Corona Virus से निपटने के लिए BCCI ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 51 करोड़ रुपये दान में दिए
भारत की सबसे अमीर खेल संस्था बीसीसीआई (BCCI) ने शनिवार को कोविड-19 (Covid-19) महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई के लिये प्रधानमंत्री राहत कोष में 51 करोड़ रूपये दान में दिए.
नई दिल्ली:
भारत की सबसे अमीर खेल संस्था बीसीसीआई (BCCI) ने शनिवार को कोविड-19 (Covid-19) महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई के लिये प्रधानमंत्री राहत कोष में 51 करोड़ रूपये दान में दिए. इस खतरनाक वायरस को फैलने से रोकने के लिये देश में 21 दिन का लॉकडाउन है जिससे दुनिया भर में करीब 25,000 लोगों की जान जा चुकी है. भारत में अब तक 19 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 1000 के करीब लोग इससे संक्रमित हैं.
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बीसीसीआई की विज्ञप्ति के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली, मानद सचिव जय शाह और अन्य अधिकारियों ने शनिवार को मान्यता प्राप्त संघों के साथ मिलकर देश की आपदा प्रबंधन क्षमताओं को मजबूत करने और भारतीय नागरिकों की रक्षा करने तथा कोविड-19 से निपटने के लिए अनुसंधान को प्रोत्साहित करने में योगदान देने के लिए प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता एवं आपात स्थिति राहत कोष में 51 करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की.
लोकसभा अध्यक्ष ने सांसदों से सांसद निधि से एक करोड़ रूपये आवंटित करने का अनुरोध किया
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को सभी सांसदों से कोविड -19 से मुकाबला करने के लिए अपनी सांसद निधि (एमपीलैड फंड) से एक करोड़ रुपये आवंटित करने का अनुरोध किया. लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि इस धनराशि का उपयोग आवश्यक जांच किट, मास्क, व्यक्तिगत सुरक्षा किट और अन्य चिकित्सीय उपकरणों के लिए किया जाएगा.
उन्होंने सांसदों से वित्तीय वर्ष 2020 -2021 के लिए एमपीलैड स्कीम के तहत आवंटित की जाने वाली धनराशि में से कम से कम एक करोड़ रुपये का स्वीकृति सम्बन्धी सहमति पत्र भरकर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय को भेजने का अनुरोध किया. कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने में जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि ऐसे संकट में हमारा दायित्व और भी बढ़ जाता है.
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ऐसे में जनप्रतिनिधि यह सुनिश्चित करें कि लॉकडाउन के कारण गरीबों और जरूरतमंदों को उनकी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति में कोई बाधा उत्पन्न न हो. उन्होंने कहा कि इसीलिए सांसदों को उनके संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के अंदर गरीबों और अभावग्रस्त व्यक्तियों को जन-सहयोग द्वारा खाद्य सामग्रियों एवं रोजमर्रा की आवश्यकताओं की आपूर्ति करने के लिए हमें पूरा प्रयास करने की आवश्यकता है.
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