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Ind Vs SL: भारत ने सीरीज 1-0 से जीती, कोहली बने मैन ऑफ द सीरीज

धनंजय डी सिल्वा (नाबाद 119) और पहला मैच खेल रहे रोशेन सिल्वा (नाबाद 70) की शानदार संघर्षपूर्ण पारियों के दम पर श्रीलंकाई टीम बुधवार को भारत के खिलाफ फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने में सफल रही।

Updated on: 06 Dec 2017, 09:08 PM

नई दिल्ली:

श्रीलंकाई बल्लेबाज धनंजय सिल्वा (नाबाद 119 ) और पदार्पण मैच खेल रहे रोशेन सिल्वा (नाबाद 70) ने मुश्किल हालात में बेहतरीन पारियां खेलकर फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए तीसरे और आखिरी टेस्ट मैच के पांचवें दिन बुधवार को मेजबान भारत को ड्रॉ पर मजबूर कर दिया।

भारत ने चौथी पारी में श्रीलंका के सामने जीत के लिए 410 रनों का लक्ष्य रखा था। श्रीलंकाई टीम पांचवें दिन अपनी दूसरी पारी में पांच विकेट खोकर 288 रन बनाते हुए मैच ड्रॉ कराने में सफल रही। 

आखिरी दिन बधुवार का खेल खत्म होने में सात ओवरों का खेल बाकी था, तभी दोनों टीमों ने मिलकर सहमति से मैच ड्रॉ पर समाप्त करने का फैसला लिया। भारतीय कप्तान विराट कोहली को मैन ऑफ द सीरीज और मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला।

भारत ने हालांकि इस ड्रॉ के बाद भी तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 1-0 से अपने नाम कर ली है। कोलकाता में खेला गया पहला मैच ड्रॉ रहा था जबकि नागपुर में खेले गए दूसरे मैच में भारत ने जीत हासिल की थी।

यह भारत की लगातार नौवीं टेस्ट सीरीज जीत है। इसी के साथ उसने आस्ट्रेलिया के लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीतने की बराबरी कर ली है। आस्ट्रेलिया ने 2005 से 2008 तक लगातार नौ टेस्ट सीरीज जीती थीं। 

भारत ने चौथे दिन अपनी दूसरी पारी पांच विकेट के नुकसान पर 256 रनों पर घोषित करते हुए श्रीलंका को विशाल लक्ष्य दिया था। चौथे दिन का अंत श्रीलंका ने तीन विकेट के नुकसान पर 31 रनों के साथ किया था और लग रहा था कि मेजबान टीम अगले दिन आसानी से जीत हासिल करते हुए सीरीज 2-0 से अपने नाम करेगी। उसने दिन की शुरूआत भी अच्छी की और पिछली पारी में 111 रनों की पारी खेलने वाले एंजेलो मैथ्यूज (1) को दिन के छठे ओवर में मोहम्मद शमी ने पवेलियन भेज दिया। 

लेकिन, इसके बाद मेजबान टीम का स्तरीय गेंदबाजी आक्रमण श्रीलंका को ऑल आउट करने में असफल रहा। धनंजय ने कप्तान दिनेश चंडीमल (36) के साथ चौथे विकेट के लिए 112 रनों की साझेदारी की। इन दोनों ने पहले सत्र में श्रीलंका को कोई और झटका नहीं लगने दिया।

जडेजा ने चंडीमल को बोल्ड कर दिया था, लेकिन यह नो बाल निकली और चंडीमल मैदान पर बने रहे। रविंचद्रन अश्विन ने दूसरे सत्र में अंतत: चंडीमल को 147 के कुल स्कोर पर आउट कर भारत को पांचवी सफलता दिलाई। यहां से लगा कि अब भारतीय गेंदबाज वापसी कर लेंगे, लेकिन धनंजय को अपना पहला मैच खेल रहे रोशेन का साथ मिला।

दोनों ने मिलकर एक बार फिर श्रीलंकाई पारी को संवारा। यह साझेदारी अच्छी जा रही थी और दोनों ने मिलकर स्कोरबोर्ड में 58 रनों का इजाफा कर दिया था, इसी बीच 76वें ओवर में धनंजय की पीठ में समस्या हुई और वह मैदान से बाहर चले गए। इसके बाद वह मैदान पर लौट कर नहीं आए। उन्होंने अपनी पारी में 219 गेंदों पर 15 चौके और एक छक्का लगाया। 

यहां एक बार फिर भारत की जीत की उम्मीद जगी, लेकिन इस बार रोशेन को निरोशन डिकवेला (नाबाद 36) का साथ मिला और श्रीलंका ने दूसरे सत्र का अंत पांच विकेट के नुकसान 226 रनों के साथ किया। तीसरे व अंतिम सत्र में कोटला की पिच के स्वभाव को देखते हुए लग रहा था कि भारतीय गेंदबाज कुछ कमाल कर देंगे लेकिन डिकवेला और रोशेन ने श्रीलंका के संघर्ष को जारी रखा और अंतत: भारत के हाथ से जीत छीन ली और श्रीलंका को हार की स्थिति से बाहर निकालते हुए मैच ड्रॉ करा दिया।

दोनों ने 83 रनों की साझेदारी की। तीसरे सत्र में विकेटकीपर रिद्धिमान साहा ने डिकवेला को स्टम्प करने का मौका गंवा दिया जो उसे भारी पड़ा। रोशेन ने 132 गेंदों की अपनी पारी में 11 चौके लगाए।

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श्रीलंका ने चौथे दिन आखिरी सत्र में दिमुथ करुणारत्ने (13), सादिरा समाराविक्रमा (5), सुरंगा लकमल के विकेट खोए थे। भारत की तरफ से जडेजा ने तीन विकेट लिए, जबकि अश्विन और मोहम्मद शमी को एक-एक विकेट मिला। 

भारत ने अपनी पहली पारी 536 रनों पर सात विकेट के नुकसान पर घोषित कर दी थी और श्रीलंका को पहली पारी में 373 रनों पर सीमित कर दिया था। भारत की तरफ से पहली पारी में कप्तान विराट कोहली ने 243, मुरली विजय ने 155 और रोहित शर्मा ने 65 रनों की पारियां खेली थीं। वहीं श्रीलंका की तरफ से पहली पारी में मैथ्यूज के 111 रनों अलावा चंडीमल ने 164 रन बनाए थे। 

भारत की तरफ से दूसरी पारी में शिखर धवन 67 के अलावा कोहली और रोहित ने 50-50 रन बनाए थे। चेतेश्वर पुजारा ने 49 रन बनाए थे। यह मैच दिल्ली के प्रदूषण के कारण भी चर्चा में रहा। 

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