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CoA का अजीबो-गरीब फैसला, उम्र के साथ धोखाधड़ी करने वाले खिलाड़ियों को मिली राहत

राज्य संघ के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि यह पूरी तरह से अनावश्यक है और यह खेलों के सिद्धांत के खिलाफ है. अधिकारी ने कहा कि ये पूरी तरह चौंकाने वाला फैसला है और खेल के उन सिद्धांतों के खिलाफ है

Updated on: 08 Aug 2019, 05:04 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने उम्र के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों की सजा में राहत देने का फैसला किया है. इससे पहले उम्र के साथ धोखाधड़ी करने के दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों पर दो साल का प्रतिबंध लगाया जाता था, लेकिन 29 जून को हुई सीओए की बैठक के अनुसार अब खिलाड़ियों को दूसरे साल में ही अपने क्लब और टूर्नामेंट में खेलने की इजाजत दे दी जाएगी. सीओए का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से उम्र के साथ धोखाधड़ी करने के मामले को गंभीरता से लेने का आग्रह किया था. हालांकि अब राज्य संघ सीओए के इस फैसले से हैरान हैं.

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राज्य संघ के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि यह पूरी तरह से अनावश्यक है और यह खेलों के सिद्धांत के खिलाफ है. अधिकारी ने कहा, "यह पूरी तरह चौंकाने वाला फैसला है और खेल के उन सिद्धांतों के खिलाफ है, जिनकी रक्षा करना हमारा काम है. क्या यह भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं दे रहा है? बीसीसीआई पहले भी इस तरह का खतरा ले चुका है और यह सब निराशाजनक है." एक अन्य राज्य संघ के अधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई तरीका नहीं है कि वे खिलाड़ियों को दो साल के प्रतिबंध के समाप्त होने से पहले ही उन्हें क्लब के लिए खेलने की अनुमति देंगे.

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उन्होंने कहा, "राज्य संघ के स्तर पर हम इस छूट को लागू नहीं करेंगे क्योंकि हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते हैं. दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई उस दिन शुरू हो जाती है जब उम्र की धोखाधड़ी जैसे मामले सामने आते हैं." बीसीसीआई ने पिछले साल नवंबर में घोषणा की थी कि उम्र के साथ धोखाधड़ी करने के दोषी पाए जाने वाले खिलाड़ियों को दो साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा. बीसीसीआई के पास खेल में उम्र की धोखाधड़ी के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति है. बीसीसीआई ने 2018-19 में दोहराते हुए कहा कि कोई भी क्रिकेटर (पुरुष व महिला) अगर उम्र के साथ धोखाधड़ी करने का दोषी पाया जाता है तो उसे दो साल के लिए बीसीसीआई के टूर्नामेंटों में भाग लेने से रोक दिया जाएगा."