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करतारपुर साहिब गुरुद्वारा का जानें क्‍या है इतिहास, Kartarpur Corridor को लेकर पाकिस्‍तान की क्‍या है साजिश

करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) का नौ नवंबर को उद्घाटन होगा लेकिन पाकिस्‍तान में जहां करतारपुर साहिब गुरुद्वारा स्थित है, वहां पर आतंकी कैंप्‍स सक्रिय हैं.

Updated on: 06 Nov 2019, 11:04 PM

नई दिल्‍ली:

करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) पर पाकिस्तान (Pakistan) की नीयत पर लगातार खोट है. पाकिस्‍तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर पर जारी वीडियो को लेकर देश की सियासत गर्मा गई है. इस पर भारत ने पाकिस्‍तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर पर जारी वीडियो में तीन खालिस्‍तानी अलगाववादी नेताओं के फोटो दिखाने पर आपत्ति जताई है. आइए जानें भारत और पाकिस्‍तान के बीच तमाम तनाव के बावजूद इसको लेकर दोनों देश इतना उत्‍साहित क्‍यों हैं? आखिर सिखों के लिए करतारपुर साहिब का क्‍या महत्‍व है? 

दरअसल सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने अपने जीवन के 18 साल करतारपुर साहिब में बिताए. मान्‍यता है कि श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे की नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी थी. हालांकि बाद में रावी नदी में बाढ़ के कारण यह बह गया था. इसके बाद वर्तमान गुरुद्वारा महाराजा रंजीत सिंह ने बनवाया था.

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कहा जाता है कि गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर कुदरत का बनाया अद्भुत स्थान है. गुरुद्वारे के अंदर एक कुआं है. माना जाता है कि ये कुआं गुरुनानक देव जी के समय से है और इस कारण कुएं को लेकर श्रद्धालुओं में काफ़ी मान्यता है.

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कुएं के पास एक बम के टुकड़े को भी शीशे में सहेज कर रखा गया है. कहा जाता है कि 1971 की लड़ाई में ये बम यहां गिरा था.  पटियाला के महाराजा द्वारा दी रकम से गुरुद्वारे की वर्तमान बिल्डिंग करीब 1,35,600 रुपए की लागत से तैयार हुई थी. इस रकम को पटियाला के महाराज सरदार भूपिंदर सिंह की ओर से दान में दिया गया था. बाद में साल 1995 में पाकिस्‍तान की सरकार ने इसकी मरम्‍मत कराई थी और साल 2004 में यह काम पूरा हो सका.

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अब 70 साल बाद श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के मौके पर इस अरदास को सुन लिया गया है. दरअसल , 1947 में हुए बंटवारे के बाद सिखों की अरदास में इस लाइन को जोड़ा गया. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भारत-पाक बंटवारे के बाद सिखों के कई ऐतिहासिक गुरुद्वारे पाकिस्तान की तरफ रह गए. इनमें पंजा साहिब , ननकाना साहिब , डेरा साहिब लाहौर और करतारपुर साहिब शामिल हैं.

  • 1522: सिखों के पहले गुरु गुरु नानक देव ने करतारपुर में पहले गुरुद्वारे कि स्थापना की
  • 1947 : भारत पाक विभाजन के बाद करतारपुर पाकिस्तान के पंजाब वाले हिस्से में चला गया
  • 1999 : तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर बस यात्रा के दौरान करतारपुर कॉरिडोर का प्रस्ताव रखा
  • 2000 : करतारपुर गुरुद्वारा तक भारतीय सीमा से एक पुल के ज़रिये सिख श्रद्धालुओं को विज फ्री इंट्री देने पर पाकिस्तान ने सहमति जता दी
  • 2018 : पाकिस्तान में इमरान सरकार के शपथ ग्रहण के बाद फिर से कॉरिडोर बनाने कि कोशिशें तेज़ हुई , क्योंकि अब तक पाकिस्तान सरकार के अड़ंगे कि वजह से ही ये कॉरिडोर अटका रहा था
  • 22 नवंबर 2018 : केंद्रीय कैबिनेट ने करतारपुर कॉरिडोर बनाने को हरी झंडी दी
  • 26 नवम्बर 2018 : उपराष्ट्रपति वेंकैय्या नायडू ने गुरदासपुर के मन्न गांव में करतारपुर कॉरिडोर का शिलान्यास किया
  • 28 नवम्बर 2018 : पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने नरोवल में कॉरिडोर का शिलान्यास किया
  • 14 मार्च 2019 : दोनों देशों के अधिकारीयों कि पहली बैठक हुई , भारत ने खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला और बिशन सिंह के पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में होने पर विरोध जताया
  • 2 अप्रैल 2019 : भारत के एतराज़ के बाद पाकिस्तान ने गोपाल सिंह चावला और बिशन सिंह को पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से हटा दिया , जिसके बाद दूसरी बैठक हुई
  • 4 सितंबर. 2019 : करतारपुर कॉरिडोर कैसे काम करेगा इस पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच अटारी में हुई तीसरे दौर की बैठक हुई
  • 9 नवम्बर 2019 : करतारपुर कॉरिडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा

दोनों देशों के बीच समझौते में क्या है

  • कोई भी भारतीय किसी भी धर्म या मज़हब को मानने वाला हो. उसे इस यात्रा के लिए वीज़ा की ज़रूरत नहीं होगी.
  • यात्रियों के लिए पासपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक ट्रैवेल ऑथराइजेशन (ईटीए) की ज़रूरत होगी.
  • ये कॉरिडोर पूरे साल खुला रहेगा.
  • भारतीय विदेश मंत्रालय यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की लिस्ट 10 दिन पहले पाकिस्तान को देगा.
  • हर श्रद्धालु को 20 डॉलर यानि क़रीब 1400 रुपये देने होंगे.
  • एक दिन में पाँच हज़ार लोग इस कॉरिडोर के ज़रिए दर्शन के लिए जा सकेंगे.
  • अभी अस्थाई पुल का इस्तेमाल किया जा रहा है और आने वाले वक्त में एक स्थाई पुल बनाया जाएगा.
  • श्रद्धालुओं को इस यात्रा के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. ये पोर्टल गुरुवार से शुरु हो चुका है. आवेदकों के मेल और मैसेज के ज़रिए चार दिन पहले उनके आवेदन के कन्फ़र्मेशन की जानकारी दी जाएगी.

करतापुर कॉरिडोर पाकिस्तान की साज़िश

  • नौ नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरिडोर को उद्घाटन होगा लेकिन इंटेलीजेंस एजेंसियों की ओर से कहा गया है कि पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत के जिस जिले में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा स्थित है , वहां पर आतंकी कैंप्‍स सक्रिय हैं.
  • करतारपुर कॉरिडोर , भारत के पंजाब के गुरदासपुर में स्थित डेरा बाबा नानक को दरबार साहिब गुरुद्वारे से जोड़ेगा. यह गुरुद्वारा पंजाब के नारोवाल में है. इंटेलीजेंस एजेंसियों से जुड़े सूत्रों की ओर से कहा गया है कि मुरिदके , शकरग और नारोवाल में आतंकी कैंप्‍स मौजूद हैं और यहां पर भारी संख्‍या में न सिर्फ पुरुष बल्कि महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी जा रही है.
  • इमरान ने ट्विटर पर लिखा , ' भारत से करतारपुर आने वाले सिखों के लिए मैंनें दो शर्तों में ढील दी हैं. उन्‍हें अब पासपोर्ट की जगह सिर्फ एक वैध आईडी की जरूरत होगी. साथ ही उन्‍हें अब 10 दिन पहले एडवांस में बुकिंग कराने की जरूरत नहीं होगी. इसके साथ ही गुरुजी के 550 वीं जन्‍मतिथि पर और कॉरिडोर के उद्घाटन पर किसी भी तरह का शुल्‍क नहीं लिया जाएगा. ' यह आजादी के बाद पहला ऐसा वीजा फ्री कॉरिडोर है जो दोनों देशों को आपस में जोड़ता है.
  • करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से ठीक पहले पाकिस्तान ने एक वीडियो संगीत गीत जारी किया है. इस पर सवाल खड़े हो गए हैं. इस वीडियो में खालिस्तानी आतंकवादी भिंडरावाले समेत 3 आतंकवादियों की तस्वीर भी शामिल है.
  • अंदेशा जताया जाता रहा है कि पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल खालिस्तान समर्थकों की भावनाओं को भड़काने का काम करना चाहता है. हालांकि पाकिस्तान इससे इनकार करता रहा है , लेकिन इस वीडियो गीत में भिंडरावाले और दो और आतंकवादियों की तस्वीर को शामिल किए जाने से पाकिस्तान की मंशा उजागर हो गई है.