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Exclusive: मजदूर से उत्‍तर प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष तक, बड़ी दिलचस्‍प है 'लल्‍लू' की कहानी

लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस (Congress) बुरे दौर से गुजर रही है. पार्टी के अधिकतर पदों से लोग इस्‍तीफा दे चुके हैं और राहुल गांधी नेपथ्‍य में चले गए हैं

Updated on: 08 Oct 2019, 04:17 PM

नई दिल्‍ली:

आने वाले दिनों में उत्‍तर प्रदेश में कांग्रेस (Congress) का नया तेवर और कलेवर देखने को मिलेगा. पहली बार कांग्रेस (Congress) ने एक ऐसे युवा नेता को प्रदेश की कमान सौंपी है जो जमीन का नेता है. मोदी (PM Narendra Modi) की सुनामी में भी कुशीनगर की तमकुहीराज सीट से अजय कुमार (Ajay Kumar 'Lallu') ने जीत दर्ज की. सोमवार रात जब उनके प्रदेश कांग्रेस (Uttar Pradesh Congress) अध्‍यक्ष बनने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल (Viral) हुई तो लोगों का सबसे बड़ा सवाल था कि ये लल्‍लू कौन है?

मंगलवार को NewState.com से बात करते हुए अजय कुमार 'लल्‍लू' ने सोशल मीडिया पर उठ रहे इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये लल्‍लू एक सामान्‍य आदमी है, जो आम लोगों के दुख दर्द को सड़क से सदन तक उठाता रहता है. उन्‍होंने प्रदेश अध्‍यक्ष बनाए जाने का श्रेय कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया और महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi Vadra)को दिया. लल्‍लू कहते हैं आने वाले दिनों में जनता की आवाज और पुरजोर तरीके से पार्टी उठाएगी. संगठन में यह फेरबदल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर किया गया है.

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बता दें अजय कुमार को उनके क्षेत्र में धरना कुमार के नाम से जाना जाता है. आम कांग्रेस (Congress) नेताओं से अलग अजय कुमार 'लल्‍लू' बिना किसी तामझाम के खुद को क्षेत्र की जनता के तपाते हैं. अपने अबतक के राजनैतिक सफर के बारे बताते हुए कहते हैं कि 2007 में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर विधानसभा चुनाव हारने के बाद वो टूट गए थे. राजनीति छोड़कर दिल्ली की ओर रुख किया और यहां उन्‍होंने मजदूरी शुरू की, लेकिन उनसे जुड़े लोगों को उनकी कमी खलती थी. बार-बार लोगों के बुलावे पर वह कुशीनगर लौटे और मुसहरों का मुद्दा लेकर सड़क पर उतर गए.

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लल्‍लू बताते हैं कि वह जिस क्षेत्र से आते हैं वहां नदियां बस्‍तियों को निगल रही थीं और चीनी मिल किसानों की गाढ़ी मेहनत को. इन दोनों मुद्दों को लेकर उन्‍होंने चीनी मिलों का घेराव किया. इसी बीच फिर से चुनाव आ गया. कांग्रेस (Congress) ने उनपर दांव लगाया और कुशीननगर की तमकुहीराज सीट से उन्‍होंने जीत दर्ज की, वह भी तब जब पूरे प्रदेश में मोदी (PM Narendra Modi) की सुनामी चल रही थी.

मिशन 2022

अजय कुमार लल्लू बताते हैं कि प्रियंका गांधी ने उप्र कांग्रेस (Congress) कमेटी में सभी वर्गों को उचित प्रतिनिधित्‍व दिया है. उत्तर प्रदेश की कमेटी भी सामाजिक संतुलन और जातीय समीकरणों के आधार पर तैयार हुई है, जिसका असर चुनावी राजनीति में साफ-साफ दिखेगा. बता दें अजय कुमार लल्लू कान्दू (मद्धेशिया वैश्‍य) यानी बनिया जाति से आते हैं.

ऐसे मिली कमान

लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस (Congress) बुरे दौर से गुजर रही है. पार्टी के अधिकतर पदों से लोग इस्‍तीफा दे चुके हैं और राहुल गांधी नेपथ्‍य में चले गए हैं. प्रियंका गांधी पार्टी को नए सिरे से एकजुट करने में लगी हैं. उत्‍तर प्रदेश में पिछले कई दशक से पार्टी को वोट तो छोड़िए कार्यकर्ताओं के भी लाले हैं. ऐसे में कांग्रेस (Congress) में नई जान फूंकने के लिए पार्टी को जुझारू और जमीन से जुड़े नेता की तलाश थी.

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सोनभद्र में हुए नरसंहार को लेकर सबसे पहले कांग्रेस (Congress) ने ही आंदोलन शुरू किया और इसके कर्ता-धर्ता थे अजय कुमार 'लल्‍लू'. प्रियंका गांधी के नेतृत्‍व में अजय का आंदोलन सफल रहा.

इसके बाद चाहे वह उन्नाव रेप कांड हो यह महंगाई का मुद्दा, लल्‍लू के नेतृत्‍व में कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. लल्‍लू कहते हैं ,' शाहजहांपुर की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेस (Congress) ने पदयात्रा का आह्वान किया. योगी सरकार ने सभी कांग्रेस (Congress) कार्याकर्ताओं को हिरासत में ले लिया, बावजूद इसके वहां 3000 लोगों का जुटना यह साबित करता है कि कांग्रेस (Congress) को हल्‍के में लेना विरोधियों की बड़ी भूल होगी. आने वाले दिनों में कांग्रेस (Congress) का नया तेवर और कलेवर देखने को मिलेगा.'