logo-image

महेंद्र सिंह धोनी की कप्‍तानी वाली चेन्‍नई सुपरकिंग फिर संकट में, 300 करोड़ रुपये की ED करेगी जांच

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)की कप्‍तानी वाली चेन्‍नई सुपर किंग्‍स पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इससे पहले भी एक बार यह टीम स्‍पॉट फिक्‍संग के मामले में आईपीएल (IPL) में दो साल का बैन झेल चुकी है.

Updated on: 28 Aug 2019, 12:05 PM

नई दिल्‍ली:

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni)की कप्‍तानी वाली चेन्‍नई सुपर किंग्‍स पर फिर से संकट के बादल मंडराने लगे हैं. इससे पहले भी एक बार यह टीम स्‍पॉट फिक्‍संग के मामले में आईपीएल (IPL) में दो साल का बैन झेल चुकी है. अब फिर से यह टीम विवादों में आ गई है. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मनी लॉड्रिंग की जांच में यह पाया गया है कि चेन्‍नई सुपर किंग्‍स में इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) ने करीब 300 करोड़ रुपये का निवेश किया है. 

यह भी पढ़ें ः भीषण सड़क हादसे में कट गया था बायां पैर, मानसी जोशी ने एक पैर पर खेलकर जीत लिया गोल्ड मेडल

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार यह करीब 300 करोड़ की धनराशि का निवेश पिछले साल 2018 में किया गया था. इस निवेश के पीछे कारण क्‍या है, ईडी इसका पता लगाने की कोशिश कर रहा है. जानकारी के अनुसार इस मामले में तीन बार की आईपीएल टीम चेन्‍नई सुपर किंग्‍स से पूछताछ की जा सकती है. उधर निवेश करने वाली कंपनी आईएलएफएस (IL&FS) से भी पूछताछ की जा सकती है. यह मामला हाल ही में सामने आया है, तब से चेन्‍नई सुपर किंग्‍स की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. इस राशि की निवेश की जानकारी ईडी को तब लगी जब इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (IL&FS) की लोन और निवेश की जांच कर रही थी. ईडी को जांच में पता चला है कि यह निवेश विशेष निवेश की श्रेणी में किया गया है.

यह भी पढ़ें ः IND vs WI: आखिरी टेस्ट मैच के लिए वेस्टइंडीज ने की टीम की घोषणा, ये धांसू खिलाड़ी भी शामिल

इससे पहले भी चेन्‍नई सुपर किंग्‍स स्‍पॉट फिक्‍सिंग के मामले में 2016 और 2017 के आइपीएल में बैन हो गई थी और प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं सकी थी. हालांकि इसके बाद टीम ने आईपीएल में वापसी की और फिर से महेंद्र सिंह धोनी को कप्‍तान बनाया गया और टीम में अच्‍छा प्रदर्शन भी किया.

यह भी पढ़ें ः राजस्‍थान रॉयल्‍स के खिलाड़ी दुनियाभर में मचा रहे तहलका

खस्ताहाल IL&FS
कर्ज और घाटे की दोहरी मार
लगातार 6 साल से ऑपरेटिंग घाटा
मार्च18 तक करीब 91 हजार करोड़ कर्ज
नकदी की कमी के कारण कई बार डिफॉल्ट
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने डाउनग्रेड किया

यह भी पढ़ें ः भारत के तीन ऐसे खिलाड़ी जिन्‍हें कोई गेंदबाज नहीं कर पाया आउट, जानें कौन हैं वे बल्‍लेबाज

मुश्किल में कैसे आया IL&FS ग्रुप?
सब्सिडियरी को भारी भरकम पूंजी की जरूरत
कारोबार का क्षमता से अधिक विस्तार
प्रोजेक्ट्स के लिए ज्यादा लागत पर बोली लगाई
समय पर प्रोजेक्ट पूरे नहीं हुए, पैसे फंसे
सब्सिडियरी से डिविडेंड, फीस इनकम पर निर्भर

यह भी पढ़ें ः आलिया भट्ट को नहीं जानते हर्शल गिब्‍स, जानें दोनों में क्‍या हुई बातचीत

IL&FS: मुश्किलों के लिए जिम्मेदार कौन?
बोर्ड ने अंधाधुंध कारोबार विस्तार किया
कमाई घटी, मैनेजमेंट ने खर्चे नहीं घटाए
कोर क्षेत्र के अलावा बिल्कुल ही अलग कारोबार में एंट्री
इंफ्रा में मुश्किल हालात से भी कंपनी को दिक्कत
सब्सिडियरी में पूंजी डालने से कर्ज़ का बोझ बढ़ा

यह भी पढ़ें ः पाकिस्‍तान नहीं भुला पा रहा भारत से मिली हार, जानें इमरान खान ने क्‍या कहा

IL&FS: कंपनियों का मकड़जाल
कुल 174 कंपनियां, डायरेक्ट-इनडायरेक्ट 164 सब्सिडियरीज़
देसी डायरेक्ट-इनडायरेक्ट 92 सब्सिडियरीज़
विदेशी सब्सिडियरी कंपनियों की संख्या 50
6 साझा कंपनियां और 4 एसोसिएट
स्पेन में 11 और सिंगापुर में 10 सब्सिडियरी

यह भी पढ़ें ः Happy Birthday Don Bradman: ब्रैडमैन की 111वीं वर्षगांठ पर खास अंदाज में सचिन तेंदुलकर ने किया याद

IL&FS के शेयरधारक
36% हिस्सा विदेशी कंपनियों के पास
जापान की ऑरिक्स, UAE की ADIA का कुल 36% हिस्सा
IL&FS एंप्लॉई ट्र्स्ट भी 12% हिस्से का मालिक
LIC का 25.34%, HDFC की 9.02% हिस्सेदारी
सेंट्रल बैंक का 7.67%, SBI का 6.42% हिस्सा