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भारतीय टीम के लिए अनलकी रहे हैं रवि शास्त्री, कोचिंग के मामले में कुंबले, गैरी कर्स्टन से पीछे

भारतीय टीम के हेड कोच और बाकी सहयोगी स्टाफ के लिए आवेदन की अंतिम तारीख मंगलवार को खत्म हो गई जिसमें रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के अलावा टॉम मूडी, रॉबिन सिंह, महेला जयवर्धने, लालचंद राजपूत, न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन आदि दावेदार हैं.

Updated on: 02 Aug 2019, 01:12 PM

नई दिल्ली:

टीम इंडिया के मौजूदा हेड कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) फिर से इस पद के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन आंकड़ों पर गौर करें तो उन्हें खासकर टेस्ट क्रिकेट में वैसी सफलता नहीं मिली जैसी उनके पूर्ववर्ती अनिल कुंबले (Anil Kumble) और गैरी कर्स्टन ने हासिल की थी. भारतीय टीम के हेड कोच और बाकी सहयोगी स्टाफ के लिए आवेदन की अंतिम तारीख मंगलवार को खत्म हो गई जिसमें रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के अलावा टॉम मूडी, रॉबिन सिंह, महेला जयवर्धने, लालचंद राजपूत, न्यूजीलैंड के पूर्व कोच माइक हेसन आदि दावेदार हैं. 

रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का कार्यकाल विश्व कप (World Cup) के बाद 45 दिन के लिए बढ़ाया गया है. यह कोच के रूप में भारतीय टीम के साथ उनकी दूसरी पारी थी. इससे पहले वह टीम डायरेक्टर भी रहे थे. उनके इन दोनों कार्यकाल में भारत विश्व कप (World Cup) में खेला था, लेकिन 2015 और अब 2019 में उसे नाकामी हाथ लगी थी.

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टेस्ट मैचों में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) से बेहतर रिकॉर्ड अनिल कुंबले (Anil Kumble) का रहा है जिन्हें कप्तान कोहली के साथ मनमुटाव के कारण एक साल में अपना पद छोड़ना पड़ा था. भारतीय टीम के लिए कोच की परंपरा 1990 में शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक भारत ने 15 कोच देखे हैं. 

टीम इंडिया के पहले विदेशी कोच जॉन राइट थे, जबकि उनसे पहले बिशन सिंह बेदी, अब्बास अली बेग, अजित वाडेकर, संदीप पाटिल, मदन लाल, अंशुमान गायकवाड और कपिल देव ने यह भूमिका निभाई थी.

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कपिल देव के बाद जॉन राइट, ग्रेग चैपल, गैरी कस्टर्न, डंकन फ्लेचर, रवि शास्त्री (Ravi Shastri) और अनिल कुंबले (Anil Kumble) कोच बने.