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गुजरात में GST बना मुद्दा, कारोबारियों ने कहा-आधा हो गया कारोबार, सरकार से लगाई मदद की उम्मीद

चुनाव से पहले छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने जीएसटी में तीन अहम बदलाव करते हुए उन्हें राहत देने की कोशिश की थी। लेकिन कारोबारी अभी भी मदद के लिए सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।

Updated on: 24 Nov 2017, 12:07 AM

नई दिल्ली:

गुजरात चुनाव में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) धीरे-धीरे अहम चुनावी मुद्दे की शक्ल अख्तियार करता जा रहा है।

चुनाव से पहले छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देने के लिए मोदी सरकार ने जीएसटी में तीन अहम बदलाव करते हुए उन्हें राहत देने की कोशिश की थी। लेकिन कारोबारी अभी भी मदद के लिए सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।

गुजरात के सूरत के एक कारोबारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, 'जीएसटी से हमारे कारोबार को नुकसान हुआ है। कारोबार में मंदी आई है और नकदी का प्रवाह टूट गया है। हम जीएसटी स्वीकार करने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।'

गुजरात में कारोबारी समुदाय एक शक्तिशाली वोट बैंक है। नोटबंदी के बाद जीएसटी से इनका कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हुआ।

एक अन्य कपड़ा कारोबारी ने कहा, 'जीएसटी लागू होने के बाद हमारे कारोबार में 50 फीसदी तक की कमी आई है। इससे हमारे कारोबार पर असर पड़ा है।'

कारोबारियों के गुस्से को ध्यान में रखते हुए जीएसटी काउंसिल रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा में बढ़ोतरी करने के साथ कंपोजिशन स्कीम के तहत 75 लाख रुपये के टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर चुकी है।

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गौरतलब है कि कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी गुजरात विधानसभा चुनाव में नोटबंदी और जीएसटी चुनावी मुद्दा बना रहे हैं। पीएम मोदी के गुड्स एंड सिंपल टैक्स (जीएसटी) के दावे पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी गुजरात की चुनावी सभाओं में इसे 'गब्बर सिंह टैक्स' बता रहे हैं।

वहीं बीजेपी जीएसटी और नोटबंदी को 'ऐतिहासिक सुधार' बताते हुए विकास को चुनावी मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर जवाबी हमले कर रही है।

जीएसटी को चुनावी मुद्दा बनाए जाने की कांग्रेस की कोशिश पर पलटवार करते हुए जेटली ने कहा था कि गुजरात चुनाव के बाद इस आर्थिक सुधार के आलोचकों का मुंह बंद हो जाएगा।

जेटली ने कहा था कि जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव ने नोटबंदी के आलोचकों को जवाब दिया, वैसे ही गुजरात चुनाव के नतीजे जीएसटी के आलोचकों का मुंह बंद कर देंगे।

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