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गुजरात चुनाव: BJP में घमासान, अब पूर्व सांसद कांजी पटेल और उनके बेटे ने दिया पार्टी से इस्तीफा

गुजरात में टिकट बंटवारे से नाराज होकर बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के पूर्व सासंद कांजी भाई पटेल और उनके बेटे सुनील पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। सुनील पटेल ने नवसारी जिले के गंडवी विधासभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

Updated on: 21 Nov 2017, 11:50 PM

highlights

  • गुजरात में उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद इस्तीफों की झड़ी
  • बीजेपी के पूर्व एमपी और वरिष्ठ नेता कांजी भाई पटेल ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली:

गुजरात में टिकट बंटवारे से नाराज होकर बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के पूर्व सासंद कांजी भाई पटेल और उनके बेटे सुनील पटेल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

सुनील पटेल ने नवसारी जिले के गंडवी विधासभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

गुजरात में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होन के बाद से ही बीजेपी में कोहराम मचा हुआ है और स्थानीय नेताओं के इस्तीफा देने का सिलसिला शुरू हो चुका है।

पहली लिस्ट जारी होने के तुरंत बाद अंकलेश्वर विधानसभा सीट से टिकट पाने वाले उम्मीदवार के सगे भाई और भरुच जिला पंचायत के सदस्य वल्लभ पटेल ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था।

वल्लभ पटेल ने अपने लिए टिकट मांगी थी लेकिन भाई को टिकट मिल जाने की वजह से नाराजगी में उन्होंने पार्टी से किनारा कर लिया।

वहीं डांग बीजेपी के जिला महामंत्री दशरथ पुवार ने भी पहली सूची जारी होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। विजय पटेल को डांग से उम्मीदवार बनाए जाने पर दशरथ पुवार ने नाराजगी जाहिर की थी।

गुजरात में बीजेपी के प्रवक्ता आई के जडेजा को टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थकों ने बीजेपी के दफ्तर पर ही हमला बोल दिया था। जडेजा के समर्थन में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में भी जमकर बवाल काटा था।

राज्य के वरिष्ठ बीजेपी नेता प्रभात सिंह ने भी टिकट नहीं मिलने के बाद अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने अपनी पत्नी के लिए पार्टी से टिकट मांगा था।

बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर प्रभात सिंह ने कालोल विधानसभा सीट से अपनी पत्नी को निर्दलीय ही चुनाव में उतारने का ऐलान कर दिया है।

उम्मीदवारों की लिस्ट सामने आने के बाद बीजेपी सांसद लीलाधर वाघेला ने भी अपने बेटे के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद नाराजगी जाहिर की थी। वाघेला के समर्थको ने भी बीजेपी दफ्तर में जमकर हंगामा किया था। बीजेपी अब तक 106 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है।

ऐसा नहीं है कि टिकट बंटवारे को लेकर बगावत सिर्फ बीजेपी में है। कांग्रेस की पहली लिस्ट जारी होने के बाद पार्टी दफ्तर में तोड़ फोड़ हुई थी।

कांग्रेस और हार्दिक पटेल में सहमति बनने के बाद भी अहमदाबाद, सूरत और भावनगर में पाटीदार उम्मीदवारों को टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थकों ने जमकर बवाल काटा।

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हंगामा इतना बढ़ गया कि कांग्रेस दफ्तर के बाहर कांग्रेस कार्यकर्ता और पाटीदार आमने-सामने आ गए। पाटीदार नेता दिनेश बामनिया टिकट नहीं मिलने पर नाराज हो गए और बगावती रुख अपना लिया।

रिपोर्ट की माने तो पाटीदार कांग्रेस से 25 सीटें मांग रहे थे लेकिन कांग्रेस 11 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हुई। इसी को लेकर पाटीदार समर्थकों ने कांग्रेस दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया जिसमें लात-घूंसों से लेकर टेबल कुर्सी तक एक दूसरे पर फेंके गए।

गुजरात के 182 विधानसभा सीटों पर दो चरणों 9 दिसंबर और 14 दिसंबर को वोटिंग होनी है। चुनाव नतीजे 18 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।

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