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Asian Games 2018 :अमित पंघल का स्वार्णिम पंच, भारत को कुल 14वां स्वर्ण

भारत के युवा मुक्केबाज 22 साल के अमित पंघल ने यहां जारी 18वें एशियाई खेलों में उम्मीदों को पूरा करते हुए पुरुषों की 49 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया है।

Updated on: 01 Sep 2018, 01:15 PM

नई दिल्ली:

भारत के युवा मुक्केबाज 22 साल के अमित पंघल ने यहां जारी 18वें एशियाई खेलों में उम्मीदों को पूरा करते हुए पुरुषों की 49 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। राष्ट्रमंडल खेलों में रजत जीतने वाले अमित ने खेलों के 14वें दिन शनिवार को रियो ओलम्पिक-2016 के रजत पदक विजेता उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसामाटोव को बेहद रोचक और कड़े मुकाबले में 3-2 से मात देकर एशियाई खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।

भारत का यह इन खेलों में कुल 14वां स्वर्ण पदक है। इसी के साथ भारत के पदकों की संख्या अब 66 हो गई है। भारत ने इतने ही स्वर्ण 2010 में एशियाई खेलों में जीते थे। इसी के साथ भारत का यह एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने के मामले में दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हो गया है। भारत ने 1951 में दिल्ली में खेले गए एशियाई खेलों में 15 स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे।

अमित ने सेमीफाइनल में जिस तरह का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी उसके बाद उनसे स्वर्ण की ही उम्मीद थी। अमित ने उम्मीदों को ध्वस्त नहीं किया और सोने का तमगा अपने गले में डाला।

अमित ने शुरुआत अच्छी की। वह पहले राउंड में ओपन गार्ड के साथ उतरे। उनके विपक्षी भी आक्रामक थे और इसी कारण अमित ने हसन से एक तय दूरी बनाए रखी जिससे ओलम्पिक पदक विजेता के पंच चूक गए। एक बार हसन क्लींच के दौरान गिर भी पड़े। वहीं अमित के पंच भी मिस हुए।

दूसरे राउंड में आते ही अमित ने लेफ्ट जैब और राइट हुक के दो संयोजन एक साथ इस्तेमाल कर अंक बटोरे। दूसरे राउंड में हसन का आत्मविश्वास अमित के पंचों के सामने डोलता दिख रहा था। वह पंच लगा रहे थे लेकिन वो चूक रहे थे।

अमित ने डिफेंस के साथ मौका पाते ही काउंटर करने की रणनीति अपनाई। हसन ने भी इस नीति को भांपते हुए कुछ अच्छे हुक और जैब लगाए जो सटीक रहे।

तीसरे राउंड में दोनों खिलाड़ियों आक्रामक थे। दोनों ने कुछ अच्छे पंच लगाए और बॉडी अटैक किया। यह राउंड बराबरी का हुआ क्योंकि अमित और हसन दोनों के पंच लगे भी तो मिस भी हुए। अंत में पांच में से तीन रेफरियों ने अमित को विजेता माना।