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प्रो कबड्डी लीग: बंगाल को हरा पटना फाइनल में, गुजरात से होगा सामना

मौजूदा विजेता पटना पाइरेट्स ने गुरुवार को प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के सीजन-5 में क्वालीफायर-2 में बंगाल वॉरियर्स को मात देते हुए लगातार तीसरी बार फाइनल में जगह बना ली।

Updated on: 27 Oct 2017, 12:27 AM

नई दिल्ली:

मौजूदा विजेता पटना पाइरेट्स ने गुरुवार को प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के सीजन-5 में क्वालीफायर-2 में बंगाल वॉरियर्स को मात देते हुए लगातार तीसरी बार फाइनल में जगह बना ली। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए मैच में पटना ने कप्तान प्रदीप नरवाल के बेहतरीन प्रदर्शन की मदद से बंगाल को 47-44 से मात दी।

फाइनल में पटना का सामना लीग की नई टीम गुजरात फॉर्च्यूनजाएंट्स से होगा जिसने पहले क्वालीफायर में बंगाल को ही हराकर सीधे फाइनल में प्रवेश किया था।

इस सीजन में नए आयाम स्थापित करने वाले प्रदीप ने 23 अंक जुटाए। उन्होंने अकेले अपने दम पर बंगाल को पूरे मैच में दबा कर रखा। शुरुआत से ही पीछे चल रही बंगाल ने हालांकि अंतिम पांच मिनट में अच्छी वापसी की लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर सकी।

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बंगाल की टीम शुरू से ही पटना के दबाव में दिखी। दो बार की विजेता पटना ने पहले मिनट में 4-1 की बढ़त ले ली थी। दूसरे मिनट में प्रदीप ने स्कोर 9-1 कर दिया।

यहां से बंगाल पर दबाव बन गया था जिसके तले वो दबती चली गई। उसने अंकों के अंतर को कम करने की कोशिशें तो बहुत की, लेकिन प्रदीप दीवार की तरह उसके हर प्रयास के सामने खड़े रहे। पटना ने पहले हाफ का अंत 21-12 के स्कोर के साथ किया।

दूसरे हाफ में बंगाल ने बेहतर खेल दिखाया। उसने दूसरे हाफ के दो मिनट में ही अपने खाते में चार अंकों का इजाफा किया। लेकिन, पटना ने उसे ज्यादा आगे नहीं जाने दिया और 24वें मिनट तक स्कोर 28-17 कर लिया।

अंतिम पांच मिनट का खेल बाकी था और पटना की टीम 41-27 से आगे थी। यहां से बंगाल ने अपने प्रयास तेज किए और पटना को रोकने के साथ-साथ लगातार अंक लेती रही। मनिंदर सिंह ने दो अंक लेकर स्कोर 30-42 कर दिया। 37वें मिनट में ही मनिंदर ने सफल रेड मारते हुए बंगाल को तीन अंक दिलाए और स्कोर 35-44 कर दिया।

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आखिरी दो मिनट के खेल में बंगाल के डिफेंस ने प्रदीप के रेड को असफल कर स्कोर 41-46 कर मौजूदा विजेता के चेहरे पर परेशानी ला दी। लेकिन, पटना ने अंकों के अंतर को बनाए रखा और जीत हासिल करते हुए फाइनल में प्रवेश किया।

बंगाल ने लीग स्तर पर जोन-ए में पहला स्थान हासिल किया था। उसने जोन-बी में टॉप पर रही गुजरात के साथ पहला क्वालीफायर खेला, लेकिन उसे बुरी तरह हार मिली। उस मैच में जीत हासिल करने के साथ गुजरात की टीम सीधे फाइनल में पहुंचीं जबकि बंगाल को दूसरे क्वालीफायर का रुख करना पड़ा।

दूसरी ओर, पटना पाइरेट्स का यहां तक का सफर काफी रोमांचक रहा। यह टीम जोन-बी में दूसरे स्थान पर रही। ऐसे में उसे दूसरे एलिमिनेटर में जोन-ए में तीसरे स्थान पर हरियाणा स्टीलर्स से भिड़ना पड़ा। इस मैच में में दो बार की चैम्पियन पटना ने 34 रेड प्वाइंट हासिल करने वाले अपने कप्तान प्रदीप के दम पर हरियाणा को 69-30 से हराया।

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प्रदीप ने इस मैच में लीग के पांचवें सीजन में 300 रेड अंक हासिल कर एक नया कीर्तिमान बनाया। यही नहीं, प्रदीप ने एक मैच में सबसे अधिक 34 रेड अंक हासिल करने का भी रिकार्ड बनाया। प्रदीप ने एक रेड में सबसे अधिक आठ अंक हासिल करने का भी रिकार्ड अपने नाम किया।

इस मैच को जीतकर पटना की टीम तीसरे एलिमिनेटर के लिए क्वालीफाई करने में सफल रही। अब उसका सामना एलिमिनेटर-1 में यूपी योद्वाज को हराने वाली पुनेरी पल्टन से होना था। लगा था कि प्रदीप की टीम यह मैच भी आसानी से जीत लेगी लेकिन दीपक निवास हुड्डा के नेतृत्व में पुणे की टीम ने उसे नाको चने चबवा दिया।

एक समय पुणे को 10 अंकों की बढ़त प्राप्त थी और मैच पटना के हाथों से फिसल चुका था लेकिन प्रदीप ने एक बार फिर साबित किया कि वह आधुनिक कबड्डी के नायक हैं और उनके साहसिक प्रयासों के दम पर पटना ने पुणे को 42-32 के अंतर से पराजित कर खिताब बचाने की ओर एक बड़ा कदम बढ़ाया। इस मैच में भी प्रदीप ने 19 रेड अंक बटोरे थे।