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टीम इंडिया के कोच की नियुक्ति में जल्दबाजी पर बीसीसीआई ने उठाए सवाल

सर्वोच्च अदालत द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का कामकाज देखने के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीते मंगलवार को भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ के लिए आवेदन मांगे हैं.

Updated on: 17 Jul 2019, 04:41 PM

नई दिल्‍ली:

सर्वोच्च अदालत द्वारा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का कामकाज देखने के लिए गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) ने बीते मंगलवार को भारतीय टीम के कोचिंग स्टाफ के लिए आवेदन मांगे हैं. इस त्वरित कदम पर BCCI के कुछ अधिकारियों को हैरानी हुई है, खासकर तब जब बोर्ड की वार्षिक आम बैठक 22 अक्टूबर को होनी है.

बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि सीओए ने पहले तो कहा था कि वह कोच और कप्तान के साथ समीक्षा बैठक करेंगे, लेकिन उन्होंने अचानक से इससे आगे जाने का फैसला किया और कोचिंग स्टाफ के लिए आवेदन मांगा लिए. इस त्वरित घटनाक्रम को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

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अधिकारी ने कहा, "यह कई तरह से गलत है. पहली बात, जब सीओए ने बोर्ड के चुनावों की तारीख का ऐलान कर दिया है तो वह इन नियुक्तियों को लेकर इतनी जल्दबाजी में क्यों है? क्या वह किसी खास व्यक्ति को पद पर बिठाने की अपनी इच्छा पूरी करना चाहते हैं. "

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उन्होंने कहा, "एक विकल्प यह लगता है कि वह विश्व कप के संदर्भ में किसी तरह की जल्दबाजी में हों और चीजों को कारपेट के अंदर छुपा देना चाहते हैं. रिपोर्ट सिर्फ मैनेजर से नहीं बल्कि टीम के प्रत्येक कोच से ली जानी चाहिए. फीजियो और ट्रेनर से भी अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहना चाहिए. यह जरूरी है कि विजय शंकर की चोट और इसे संभालने में प्रबंधन ने जो किया उस पर ध्यान दिया जाए. "

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अधिकारी ने कहा, "बल्लेबाजी कोच संजय बांगर से नंबर-4 बल्लेबाजी क्रम से संबंधित समस्या का समाधान न ढूंढ़ने को लेकर सवाल पूछना चाहिए. चूंकि यह जाहिर सी बात है कि टीम प्रबंधन कुछ निश्चित खिलाड़ियों को टीम में लाना चाहता था. उन्हें इस बात का जवाब भी देना होगा कि क्या उन्हें शंकर की चोट के बारे में पता था कि नहीं. "

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एक दिलचस्प बात यह है कि सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरभ गांगुली की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) अभी तक भंग नहीं की गई है लेकिन सीओए ने कोच नियुक्ति के लिए एक और समिति के गठन का फैसला किया है जबकि यह तीनों काफी दिनों से अपनी जिम्मेदारियों के बारे में सीओए से पूछ रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि यह अर्थहीन होगा कि सीओए अब एक नई सीएसी का गठन करेगा. इससे वह बोर्ड के नए सविंधान के नियमों से भी खिलवाड़ करेगा.

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अधिकारी ने कहा, "इस बात को लेकर स्थिति साफ नहीं है कि कोचिंग स्टाफ की नियुक्ति कौन करेगा पुरानी और अस्तित्व में रहने वाली सीएसी. ऐसी भी चर्चा है कि सीओए नई सीएसी का गठन कर सकती है. यहां कुछ समस्याएं हैं. लोढ़ा समिति में सीएसी का जिक्र नहीं था. सीओए ने जो संविधान बनाया है उसमें उन्होंने अपनी तरफ से कुछ चीजें जोड़ी हैं लेकिन उन्हें सर्वोच्च अदालत से पूरी तरह से मंजूरी नहीं मिली है. उन्हें चुनौती दी गई है. "

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अधिकारी ने कहा, "अगर हम नए संविधान को भी मानें जो सीओए ने बनाया है, उसमें भी जनरल बॉडी को सीएसी नियुक्त करने का अधिकार है. इसलिए अगर सीओए सीएसी का गठन करती है तो वह अपने ही संविधान की उपेक्षा करेगी. "