भारतीय हॉकी टीम के कप्तान श्रीजेश ने कहा-प्रदर्शन में निरंतरता के लिए कड़ी मेहनत की है
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में शुमार पी.आर श्रीजेश ने माना है कि उनकी टीम ने 18वें एशियाई खेलों में अपने खिताब की रक्षा करने के लिए प्रदर्शन में निरंतरता लाने और गोल करने के मौकों को भुनाने के लिए लगातार कड़ी मेहनत की है।
नई दिल्ली:
भारतीय हॉकी टीम के कप्तान और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गोलकीपरों में शुमार पी.आर श्रीजेश ने माना है कि उनकी टीम ने 18वें एशियाई खेलों में अपने खिताब की रक्षा करने के लिए प्रदर्शन में निरंतरता लाने और गोल करने के मौकों को भुनाने के लिए लगातार कड़ी मेहनत की है। भारत ने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2014 में हुए पिछले एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया था और हाकी वर्ल्ड रैंकिंग में भी भारतीय टीम इस समय एशिया में शीर्ष पर है। टीम ने इसी साल ऑस्टेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में पदक लाने से चूक गई थी, लेकिन जून-जुलाई में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी में टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा था।
श्रीजेश ने आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में कहा, 'हमने पिछले कुछ वर्षो में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, लेकिन हमने अपने प्रदर्शन में निरंतरता लाने पर भी कड़ी मेहनत की है। हाकी बहुत तेज खेल है और किसी भी मिनट मैच पलट सकता है, ऐसे में हमने अपने अटैक को पैना करने के लिए काफी पसीना बहाया है की, ताकि हम अधिक गोल करके खुद को विपक्षी टीम के मुकाबले मजबूत स्थिति में पहुंचा पाएं।'
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की कमान मिलने पर उन्हें गर्व है, लेकिन अगर उन्हें कप्तानी नहीं मिलती तब भी वह खिलाड़ी के रूप में अपना 100 प्रतिशत देता।
श्रीजेश ने कहा, 'मैं अगर कप्तान नहीं हूं तो भी मैदान पर अपना काम करता रहता हूं। मेरा काम है कि अपने डिफेंस के साथ लगातार बात करूं और उन्हें सही पोजीशन पर रखूं, ताकि काउंटर अटैक पर हम गोल करने में सफल हो पाएं। फील्ड के बाहर जरूर एक कप्तान के रूप में मैं अपनी टीम का मनोबल बढ़ाने में मदद करुं गा और उन्हें एक साथ रखूंगा।'
एशियाई खेलों के बाद भारत को 28 नवंबर से भुवनेश्वर में शुरू होने वाले हाकी विश्व कप में भी विश्व की शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या एशियाई टीमों के खिलाफ खेलकर भारतीय टीम विश्व की शीर्ष टीमों का मुकाबला करने के लिए तैयार हो सकती है? श्रीजेश ने कहा, 'विश्व कप में हर टीम चुनौतीपूर्ण होती है और आपको हर मैच में शीर्ष टीमों का मुकाबला नहीं करना होता। आपको हर टीम का सामना करने के लिए तैयार रहना होता है, एशिया की टीमों के खिलाफ आपको अलग तरीके से खेलना होता है, क्योंकि उनका स्टाइल अलग है। विश्व कप में पाकिस्तान और मलेशिया जैसी एशियाई टीमें भी हिस्सा लेंगी और इन खेलों से मिले अनुभव को हम विश्व कप में उनके खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं।'
एशियाई खेलों का 18वां संस्करण 18 अगस्त से 2 सितंबर के बीच इंडोनेशिया के जर्काता और पालेमबंग में आयोजित किया जाएगा।
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