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यस बैंक के राणा कपूर से दो करोड़ रुपए लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने, ईडी कर सकती है पूछताछ

यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर की स्वीकारोक्ति के बाद ईडी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से न सिर्फ पूछताछ कर सकती है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित उनका कॉटेज भी जब्त कर सकती है.

Updated on: 10 Mar 2020, 10:15 AM

highlights

  • मिलिंद देवड़ा के कहने पर राणा कपूर ने प्रियंका गांधी को दिए 2 करोड़.
  • यह रुपए राजीव गांधी की पेंटिंग खरीदने के एवज में चुकाई गई थी.
  • इस खुलासे के बाद ईडी प्रियंका-मिलिंद से कर सकती है पूछताछ.

नई दिल्ली:

यस बैंक (Yes Bank) के संस्थापक राणा कपूर (Rana Kapoor) की गिरफ्तारी और डीएचएलएफ घोटाले (DHLF Scam) के तारों के जाल में कांग्रेस भी फंस सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) से पूछताछ के दौरान राणा कपूर ने स्वीकार किया है कि दक्षिण मुंबई से कांग्रेस के पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा (Milind Deora) ने राणा पर प्रियंका गांधी से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पेंटिंग दो करोड़ रुपए में खरीदने का दबाव बनाया था. इस स्वीकारोक्ति के बाद ईडी कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) से न सिर्फ पूछताछ कर सकती है, बल्कि हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित उनका कॉटेज भी जब्त कर सकती है. इसके साथ ही ईडी मिलिंद देवड़ा को भी पूछताछ के लिए तलब कर सकती है.

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प्रियंका का शिमला कॉटेज भी हो सकता है जब्त
गौरतलब है कि मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत किसी आरोपी से प्राप्त धन या उस धन से खरीदी गई संपत्ति जब्त की जा सकती है. ऐसे में राणा कपूर से मिले दो करोड़ रुपये से प्रियंका गांधी ने शिमला में जो कॉटेज खरीदा था, उसे ईडी अटैच कर सकती है. हालांकि इस आरोप पर कांग्रेस अपनी सफाई पेश कर चुकी है. कांग्रेस पार्टी का कहना है कि प्रियंका गांधी ने मशहूर चित्रकार एमएफ हुसैन की बनाई राजीव गांधी की पेंटिंग राणा कपूर को बेची, तो इसमें कोई बुराई नहीं है. पार्टी ने रविवार को कहा कि प्रियंका ने पेंटिंग से प्राप्त राशि का अपने इनकम टैक्स रिटर्न्स में भी जिक्र किया है.

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राणा कपूर के स्मार्टफोन से हुआ खुलासा
ईडी के सूत्रों के मुताबिक राणा कपूर ने ईमेल और देवड़ा के ब्लैक बेरी फोन से प्राप्त टेक्स्ट मैसेज को एक दशक तक सहेज कर रखा. इन्हीं ईमेल और मैसेज के हवाले से बताया कि देवड़ा ने ही लेन-देन शुरू किया. देवड़ा ने पहली बार 1 मई 2010 को राणा कपूर को निर्देश दिया था. उन्होंने कपूर को कहा था कि वह 'मिसेज गांधी' को पत्र लिख राजीव गांधी का चित्र खरीदने की इच्छा जताएं. इसके बाद देवड़ा कई टेक्स्ट मैसेज भेजकर कपूर पर दबाव बनाते रहे. हालांकि कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी प्रियंका गांधी वाड्रा द्वारा यस बैंक के संस्थापक को पेंटिंग बेचे जाने के मसले पर विवाद को बढ़ावा दे रही है ताकि असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा सके.

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देवड़ा ने लिया था सोनिया का भी नाम
देवड़ा ने 29 मई 2010 को लिखा, 'राणा अंकल, मैंने 28 मई का आपका पत्र पाया और उसे पीजी (प्रियंका गांधी) के पास भेज दिया. उनके या उनके परिवार के साथ मीटिंग तो संभव नहीं है. फिर भी मैं प्रयास करूंगा और बाद में इसकी व्यवस्था करूंगा. उनकी मां (सोनिया गांधी) और वह (प्रियंका गांधी) अगले हफ्ते की शुरुआत में ही चेक चाहते हैं. उन्होंने मेरे पिताजी को भी यही बात कही है. देवड़ा ने 2 जून, 2010 को भी कपूर को मैसेज किया. उन्होंने लिखा, 'राणा अंकल, कृपया बताएं कि मैं आपसे चेक कब ले सकता हूं? मैं उन्हें (प्रियंका और सोनिया गांधी को) पिछले कुछ हफ्तों से आश्वासन ही दे रहा हूं, लेकिन अब उनका धैर्य जवाब दे रहा है. कृपया मुझपर विश्वास कीजिए और अब देर मत कीजिए। धन्यवाद। मिलिंद.'

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दबाव के बाद दे दिया 2 करोड़ का चेक
अगले दिन 3 जून 2010 को कपूर ने एचएसबीसी बैंक के पर्सनल अकाउंट से प्रियंका के नाम 2 करोड़ रुपये का चेक जारी कर दिया. जांच में पता चला कि कपूर ने प्रियंका को दिए 2 करोड़ रुपये की रकम यस बैंक से रीइंबर्स करवा ली. अधिकारियों के मुताबिक यह धन शोधन रोकथाम कानून (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट) के तहत आपराधिक लेनदेन है. बहरहाल, प्रियंका गांधी ने भी अगले ही दिन 4 जून 2010 के कपूर को पत्र लिखा और कहा कि उन्हें 'पेंटिंग का पूरा पेमेंट मिल चुका है.' उन्होंने पत्र में यह भी बताया पेटिंग 'अभी उनके पास ही है'. ईडी सूत्रों ने कहा कि जांच एजेंसी प्रियंका के इस दावे की भी जांच करेगी कि क्या 1985 में कांग्रेस के शताब्दी समारोह के वक्त एमएफ हुसैन ने राजीव की जो पेटिंग भेंट की थी, वह वास्तव में प्रियंका के पास थी?