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Republic Day 2020: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बोले- भारत के लोग ही गणतंत्र को चलाते हैं

राष्ट्रपति पहली बार 2018 में देश को संबोधित किया था. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति देश को बधाई देंगे.

Updated on: 25 Jan 2020, 11:47 PM

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शाम 7 बजे गणतंत्र दिवस की शुभ अवसर पर देश को संबोधित किया. बतौर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश को तीसरी बार गणतंत्र दिवस पर संबोधित किया. राष्ट्रपति पहली बार 2018 में देश को संबोधित किया था. गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति देश को बधाई दे रहे हैं. 26 जनवरी 2020 को भारत अपना 71वां गणतंत्र दिवस मनाएगा. इस बार गणतंत्र दिवस पर ब्राजील के प्रधानमंत्री अतिथि हैं.

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राष्ट्रपति ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं. कल देश 71वां गणतंत्र मनाएगा. राष्ट्रपति ने कहा कि सौभाग्य योजना से लोगों के जीवन में रोशनी आई है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान सफल हुआ. उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के लोग ही गणतंत्र को चलाते हैं. भारतीय गणतंत्र दिवस ने अपने 70 साल पूरे कर लिए हैं. अपने संबोधन में महामना ने कहा कि इसरो (ISRO) की सफलता पर हम सभी देशवासियों को बहुत गर्व है. 

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देश की योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आुष्मान योजना दुनिया की सबसे बड़ी योजान है. उज्ज्वला योजना की उपलब्धि गर्व करने योग्य है. युवा राष्ट्रीय प्रवाह में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं. तकनीकी युग में सभी के पास व्यापक सूचनाएं हैं. लोकतंत्र में सत्ता और प्रतिपक्ष दोनों की भूमिक महत्वपूर्ण होती है. अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति ने 71वें गणतंत्रदिवस की पूर्व संध्या पर कहा कि मैं देश और विदेश में बसे, भारत के सभी लोगों को, हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं. हमारे संविधान ने हम सब को एक स्वाधीन लोकतंत्र के नागरिक के रूप में कुछ अधिकार प्रदान किए हैं. लेकिन संविधान के अंतर्गत ही, हम सब ने यह ज़िम्मेदारी भी ली है कि हम न्याय, स्वतंत्रता और समानता तथा भाईचारे के मूलभूत लोकतान्त्रिक आदर्शों के प्रति सदैव प्रतिबद्ध रहें.

राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे विश्वास है कि ‘जल जीवन मिशन’ भी ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की तरह ही एक जन आंदोलन का रूप लेगा. जी.एस.टी. के लागू हो जाने से ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’ की अवधारणा को साकार रूप मिल सका है. इसी के साथ ‘ई-नाम’ योजना द्वारा भी 'एक राष्ट्र के लिए एक बाजार' बनाने की प्रक्रिया मजबूत बनाई जा रही है, जिससे किसानों को लाभ पहुंचेगा.