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नागरिकता संशोधन बिल क्या है? सरल शब्दों में यहां पढ़े नहीं रहेगा कोई कन्फ्यूजन

नागरिकता संशोधन बिल के गैर-कानूनी रूप से भारत में घुसे हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता प्रदान करना है.

Updated on: 11 Dec 2019, 11:04 AM

नई दिल्‍ली:

पूरे देश भर में नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) को लेकर चर्चा हो रही है. विपक्ष जहां इसे मुस्लिम विरोधी बता रहा है वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि इस बिल से किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अभी भी बहुत सारे लोगों को नहीं पता है कि यह क्या है. इसे लेकर देश दो भागों में क्यों विभाजित हो गया है. तो चलिए आसान और सरल शब्दों में हम आपको बताते हैं कि नागरिकता संशोधन बिल (CAB) क्या है.

  • नागरिकता संशोधन बिल के गैर-कानूनी रूप से भारत में घुसे हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी को भारत की नागरिकता प्रदान करना है.
  • जो लोग धर्म के आधार पर उत्पीड़न के शिकार हुए हैं और वो अपनी जान बचाने के लिए अपने देश को छोड़कर भारत में दाखिल हुए हैं उन्हें सुरक्षा देना और भारत का नागरिक बनाया जा सकता है इस बिल के जरिए. इसमें हिंदू, ईसाई, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी धर्म शामिल होगा.

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  • पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से ग़ैर-मुसलमान जो भारत में आ गए हैं उन अवैध प्रवासी को भारत की नागरिकता दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
  • नागरिकता संशोधन बिल में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में आने वाले हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है.
  • सरल शब्दों में समझिए तो मुसलमानों को छोड़कर जो भी समुदाय धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत में गैर-कानूनी तरीके से दाखिल हुए उन्हें इस बिल के जरिए भारत की नागरिकता प्रदान करना है.

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इस विधेयक का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, समाजवादी पार्टी, वामदल तथा राष्ट्रीय जनता दल, बीएसपी इस बिल का विरोध कर रहे हैं. पूर्वोत्तर राज्यों में भी इस विधेयक का विरोध हो रहा है. वहां के लोगों की चिंता है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जा सकती है. उनके जमीन पर किसी और रहने का अधिकार मिल जाएगा.