logo-image

आम बजट 2017: चौथी बार बजट पेश करेंगे अरुण जेटली, क्या लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे वित्त मंत्री?

नोटबंदी के बाद पूरे देश के लोगों की नजर कल पेश होने वाले आम बजट और रेल बजट पर टिकी हुई है।

Updated on: 31 Jan 2017, 08:02 PM

नई दिल्ली:

नोटबंदी के बाद पूरे देश के लोगों की नजर कल पेश होने वाले आम बजट और रेल बजट पर टिकी हुई है। आम लोग से लेकर दिग्गज कंपनियां तक, सर्विस सेक्टर से लेकर सरकारी कर्मचारी तक इस इंतजार में है कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री के पिटारे से उनके लिए क्या निकलेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली जहां अपना चौथा वहीं देश का 68 वां आम बजट पेश करेंगे। बजट पेश होने से पहले जानिए आखिर देश के आम लोगों की वित्त मंत्री अरुण जेटली से क्या हैं उम्मीदें।

इनकम टैक्स में छूट

नोटबंदी के बाद इस वित्तीय साल में जीडीपी 7.1 फीसदी रहने की उम्मीद है। जबकि केंद्र सरकार ने अपने आर्थिक अनुमान में अगले साल जीडीपी के 6.75-7.5 फीसदी रहने की संभावना जताई है। बजट से पहले नौकरी पेशा लोग चाहते हैं कि सरकार उन्हें इनकम टैक्स में कुछ ज्यादा छूट दे। कुछ आर्थिक सर्वे ने भी इस बात की तरफ इशारा किया है कि केंद्र सरकार नौकरीपेशा लोगों को टैक्स में कटौती का तोहफा दे सकती है।

वरिष्ठ नागरिकों को टैक्स में छूट

देश के सीनियर सिटीजन बजट से उम्मीद लगाए बैठे है कि सरकार टैक्स की छूट सीमा को और बढ़ाए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए अभी टैक्स की छूट सीमा 3 लाख रुपये और अति वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5 लाख रुपये हैं। वरिष्ठ नागरिक 300000 तक की आय पर कम से कम 50000 हजार रुपये तक की छूट चाहते हैं।

ये भी पढ़ें: बजट 2017: एनडीए सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट' को कितनी मिलेगी तवज्जो?

वहीं दूसरी तरफ देश के मध्यम आय वर्ग के परिवार टैक्स में 80 सी के तहत कटौती की सीमा को बढ़ाने की उम्मीद लगाए बैठे हैं अभी ये सीमा 1 लाख पचास हजारे रुपये है। लोग इसमें 1 लाख रुपये तक की वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

क्या होम लोन पर और छूट देगी सरकार

जिन लोगों ने होम लोन लिया है वो सरकार से उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार जो होम लोन पर इनकम टैक्स में छूट देती है सरकार उसे बढ़ा दे। अभी सरकार इनकम टैक्स में होम लोन के किस्त पर लगने वाले ब्याज पर साल में अधिकतम 2 लाख रुपये की छूट देती है।

 कॉर्पोरेट कर में छूट की मांग

नोटबंदी से परेशान कॉर्पोरेट सेक्टर इस बजट में सरकार से कॉर्पोरेट टैक्स में 30 फीसदी तक की छूट चाहती है। विशेषज्ञों के मुताबिक अगर सरकार इस टैक्स में कमी नहीं करती तो कंपनियों को निवेश जुटाने में भारी समस्या होगी जिसकी वजह से 7.1 फीसदी के ग्रोथ रेट को पाने की सरकार की इच्छा पर भी असर पड़ेगा।

ये भी पढ़ें: बजट 2017: सबसे ज़्यादा बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री है यह... देखिए लिस्ट

मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाए सरकार

देश के आम लोग चाहते है कि सरकार इस बजट में ग्रामीण भारत के विकास के लिए, महिलाओं के लिए, स्वास्थ्य और शिक्षा पर बजट की राशि बढ़ाए ताकि लोगों को शहर से दूर गांव में भी अच्छी सुविधाएं मिल सकें। इसके अलावा किसानों को खेती से आकर्षित करने के लिए और घरेलू उत्पादन क्षमता को बढा़ने के लिए भी सरकार बजट में नई घोषणाओं और योजनाओं का ऐलान कर सकती है।

फिजिकल डेफिसिट को कम करने की कोशिश

केंद्र सरकार इस बजट में फिजिकल डेफिसिट कोकम करने के लिए भी कई कदम उठा सकती है। अभी देश का फिजिकल डेफिसिट घाटा देश की जीडीपी का करीब 3.5 फीसदी है। सरकार उम्मीद लगाए बैठी है कि 7 वें वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद नौकरी पेशा लोगों की आमदनी बढ़ेगी जिससे उनकी खरीददारी करने की क्षमता भी बढ़ेगी। इससे सरकार को ज्यादा टैक्स की आमदनी होगी जिससे वो अपने इस घाटे को पूरा कर पाएगी

ये भी पढ़ें: बजट 2017: आम बजट की वो ख़ास बातें जो शायद आप नहीं जानते!

किसानों को सौगात दे सकती है सरकार

इस बजट में उम्मीद है कि सरकार देश में उत्पादन को बढा़ने के लिए किसानों को कर्जों में छूट और उनके लिए नई योजनाओं को भी ऐलान कर सकती है।

सरकार खेती को बढ़ावा देने के लिए 2017-18 में 1 लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक का बजट निर्धारित कर सकती है। इसी के तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए वित्त मंत्री इस फंड में 10 हजार करोड़ रुपये देने का ऐलान कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: बजट 2017: सरकार ने आर्थिक सर्वे किया पेश, 2017 में खुदरा महंगाई दर 5 फीसदी रहने का अनुमान

आजादी के बाद देश में ऐसा पहली बार हो रहा है जब आम बजट के साथ ही रेल बजट भी किया जाएगा।