं प्रतिभूति की खरीददारी में उपयोग में लिया है. इस पैसे को म्यूचुअल फंड्स, निजी संपत्ति, घर का लोन जैसे अन्य कामों में भी उपयोग में लिया है.

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अदालत ने ईडी को आदेश दिया है कि वह कंपनी, उसके सीईओ और प्रबंधकीय निदेशक अनिल शर्मा तथा निदेशक शिव प्रिया, अजय कुमार पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के उल्लंघन को लेकर हवाला का मामला दर्ज करे.