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अगर बाज नहीं आया पाकिस्‍तान और गिरा दे परमाणु बम (Atom Bomb) तो ऐसे बच सकते हैं आप

अगर पाकिस्तान हमारे भारत पर परमाणु बम (Atom Bomb) से हमला करता है तो इसका हम पर कितना और क्या प्रभाव पड़ेगा?

Updated on: 03 Oct 2019, 03:26 PM

नई दिल्‍ली:

पाकिस्‍तान पिछले कई दिनों से परमाणु युद्ध (Nuclear Attack)की धमकी दे रहा है. अगर भारत और पाकिस्‍तान के बीच परमाणु युद्ध (Nuclear Attack) हुआ तो दुनिया की करीब 40 फीसद आबादी खतरे में पड़ जाएगी. करोड़ों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठेंगे और जो बच जाएंगे उनकी जिंदगी मौत से भी बदतर होगी. परमाणु युद्ध (Nuclear Attack)की बात कहना जितना आसान है, उतना ही मुश्किल उसकी भरपाई कर पाना. जरा याद कीजिए 77 साल हुए दूसरे विश्‍वयुद्ध को. जब अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम गिराकर कर तबाह कर दिया था. इसका असर आज भी जापान के इन दो अभागे शहरों में देखने को मिलता है. इन दोनों शहरों पर गिरा परमाणु बम आज की तुलना में बने परमाणु बमों की अपेक्षा छोटे थे. लेकिन आज के दौर में अगर पाकिस्तान हमारे भारत पर परमाणु बम से हमला करता है तो इसका हम पर कितना और क्या प्रभाव पड़ेगा?

पहला प्रभाव

परमाणु बम कभी जमीन पर नहीं फोड़ा जाता. हवा में विस्‍फोट करने वाला यह बम इतना खतरनाक होता है कि जिस जगह विस्फोट होगा वहां तेज रोशनी के साथ ही एक भयानक आग का गोला आसमान में उठेगा. आग के इस गोले में आसपास की इमारतें और दूसरी चीजें समा जाएंगी.

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पलक झपकते ही मीलों तक सबकुछ जलकर राख हो जाएगा. इस विस्फोट से पैदा होने वाली रोशनी से कई लोग अंधे भी हो सकते हैं. आग का यह गोला हमारे वातावरण की सारी हवा सोख लेगा और कई मील तक वातावरण को Airless कर देगा. इससे पैदा होने वाले रेडिएशन से सब कुछ नष्ट हो जाएगा. यानी जीवन का नामोनिशान नहीं मिलेगा.

दूसरा प्रभाव

परमाणु विस्फोट के बाद इतना कार्बन निकलेगा कि इससे बहुत बड़ा काला और जहरीला बादल बन जाएगा. यह बादल हमारी पृथ्वी की 70% ओजोन परत को नष्ट कर देगा और अंतरिक्ष से आनी वाली पराबैंगनी किरणों से मानवजाति और वनस्पति का अस्तित्व खत्म होने ही कगार पर होगा. यहां तक कि सूर्य से निकलने वाली किरणें पृथ्वी पर नहीं आ सकेंगी. काफी दिनों तक अंधेरा छाया रहेगा और ग्रीस की तरह काली पदार्थ की बारिश होगी. यह बारिश की लाखों लोगों को निगल लेगी. वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसे जहरीले बादल को छंटने में कई साल लग सकते हैं.

तीसरा प्रभाव 

इस युद्ध से सबसे ज्यादा नुकसान आर्थिक और सामाजिक स्‍तर पर होगा. देश में भुखमरी , गरीबी, बेरोजगारी से अपराध बढ़ने लगेंगे, जिससे आंतरिक सुरक्षा और दूसरी कई समस्याएं खड़ी हो जाएंगी. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक अगर भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध (Nuclear Attack) हुआ तो विस्फोट में ही 1.5 करोड़ लोग अपनी जान गंवा बैठेंगे. हो सकता है कि हिरोशिमा और नागासाकी की तरह यहां भी आने वाले कई साल तक लोग किसी ना किसी बिमारी के साथ पैदा होगें.

कैसे करें बचाव (How to Survive in Nuclear Attack)

वैसे परमाणु बम के हमले से किसी की भी जान बच पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखने से काफी हद तक इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.

बड़े शहरों से दूर

पाकिस्तान भारत को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के लिए यहां के प्रमुख शहरों पर हमला करने की कोशिश करेगा. इसीलिए अगर आप भी किसी बड़े शहर जैसे मुम्बई- दिल्ली में रहते हैं तो जितना जल्दी हो सके उस जगह को छोड़कर किसी सुरक्षित जगह पर चले जाएं जो उस एरिया से बहुत दूर हो.

अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन

अगर पाकिस्तान किसी शहर पर परमाणु हमला करता है तो उस शहर में बने अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन या सबवे आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं. बता दें कि कई देशों ने ऐसे परमाणु बम हमले से बचने के लिए सैल्यूटर्स बनाए हैं. जिन पर इसका कोई असर नहीं होता, लेकिन भारत में ऐसे सैल्यूटर्स सिर्फ वीआईपी और सेना के पास ही हैं.

बेसमेंट

आपके आस पास या आपसे 5 किमी के दायरे में परमाणु हमला होता है. तो इससे किसी को भी बचाया नहीं जा सकता. अगर आप परमाणु हमले से 5 किमी से ज्यादा दूर हैं और आपके पास बेसमेंट हैं, तो जान बचाने का एक सुनहारा मौका होगा. लेकिन इसके लिए भी आपके पास ज्यादा समय नहीं होगा. आपको विस्फोट होने के अगले 10 सेकंड में ही बेसमेंट तक पहुंचना होगा. नहीं तो आपकी जान को खतरा हो सकता हैं.

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ये भी कर सकते हैं

  • अगर कोई तेज़ आग का गोला या रोशनी नज़र आए तो उसकी तरफ़ मत देखिए. ये आपको अंधा कर सकती है. जितना जल्दी हो सके किसी बंद जगह पर ख़ुद को क़ैद कर लीजिए. रेडिएशन मीलों दूर तक फैलता है. लिहाज़ा ज़्यादा दूर जाने के बजाय जहां हैं वहीं ख़ुद के लिए महफ़ूज़ पनाहगाह तलाश लीजिए.
  • रेडिएशन आपके कपड़ों पर बैठ जाएगा, लिहाज़ा अपने कपड़े तुरंत बदल लीजिए और बदन को अच्छी तरह साफ़ कर लीजिए. जो कपड़े उतारें उन्हें किसी प्लास्टिक के बैग में बंद करके इंसानों और जानवरों से जितना दूर हो सके उतना दूर रखें.

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  • साबुन से अपने शरीर को अच्छी तरह से धो लें. लेकिन बदन को रगड़ना नहीं है. ना ही बालों में कंडीशनर का इस्तेमाल करें. रेडिएशन कंडीशनर के साथ चिपक कर आपके बालों में जमा हो सकता है.
  • अपनी नाक, कान और आंखों को बहुत नाज़ुक तरीके से किसी साफ़ कपड़े या टिशू पेपर से साफ़ कीजिए.
  • वैसे दुनिया भर में बहुत जगहों पर न्यूक्लियर शेल्टर हाउस बने हुए हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल अब दूसरे मक़सद से हो रहा है. रेडक्रॉस सोसाइटी जैसी संस्थाएं हर तरह के हालात से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि अगर ऐसी स्थिति पैदा होती है, तो कोई भी संस्था बड़े पैमाने पर फ़ौरी मदद नहीं कर सकती.