नई दिल्ली :
अगर आप 90 के दशक के क्रिकेट प्रेमी हैं तो आप जिम्बाब्वे के फ्लावर बंधुओं को जरूर जानते होंगे. उस दौर में जिम्बाब्वे की टीम तो कमजोर हुआ करती थी, लेकिन एंडी फ्लावर और ग्रांड फ्लावर का विश्व क्रिकेट में खासा दबदबा हुआ करता था. टीम भले ही हारती थी, लेकिन फ्लावर बंधु अपनी छाप छोड़ दिया करते थे. यहां तक कि टीम कभी जीतती भी थी तो इन्हीं दोनों फ्लावार बंधुओं की दम पर ही. इन्हीं फ्लावर बंधुओं में से एक एंडी फ्लावर फिलहाल इंग्लैंड के कोच हुआ करते थे. अब उन्होंने इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट से अपने आप को अलग कर लिया है.
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इंग्लैंड के पूर्व कोच एंडी फ्लावर 12 साल बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) से अलग हो गए हैं. एंडी ने ईसीबी की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा, ये सचमुच मेरे लिए बेहद खास रहा. जिम्बाब्वे के पूर्व बल्लेबाज एंडी को 2007 में पीटर मूर्स के साथ इंग्लैंड क्रिकेट टीम का सहायक कोच नियुक्त किया गया था. इसके दो साल बाद वह टीम के मुख्य कोच बने थे। बाद में वह 2014 में वो इंग्लैंड लायंस के साथ जुड़ गए थे.
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उन्होंने कहा, 2010-11 में में एशेज टेस्ट सीरीज में मिली जीत सबसे खास थी. आस्ट्रेलिया में एशेज सीरीज में जीतना काफी मुश्किल था, लेकिन हमारी टीम ने इसे कर दिखाया. ये मेरे कोचिंग करियर का सबसे ज्यादा गर्व करने वाला मौका था. टीम के युवा खिलाड़ियों को उस चुनौती को सफलतापूर्वक लेते देखना काफी सुखद था और ऐसा करने में काफी समय लगा.
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एंडी ने आगे कहा, भारत में 2012-13 में टेस्ट सीरीज जीतना अपने आप में बड़ी बात थी. भारतीय परिस्थितियों में इस तरह की जीत बहुत ही खास था. 2010 T-20 विश्व कप में जिस तरह से इंग्लैंड की टीम ने आक्रामकता और आजादी के साथ क्रिकेट खेली वे भी अपने आप में शानदार था.
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